निवेशक तुम कैसे आओगे …
– सरकारी एजेंसियों से संतुष्ट नहीं है प्रदेश के उद्यमी
✍ राजेश रतन व्यास ✍
बीकानेर। राज्य सरकार जनवरी 2022 में राजस्थान इन्वेस्टर समिट का आयोजन करने जा रही है और उसमें हजारों की संख्या में निवेशकों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। इतने बड़े आयोजन से पहले जिला स्तरीय समिट का फीडबैक ही इस आयोजन की दशा दिशा तय करेगा। जिला स्तरीय समिट में नए उद्योंगों का शिलान्यास, उदघाटन तथा उद्योग स्थापित करने की इच्छुक इकाईयों के साथ एमओयू आदि होंगे। अब यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या राजस्थान में ऐसा औद्योगिक माहौल उपलब्ध है जहां बाहरी निवेशक आकर निवेश करेगा। क्योंकि प्रदेशभर में उद्यमी सरकारी एजेंसियों की कार्यप्रणाली से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है। जयपुर, बीकानेर, पाली आदि जिलों के उद्यमियों की माने तो इन्वेस्टर को राजस्थान से अच्छा औद्योगिक माहौल गुजरात में मिल रहा है तब वह यहां क्यों आएगा। प्रदेश के कारोबारियों का कहना है कि यदि सरकारी एजेंसिया व नीतियों में उदार रवैया अपनाया जाए तो निश्चित रूप से इन्वेस्टर राजस्थान में निवेश करने के लिए आकर्षित होगा।
बीकानेर की बात करें तो यहां के रानीबाजार औद्योगिक क्षेत्र स्थित पार्क पैराडाइज में 20 दिसम्बर को जिला स्तरीय इन्वेस्टर समिट का आयोजन होने जा रहा है, लेकिन वर्तमान में संचालित औद्योगिक क्षेत्रों के हालातों को देखें तो आधारभूत संरचनाओं का बड़ा अभाव नजर आ रहा है। दूसरा यहां के कारोबारी रीको की कार्यप्रणाली से बेहद दुखी हैं। यहां के कारोबारियों ने बताया कि जो नया इन्वेस्टर आता है तो उनसे कारोबारी माहौल को लेकर जानकारी जरूर लेता है। ये हालात आयोजित होने वाले इन्वेस्टर समिट के लिए बड़ा चैलेंज बन सकते हैं। कारोबारियों का कहना है कि इन्वेस्टर समिट सरकार का अच्छा कदम है, लेकिन इस आयोजन से पहले आधारभूत सुविधाओं में सुधार किया जाता तथा वर्तमान उद्यमियों की परेशानियों को सुना जाता तो शायद इस समिट के सफल होना तय होता। बीकानेर के उद्यमियो का कहना है कि जब राजस्थान से ज्यादा गुजरात में उद्यमियों को सुविधाएं दी जा रही है तो कोई यहां क्यों आना चाहेगा? बीकानेर के कारोबारियों का कहना है कि निवेशकों के बीकानेर तक आने के लिए सीधी हवाई सेवा बेहद जरूरी है क्योंकि अन्य माध्यमों में समय बहुत खर्च होगा। जो किसी भी निवेशक के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
पाॅलिस में बार बार बदलाव से होती है परेशानी
पाली स्थित राजस्थान टैक्सटाइल एंड प्रोसेसर एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय जैन कहते है कि रीको से सहयोग तो मिलता है, लेकिन सरकार की बेसिक जो सरकार की पाॅलिसी होती उससे हमें बार बार परेशानी होती है। कोई भी पाॅलिसी आए तो 5-10 साल के लिए रहनी चाहिए। वरना हम उस पाॅलिसी में जैसे ही एंटर होते हैं सरकार साल दो साल में संशोधन कर देती है। उससे परेशानी आती है। राजस्थान से ज्यादा अच्छा औद्योगिक माहौल गुजरात में है। वहां नाॅम्र्स का सरलीकरण है। सरकार की मंशा है तो सहयोग करें और कुछ शिथिलिकरण करें तो इन्वेस्टर निश्चितरूप से आएगा।
ब्यूरोक्रेट्स व एजेंसियों को चुस्त दुरूस्त करें
जयपुर व्यापार मंडल के संरक्षक रवि नायर कहते है कि सबसे पहले जो सहयोग करने वाली एजेंसियां है उनको सक्रिय करने की जरूरत है। ये बाहरी निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित करें। वरना होता क्या है कि निवेशक इन्वेस्ट तो कर लेता, लेकिन उसके बाद आॅफिस में जाकर उसे इतनी प्रोबल्म आती है कि शब्द नहीं है। यदि वे राष्ट्र हित में सोचे जैसे गुजरात में मोदी जी ने किया था। वहां के जितने भी ब्यूरोक्रेटस व एजेंसियां थी सबने खूब सहयोग किया और आज गुजरात नम्बर वन हो गया। वरना गुजरात बीमारू प्रदेशों की गिनती में आता था। सरकार की नियत सहीं है तो इन एजेंसियों को थोड़ा चुस्त दुरूस्त करें किसी को कोई समस्या नहीं आएं। बैकिंग में कोई दिक्कत नहीं आए। निवेशक को जो भी इन्फ्रा स्ट्रक्चर खडा करना है उसके लिए सरकार क्या सहयोग करती है उसे मजबूत करना बहुत जरूरी है। हालांकि सरकार व उद्यमी पूरा प्रयास करते हैं, लेकिन बीच की कड़ी को चुस्त दुरूस्त करने की जरूरत है। सीएम स्वयं ब्यूरोंक्रेट्््स की बैठक लें उन्हें बताए कि प्रदेश को आगे लाना है। इच्छा शक्ति की बात है। उद्यमियों को सहयोग करें। जब प्रदेश मजबूत होगा तो देश मजबूत होगा। इन्वेस्टर आएगा इसकी संभावना थोड़ी कम लगती है। इसके लिए ब्यूरोक्रेसी को स्ट्राॅन्ग करें।
500 करोड़ का निवेश आएगा, लेकिन …
बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष डी पी पचीसिया कहते है कि निवेश व कारोबार के हिसाब से बीकानेर का भविष्य उज्जवल है। यहां डाइपोर्ट की पूरी संभावनाएं हैं। गैस पाइप लाइन को मंजूरी मिल चुकी है। इसके चलते सिरेमिक उद्योग के बड़े प्रोजेक्ट आएंगे। मेगाफूड पार्क की सैदधान्तिक स्वीकृति मिल चुकी है। इससे फूड इंडस्टी में बड़े प्रोजेक्ट आएंगे। इसमें करीब 500 करोड़ का निवेश आएगा। इसके बावजूद कुछ दिक्कतें भी है। हवाई सेवा की वजह से अड़चन आ रही है। डाइपोर्ट होना बेहद जरूरी है। राजस्थान में बिजली बहुत महंगी है। यहां सोलर का हब बन रहा है। बीकानेर में 14 औद्योगिक क्षेत्र है, 5 कलस्टर है व छठा मेगाफूड पार्क हो जाएगा। पचीसिया कहते है कि हमारे पास राॅ मैटेरियल है, लेकिन सरकार ध्यान दें तो लाखों लोगों रोजगार व सरकार को राजस्व मिलेगा। पचीसिया कहते है कि सरकार पहले ईटीपी प्लांट लगाए। यहां के औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, नाली, सफाई व रोड लाइटें ऐसी हो कि बाहर से कोई विजिट करें तो आकर्षक लगें, लेकिन वर्तमान में रीको की स्थिति खराब है। रीको का गठन इंडस्टी के विकास के लिए किया था, लेकिन इसे प्योर काॅमर्शियल बना दिया। बंगाल, महाराष्ट, गुजरात वाले यहां उद्योग लगाने चाहते हैं, लेकिन यहां की सरकार शिथिलता बरतें और कारोबारियों के सिंगल विंडो योजना में काम हो।
हवाई सेवा में विस्तार जरूरी
बीकानेर के कारोबारी नरेश मित्तल एवं दिलीप रंगा ने बताया कि बीकानेर में इन्वेस्टमेंट के नए आयाम स्थापना एवं सर्वांगीण विकास के लिए कोटा की तर्ज पर 58.18 हेक्टेयर भूमि निशुल्क उपलब्ध करवाकर हवाई सेवा विस्तार करवाना जरूरी है।
वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा भारत देश के अलग अलग हिस्सों में अपने कारोबार के कारण ख्यातनाम प्रवासी भारतीय तथा प्रवासी राजस्थानी इन्वेस्टरों से राजस्थान में नए उद्योग धंधे लगाने के लिए इन्वेस्टर समिट कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। राज्य सरकार के आह्वान पर भारत के अनेक क्षेत्रों से कारोबारियों का समूह इन कार्यक्रमों में हिस्सा लेगा, लेकिन यह आयोजन राजस्थान के उन्हीं शहरों में सफलतापूर्वक फलीभूत हो पाएगा जहां वर्तमान में बेहतर हवाई सेवा की व्यवस्था होगी। इसी कड़ी में माह दिसंबर में इन्वेस्टर समिट राजस्थान राज्य के बीकानेर शहर में भी आयोजित किया जाना है। यदि राज्य सरकार द्वारा दिसंबर माह में हवाई सेवा विस्तार को लेकर निशुल्क भूमि उपलब्ध करवाने की घोषणा की जाती है तो भविष्य के लिए प्रवासी भारतीय, प्रवासी राजस्थानी इन्वेस्टर्स एवं भामाशाह बीकानेर में इन्वेस्ट और सामाजिक सरोकार के कार्य करने हेतु आश्वस्त हो जाएंगे। वर्तमान में पूरे संभाग में हवाई यात्रा के लिए बीकानेर में नाल एयरपोर्ट है जिसमें भी केवल वर्तमान में दिल्ली के लिए केवल मात्र एक छोटी विमान सेवा है। वर्तमान व्यवस्थाओं को देखते हुए बीकानेर से कोलकात्ता, गुवाहटी, बेंगलूरू व मुंबई जैसे महानगरों के लिए हवाई सेवाओं की नितांत आवश्यकता महसूस की जा रही है क्योंकि बीकानेर संभाग के औद्योगिक व व्यापारिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को अपने व्यापार के सिलसिले में मुंबई, कोलकात्ता, गुवाहटी व बेंगलुरु आना- जाना रहता है।
एयर कनेक्टिविटी के अभाव में उद्यमी बदल लेते हैं मानसिकता
कारोबारी जुगल राठी व वीरेन्द्र किराडू ने बताया कि बीकानेर में गैस पाइप लाइन भी स्वीकृत हो चुकी है और यहां बड़ी कम्पनियों के भी निवेश करने के भरपूर आसार है और गजनेर औद्योगिक क्षेत्र का आवंटन भी लगभग अपनी चरम सीमा पर है। साथ ही बीकानेर में अनेक ऐसे नए रिसोर्ट भी बन चुके हैं जो अन्य राज्य के लोगों को शादी विवाह समारोह के लिए अपनी और आकर्षित करने का सामर्थ्य बनाए हुए है और बीकानेर में पर्यटकों के लिए भी अनेक ऐसे एतिहासिक स्थल है जो आकर्षण का मुख्य केंद्र है। बीकानेर में निवेश एवं सामाजिक सरोकार के कार्य व्यापारी, उद्यमी व भामाशाहों द्वारा इच्छित रहता है, लेकिन एयर कनेक्टिविटी के अभाव के कारण व्यापारी, उद्यमी व भामाशाह अपनी मानसिकता बदल लेते हैं। इन महानगरों की कनेक्टिविटी के लिए पर्याप्त भूमि भी उपलब्ध नहीं है और इसके लिए एयरपोर्ट ऑथोरिटी द्वारा नाल एयरपोर्ट से सटती 58.18 हेक्टेयर भूमि कोटा की तर्ज पर राज्य सरकार द्वारा निशुल्क दे दी जाती है तो एयरपोर्ट ऑथोरिटी द्वारा आधारभूत सरंचनाओं की स्थापना कर बीकानेर को महानगरों से कनेक्ट किया जा सकेगा। ताकि निवेशकों की राह को आसान हो सके।
इनका कहना है-
इन्वेस्टर को बुलाना सरकार की अच्छी पहल है। बीकानेर में अच्छी बात यह है कि यहां विद्युत उत्पादन बहुत ज्यादा है, लेकिन बिजली कटौती के 100 बहाने हैं। ऐसे में नया इन्वेस्टर आने से झिझकेगा। गुजरात में बिजली कनेक्शन एक सप्ताह में मिल जाता है। यहां चक्कर कटा कटा कर परेशान कर देंगे। इसके अलावा कागजी कार्रवाई बहुत ज्यादा है। एक लाइसेंस लेने के लिए खून का पानी करना पड़ता है। ऐसे में इन्वेस्टर प्लांट लगाएगा या कागजी कार्रवाई में उलझा रहेगा। बैंक फोर क्लोजर चार्ज करके उद्यमियों को ब्लैकमेल करते हैं। इस स्थिति में सुधार होना चाहिए।
– विनोद कुमार बाफना, विनोद एग्रो इंडस्टीज, खारा औद्योगिक क्षेत्र
बीकानेर में निवेश आता है तो अच्छी बात है। सरकार की इन्वेस्टर समिट की योजना भी अच्छी है मगर क्रियान्विति से पहले होमवर्क करें तो बेहतर रहेगा। पहले लोकल उद्यमी से हालचाल तो पूछे। लोकल फाॅर वाॅकल पर चलकर तो बताएं। मौजूदा कारोबारियों की रिक्वायरमेंट पूछे। उद्योगों को लेकर कई विभाग खुल चुके हैं। इन से जुड़े कानूनों को लेकर सरकार को लिबरल होना होगा।
– नरेन्द्र डूमरा, अवि रबर प्रोडक्ट्स, बीछवाल औद्योगिक क्षेत्र
बीकानेर के रीको औद्योगिक क्षेत्रों में सुविधा के नाम पर जीरो है यानि औद्योगिक क्षेत्रों की बैंड बजी हुई है। फिर यहां निवेशक किस बेस पर आएगा। जमीनें इतनी महंगी देते हैं कि उसमें क्या इन्वेस्टमेंट करेगा। सारा पैसा तो उसका जमीन में लग जाएगा। आधारभूत सुविधाएं जीरों है मुझे लगता नहीं कि कोई नया इन्वेस्टर आएगा। वह यहां आना तो दूर यहां आने की सोच भी नहीं सकता। सरकारी योजनाओं की गति बेहद धीमी है। डीआईसी कोई शिविर भी नहीं लगाती तो कारोबारी तक योजनाएं पहुंचेगी कैसे? औद्योगिक भूमि, रोड, कनेक्टिविटी आदि बेहतर होंगे तो इन्वेस्टर आने की सोचेगा।
– विजय जैन, महासचिव, करणी औद्योगिक क्षेत्र