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भारत सरकार ने मांगी कोरोना वायरस से उद्योगों की स्थिति, केंद्र सरकार करेगी ये उपाय तो ही बच पाएगा उद्योग और व्यापार

राज्य में 60 से 75 हजार करोड़ के कारोबारी नुकसान की आषंका
1.25 लाख से 1.50 लाख लोगों का प्रभावित होगा रोजगार
बीकानेर
। भारत सरकार द्वारा कोरोना वायरस के प्रभाव से उत्पन्न औद्योगिक व व्यापारिक संकट से उबारने के लिए राज्यों की स्थिति व सुझाव मांगे गए। इस पर बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया एवं बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के सचिव वीरेंद्र किराडू ने जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक मंजू नैन गोदारा के मार्फत भिजवाए हंै।
20 से 30 प्रतिशत ही रह गया उद्योग व्यापार
सुझावों में बताया कि इस महामारी के चलते राज्य में व्यापार एवं उद्योग जगत को भी इसके नकारात्मक परिणाम झेलने पड़ रहे हैं। इस महामारी के चलते बाहर से आयातित कच्चे माल की आवक रूक गई है और राज्य में केवल 20 से 30 प्रतिशत ही व्यापार एवं उद्योग का काम रह गया है और ज्यादातर उद्योग बंद होने के कगार पर आ गए हैं।
आयात निर्यात पर बुरा असर
राज्य में आयात व निर्यात पर भी बुरा असर पड़ा है। इस महामारी के चलते व्यापारी एवं उद्यमियों की कच्चे माल अनुपलब्धता से उत्पादन एकदम ठप हो गया है। बाहर से आयातित माल जैसे कृषि जिंसे, वूलन, मतीरा बीज, तिल, मषीनरी, साजी आदि अनेक ऐसे माल है जिनका आयात इस महामारी के चलते घट गया है। ज्यादातर व्यापार और उद्योग मंदी की चपेट में आ गया है। अधिकतर इकाइंया बंद होने के कगार पर आ गई है। वहीं राज्य से मैथी, जीरा, कारपेट, नमकीन, मूंगफली, फर्नीचर, गम, चावल, जिप्सम, ज्वैलरी, तेल आदि सामानों का निर्यात में भी काफी बुरा असर पड़ा है। राज्य में लगभग वार्षिक कारोबार आठ लाख करोड़ रूपए के करीब है और इस हिसाब से तिमाही में लगभग 2 करोड़ रूपए का औसतन कारोबार होता है। जिससे राज्य में 60 से 75 हजार करोड़ का कारोबारी नुकसान होने और इस क्रम में 1.25 लाख से 1.50 लाख लोगों का रोजगार प्रभावित होने की आशंका है।
भारत सरकार करें ये उपाय
उद्योग व व्यापार को उबारने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा जारी एमनेस्टी स्कीमों व आयकर विभाग द्वारा विवाद से विश्वास योजना की तिथि 31 मार्च से आगे 6 माह तक के लिए बढाई जाए। एक साल तक पर्यटन यात्रा एवं होटल उद्योगों के लिए जीएसटी व पीएफ पर पूर्ण छूट दी जाए। उद्योग व व्यापार में काम करने वाले कर्मचारियों को मनरेगा योजना से धन प्रदान किया जाए ताकि कर्मचारियों की भी आजीविका के साथ साथ रोजगार बना रहे। जीएसटी और अग्रिम कर भुगतान को स्थगित करने के साथ साथ उन पर लगने वाली लेट फीस व ब्याज पूर्णतया छूट प्रदान की जाए। सभी मूलधन व ऋण और ओवरड्राफ्ट के लिए ब्याज भुगतान पर 6 से 9 माह के लिए छूट दी जाए। एयरपोर्ट, ड्राईपोर्ट व बन्दरगाह पर जो माल पड़ा रहता है उस पर जो डेमरेज लगता है उसको ना लगाया जाए। जिस प्रकार सरकार ओलावृष्टि या अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों के लिए राहत की घोषणा करती है उनका लगान आबियाना आदि माफी करती है वैसे ही उद्योग व व्यापार को कारोबारी गिरावट के वर्तमान दौर में बैंकों को देय ब्याज दरों में कटौती करवाए व बैंक ऋणों का जो भुगतान होना संभव नहीं है उसकी समय सीमा बढाई जाए।

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