भूजल के गिरते स्तर का प्रभावी उपचार है प्री सीज़न कृषि : प्रोफेसर जे एस संधू
सीरी ने धूमधाम से मनाया अपना 69वाँ स्थापना दिवस
पिलानी। सीएसआईआर की राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीरी) के 69वें स्थापना दिवस का आयोजन, 21 सितम्बर को किया गया। इस अवसर पर श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर के कुलपति प्रोफेसर डॉ जे एस संधू मुख्य अतिथि थे और केपीआईटी, पुणे के सीईओ एवं संस्थान की अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष रवि पंडित विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। समारोह का प्रसारण एमएस टीम्स के साथ साथ संस्थान के यूट्यूयू चैनल पर भी किया गया।
समारोह की अध्यक्षता सीएसआईआर के महानिदेशक एवं सचिव डीएसआईआर व पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय डॉ शेखर सी मांडे ने की। अपने अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने डॉ पी सी पंचारिया और उनकी टीम को स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामना दी।
सर्वप्रथम संस्थान के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने अतिथियों का स्वागत किया तथा गत वर्ष अर्जित की गई प्रमुख उपलब्धियों और वर्तमान शोध गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर अतिथियों ने संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा देश के किसानों की सुविधा के लिए विकसित “किसान सखा” ऐप का लोकार्पण भी किया । डॉ संजय सिंह, प्रधान वैज्ञानिक ने संस्थान द्वारा विकसित “किसान सखा” ऐप की जानकारी दी। इस अवसर पर अतिथियों को संस्थान द्वारा विकसित किए जा रहे “सटीक कृषि प्रायोगिक स्टेशन” का आभासी दौरा भी कराया गया । डॉ सुचंदन पाल, प्रमुख, पीएमई ने स्थापना दिवस सेवा पुरस्कारों और पद्मभूषण डॉ अमरजीत सिंह स्मारक स्थापना दिवस पुरस्कारों के विजेताओं की घोषणा की।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ संधू ने कृषि को देश की अर्थव्यवस्था का आधार बताते हुए सीरी द्वारा विकसित किए जा रहे प्री सीज़न कृषि प्रायोगिक स्टेशन की सराहना की। उन्होंने संस्थान द्वारा विकसित किए गए ‘किसान सखा’ ऐप को भी किसानों के लिए उपयोगी बताया। उन्होंने सीएसआईआर और आईसीएआर के मिलकर कार्य करने के अपने स्वप्न को साकार होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने अभी कुछ समय पूर्व ही सीरी और जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय के बीच हुए महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन की भी चर्चा की । भूजल के गिरते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने जल के पुनर्चक्रण पर बल दिया और इसके लिए प्री सीज़न कृषि को जरूरी बताया। अंत में उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए डॉ पंचारिया और उनके सभी साथियों को 69वें स्थापना दिवस की शुभकामना दी।
विशिष्ट अतिथि रवि पंडित ने कहा कि वर्तमान युग इलेक्ट्रॉनिक्स का युग है और इसके बिना आज जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि हम लोग नई डिजिटल दुनिया में रह रहे हैं जो बेहद “इंटेलिजेंट वर्ल्ड” है। इसमें इलेक्ट्रॉनिकी का बड़ा योगदान है। उन्होंने रक्षा एवं ऑटोमोबाइल क्षेत्र में भी इलेक्ट्रॉनिकी के लिए उपलब्ध अपार संभावनाओं का उल्लेख करते हुए इन क्षेत्रों में शोधकार्य का आह्वान किया। उन्होंने डॉ पंचारिया के नेतृत्व में की प्रतिभा की सराहना की।
मुख्य वैज्ञानिक डॉ पीके खन्ना ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के वैज्ञानिकों डॉ राजेंद्र कुमार वर्मा और सुश्री सोम शुक्ला माइति ने किया।
स्थापना दिवस पुरस्कार वितरण
दोपहर के बाद संस्थान के सभागार में आयोजित विशेष कार्यक्रम में डॉ पी सी पंचारिया ने संस्थान में 10, 20, 25, 30 और 35 वर्ष की अनवरत सेवा देने वाले 48 सहकर्मियों को सेवा प्रमाणपत्र प्रदान किए। इसके साथ ही इस वर्ष से संस्थान के प्रथम निदेशक की स्मृति में आरंभ किए गए डॉ अमरजीत सिंह स्मारक स्थापना दिवस पुरस्कार भी वितरित किए गए । इसमें एआई आधारित मुखाकृति पहचान उपस्थिति प्रणाली, ऑक्सीजन प्लांट और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बनाने बनाने वाली टीमों के सदस्यों को सम्मानित किया गया। साथ ही संस्थान और कॉलोनी परिसर में कोविड प्रोटोकॉल के पालन में महत्पवूर्ण भूमिका निभाने के लिए भी विशेष पुरस्कार प्राप्तकर्ता सहकर्मियों को सम्मानित किया गया।
अपने संबोधन में डॉ पंचारिया ने विजेताओं के परिश्रम और निष्ठा की सराहना की तथा सभी सहकर्मियों से संस्थान और राष्ट्र हित में कार्य करने का आह्वान किया। इस सत्र का संचालन रमेश बौरा, राजभाषा तथा मीडिया एवं जनसंपर्क अधिकारी ने किया।