AstrologyBikanerIndia

ज्योतिष की नज़र में नव वर्ष 2022

▪️न्यायालय ओर मीडिया होगा मुखर
▪️संक्रमण ओर प्राकृतिक प्रकोप से परेशानी
▪️जून 2024 तक कोरोना का विस्फोट

1 जनवरी शनिवार से नव वर्ष 2022 का शुभारंभ होगा । गत दो वर्षों से त्रासदी ओर अवसाद को झेलते हुए इसी आशा और विश्वास में जी रहे है कि कुछ तो सुकून भरी जिंदगी जीने का अवसर मिलेगा। दुर्भाग्य से ग्रह गत्यानुसार ऐसा होना मुमकिन होता नही प्रतीत हो रहा है। ज्योतिषाचार्य पं. गिरवर प्रसाद बिस्सा के अनुसार 12 नवम्बर की पिछली पोस्ट में आने वाली विभीषण संक्रमण की लहर के बारे में अवगत करा दिया था । शासन प्रशासन और आम जन के लिए संक्रमण 30 अप्रेल 2022 तक चुनौती भरा रहेगा । वैज्ञानिकों को मजबूर होकर वैक्सीन की सार्थकता के लिए नए प्रयोग करने पड़ेंगे। अन्यथा इस वैक्सीन से इस संक्रमण पर जीतना मुश्किल हो जाएगा। ग्रह योगानुसार सारा विश्व इसकी चपेट में आएगा । मूल रूप से ग्रहयोगनुसार जून 2024 तक कोरोना नए नए रूपों में विकसित होकर परेशानिया पैदा करेगा । हर चार माह में अपना रूप बदलेगा ।

बिस्सा के फलादेश के अनुसार राजनीति के क्षेत्र में भारी बदलाव का योग बन रहा है । कई राज्यो में सत्ता परिवर्तन का योग । केंद्र सरकार के अहम निर्णयो से आमजन का विरोध मुखर होगा । सत्ता पक्ष और विरोधी पार्टियों के प्रमुख नेताओ के लिए कष्टदायी रहेगा ।
सरकार की आर्थिक नीतियों का परिणाम आशानुकूल नही रहेगा । जनता पर करो में वृद्धि के कारण परेशानी होगी ।आयकर में विशेष राहत नहीं होगी बल्कि कुछ चार्ज ओर लग जाएंगे । जीडीपी में गिरावट आएगी ।रुपये का अवमूल्यन होगा ।
बाजार में तेजी का योग बन रहा है रीयल स्टेट चमकेगा। आयात निर्यात में वृद्धि होगी । राम मंदिर को लेकर नए विवाद के कारण कोर्ट में स्टे होने के कारण निर्माण कार्य मे बधाएं खड़ी होगी ।
प्राकृतिक प्रकोप के कारण पूरे विश्व में परेशानी होगी ।भूकम्प ,भस्खलन ज्वालामुखी विस्फोट ओर आगजनी से जन धन की हानि होगी । हवाई ओर रेल दुर्घनाएं बहुतायत में घटेगी ।अवांछित वर्षा और सुनामी के आने से किसानों और आमजन को परेशानी होगी ।
धार्मिक और सामाजिक उन्माद के कारण साम्प्रदायिक दंगे होंगे । आतंकवादी हमलों से सावधान रहना जरूरी होगा ।

खेल जगत में भारत का वर्चस्व होगा । विज्ञान के क्षेत्र में भारत का नाम रोशन होगा । बेरोजगारी से कुछ हद तक राहत मिलने का योग बन रहा है । महिलाओं को सामाजिक और राजनीति में अच्छे अवसर मिलेंगे ।
न्यायालय सरकार की नीतियों के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेकर अविस्मरणीय निर्णय लेंगे । लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया और प्रिंट मीडिया भी सरकार की गलत नीतियों के विरुद्ध अपनी आवाज मुखर कर अपने दायित्वों का निर्वहन करेगा । यह प्रजातन्त्र के लिए शुभ संकेत होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *