हिंदी जैसी समावेशी और सहिष्णु भाषा कोई नहीं : डॉ पी सी पंचारिया
सीएसआईआर-सीरी, पिलानी में हिंदी सप्ताह 2021 का समापन
पिलानी, 15 सितंबर। सीएसआईआर – केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सीरी),पिलानी में 6 से 10 सितंबर तक आयोजित हिंदी सप्ताह का समापन 14 सितंबर को हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह के साथ हुआ। हिंदी दिवस समारोह की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने की। इस अवसर पर संस्थान की राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्यों के अतिरिक्त वरिष्ठ वैज्ञानिक, अधिकारी एवं अन्य सहकर्मी उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ पी सी पंचारिया ने कहा कि अपने इतिहास और संस्कृति की जानकारी होनी चाहिए जिसके लिए हम सभी के लिए स्वाध्याय अनिवार्य है। हिंदी भाषा के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि संस्कृत से जन्मी हमारी यह भाषा 1000 वर्षों से भी अधिक प्राचीन है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी भाषा और संस्कृति के संरक्षण तथा संवर्द्धन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने जोर दे कर कहा कि देश की सभी प्रांतीय भाषाएँ हमारी अपनी भाषाएँ हैं। हिंदी की समावेशी व सहिष्णु प्रकृति को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदी ने अपने देश के अन्य प्रांतों की भगिनी भाषाओं सहित विदेशी भाषाओं के शब्दों को भी सहजता से स्वीकार किया है और इस प्रकार यह अपने विकास और प्रवाह को बनाए रखते हुए अपनी अनवरत यात्रा पर अग्रसर है। अपने संबोधन में उन्होंने सभी साथियों का आह्वान करते हुए कहा कि वे हिंदी को अपने कार्यालयी और निजी जीवन में निसंकोच उपयोग करें। अंत में उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी।
इस अवसर पर डॉ पी सी पंचारिया, निदेशक, सीएसआईआर-सीरी ने राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा संस्थान के राजभाषा कार्यकलापों से संबंधित पत्रिका “राजभाषा संदर्शिका” के वर्ष 2020-21 अंक का विमोचन भी किया। उन्होंने इस प्रकाशन के लिए राजभाषा प्रकोष्ठ की सराहना की।
प्रशासनिक अधिकारी विनोद कुमार ने उपस्थित सहकर्मियों के समक्ष केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का हिंदी दिवस संदेश पढ़ा तथा हिंदी सप्ताह आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ आर के शर्मा ने हिंदी सप्ताह के दौरान आयोजित कार्यक्रमों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया।
रमेश बौरा, राजभाषा प्रभारी तथा मीडिया एवं जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि सप्ताह पर्यन्त संस्थान में सहकर्मियों के लिए आशुभाषण, वाद-विवाद, प्रशासनिक प्रस्तुतीकरण, तकनीकी प्रस्तुतीकरण एवं कविता पाठ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिनमें नियमित सहकर्मियों के साथ अस्थायी सहकर्मियों व प्रशिक्षणार्थियों ने भी भाग लिया। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त संस्थान में विगत वर्षों की भाँति फरवरी-मार्च माह में श्रुतलेख (हिंदी भाषी) एवं श्रुतलेख (हिंदीतर भाषी का भी आयोजन किया गया। कुछ निर्धारित प्रतियोगिताएँ कोविड महामारी के कारण रद्द कर दी गईं थीं। उन्होंने बताया कि हिंदी दिवस समारोह एवं हिंदी सप्ताह का आयोजन कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए संस्थान के सभागार में आयोजित किया गया।
समारोह के दौरान हिंदी प्रतियोगिताओं विजेताओं को एवं विज्ञान पत्रिका इलेक्ट्रॉनिक दर्पण 2020 में प्रकाशित वैज्ञानिक शोध पत्रों के लेखकों को निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने पुरस्कृत किया। डॉ पंचारिया द्वारा हिंदी में सर्वाधिक कार्य करने वाले प्रशासनिक, तकनीकी एवं वैज्ञानिक अनुभागों/प्रभागों को राजभाषा प्रोत्साहन चल वैजयंती भी भेंट की गई ।
हिंदी दिवस समारोह के अंत में प्रशासनिक अधिकारी महेन्द्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्र गान के साथ हुआ।
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