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बीकानेर के व्यापार उद्योग को नुकसान पहुंचा रहा है कोरोनासुर

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  • कारोबारी बोले भारतीय उत्पादों को मिले हेल्थ सर्टिफिकेट
  • भारत से अन्य देषों को इम्पोर्ट होने वाले उत्पादों पर न पड़े प्रभाव
    बीकानेर।
    चाइना में जन्मा कोरोनासुर न केवल वहां लोगों की जान ले रहा है बल्कि यहां और वहां के व्यापार उद्योग का भी भक्षण कर रहा है। कोरोना वायरस ने बीकानेर के एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट के कारोबार को भी प्रभावित किया है। बीकानेर के कारोबारियों का कहना है कि चाइना में एक्पोर्ट बंद हो चुका है। इसलिए बीकानेर आने वाले उत्पादों की आवक बंद हो चुकी है और इससे भावों में बढ़ोतरी हो रही है। इस वायरस के चलते कारोबार बंद होने से कुछ लोग बेरोजगार भी हो रहे हैं। क्योंकि एक्सपोर्ट इम्पोर्ट के काम से जुड़ी लेबर अब खाली बैठी है। एक कारोबारी ने तो बताया कि भारत भौगोलिक रूप से चाइना से जुड़ा है इसलिए भारत से अन्य देषों में एक्सपोर्ट होने वाले कारोबार पर भी प्रभाव पड़ेगा। खासकर अमेरिका व यूरोप जैसे कड़े कानून वाले देश भारत के सामान पर संदेह कर सकते हैं। ऐसे में भारत सरकार को तत्काल कदम उठाने चाहिए और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर बातचीत करते हुए उन्हें विष्वास दिलाना चाहिए कि हमारे यहां के उत्पाद स्वास्थ्य की दृष्टि से सुरक्षित है। इसके लिए डब्लयूएचओ की तर्ज पर एक सुरक्षा सर्टिफिकेट जारी कर देना चाहिए। भारत आने वाले साॅफ्ट टाॅयज, लैदर, रबर आदि पर आधारित कारोबार भी प्रभावित हो रहा है और ये उत्पाद महंगे भी हो रहे हैं।

इनका कहना है-
हम चाइना से राॅ मैटेरियल नोइल वूल थोड़ा बहुत इम्पोर्ट करते हैं। अभी इम्पोर्ट बंद पड़ा है। इससे 10 से 15 प्रतिशत कारोबार कम हो गया है। उत्पाद भी 25 से 30 प्रतिषत महंगा हो गया है। कोरोना वायरस से ट्रेड प्रभावित तो हुआ ही है। इस पर पक्का सोल्यूषन नहीं हुआ तो फ्यूचर में अमेरीका व यूरोप जैसे देष हमारे से माल लेते हैं वो आगे कारपेट का इम्पोर्ट कम कर देंगे। यानि हमारे यहां से एक्पोर्ट कम हो जाएगा। इसलिए केन्द्रीय स्वास्थ्य और वाणिज्य मंत्री को इस पर तत्काल एक्षन लेना चाहिए और उन देषों का विष्वास अर्जित करना चाहिए। जैसे इंडिया में 20 प्रतिशत चाइनीज प्रोडक्ट आते हैं। अब इन यूरोपियन देषों को हम कह भी दें कि हमारे माल में चाइनीज माल नहीं है तो भी वे ये मानकर चलेंगे कि इसमें ब्लेंड में कहीं चाइना है और इंडिया चाइना ज्योग्राफिक्ल बहुत नजदीक है। इसलिए मोटेतौर पर जो भी कारपेट कंट्री है जो इम्पोर्ट करने वाली है और हम कारपेट एक्सपोर्टर हैं। हमें उन्हें विष्वास में लेने बहुत जरूरी है। आॅलरेडी पिछले साल का 11 हजार करोड़ का टर्नओवर गिरते गिरते 9 हजार पर आ गया है। यानि एक्सपोर्ट को 30 से 40 प्रतिषत का झटका लग सकता है। क्योंकि अमेरिका व यूरोप बहुत हेल्थ काॅषिंयस कंट्री है और किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करते। चाइना नोइल वूल पहले 30 से 40 रूपए थी जो अभी 48 से 49 रूपए हो गई है। हमारी चिंता यह है कि कोरोना की वजह से एक्पोर्ट कम न हो इसलिए सरकार को प्रिवेन्टिव एक्षन लेना चाहिए और हम कारोबारियों से सलाह लेनी चाहिए कि कैसे यह रूक सकता है। यहां यह धारणा नहीं बननी चाहिए कि हम वायरस के कारपेट बेच रहे है। इसका तरीका यह हो सकता है कि भारत सरकार एक हेल्थ सर्टिफिकेट जारी कर दें। जैसे डब्ल्यूएचओ अपना मार्क लगाता है कि फलां फलां चीजे इडेबल है और आप खा सकते हैं। वैसे ही सरकार इंटरनेषनल लेवल पर बात करें और यह सर्टिफिकेट जारी करें कि हमारे कारपेट कोरोना वायरस से फ्री है।

  • कमल कल्ला, अध्यक्ष, राजस्थान वूलन एसोसिएशन
    हम यहां से मूंगफली गुजरात के एक्सपोर्टर को भेजते हैं। फिर वह वहां से चाइना भेजते हैं। अभी 10 मार्च तक माल एक्सपोर्ट करना बंद है। इससे कारोबार पर फर्क तो पड़ ही रहा है। अक्टूबर से नवम्बर तक हमारा अच्छा माल गया, लेकिन दिसम्बर, जनवरी और फरवरी खाली जा रहा है। कहीं न कहीं वायरस का प्रभाव आ ही रहा है।
  • राजेश जिन्दल, जिन्दल इंडस्ट्रीज, बीकानेर
    चाइना में कोरोना वायरस महामारी घोषित हो चुकी है। वहां 80 प्रतिषत फैक्ट्रियां बंद पड़ी है। हमारे यहां से मूंगफली एक्सपोर्ट होती है। काम बंद है तोे कौन इम्पोर्ट करें और कौन एक्सपोर्ट करे। हमारे कारोबार पर अच्छा खासा प्रभाव पड़ रहा है। अभी 14 फरवरी तक तो पोर्ट पर माल ले रहे थे अब वो भी बंद कर दिया है। यदि यह एक माह और चला तो बहुत ज्यादा नुकसान होगा। रोजगार पर 15 से 20 प्रतिषत फर्क पड़ा है। गाड़िया लोड नहीं हो रही तो लेबर को बुलाना कम हो गया है।
  • सी आर महिया, पी पी इंडस्ट्रीज, बीकानेर
    अपने यहां से माल चायना एक्सपोर्ट हो रहा है। वहां माल खड़ा है। वो आगे एक्सपोर्ट नहीं कर पा रहे हैं। वहां से माल वियतनाम जाता है और वियतनाम से चाइना बोर्डर बंद कर दिया है। थोड़ा मूवमेंट रूका हुआ है। उधर से पेमेंट आने का है। पेमेंट नहीं आ रहा है। मतलब एक बार व्यापार में रूकावट आई है। अभी आगे वो लोग को माल चाहिए, लेकिन एक्सपोर्टर लोग बेचने के लिए इंतजार करेंगे। जब तक पहले वाला क्लियर नहीं होगा तब तक नया व्यापार नहीं करेंगे। दूसरा, चाइना से जिन- जिन कंट्री में माल जाता है वो कंट्री का बाईंग थोड़ा इधर इंडिया में छिटपुट छिटपुट डाइवर्ट हुआ है। उसको माल तो चाहिए ही। वो लोग इधर से थोड़ा थोड़ा माल ले रहे हैं तो इंडिया के लिए नया डेस्टिनेषन, नया कंट्री, नया व्यापार व नए लोग कनेक्ट हो जाएंगे। अल्टीमेट अपने देष को फायदा है।
    -राजेन्द्र मषरू, तबारी कमीषन एजेंसी, जामनगर, गुजरात

हमारे प्लांट में राॅ मैटेरियल चाइना से आता है। वहां अभी उत्पादन बंद है। यदि सब कुछ सही रहता है तो माल मई में आएगा। वहां आज भी उत्पादन होता है तो यहां माल आने में 40 दिन लग जाएंगे। यदि देरी होगी तो महंगाई और बढ़ जाएगी।

  • नरेन्द्र डूमरा, अवि रबर प्रोडक्ट्स बीकानेर
    सरकार ने पहले से ही टाॅयज पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी। एक माह हो गया है पीछे से माल नहीं दे रहे और आगे तीन माह और माल नहीं आएगा। ऐसे में उत्पाद महंगे हो जाएंगे।
  • संतोष जैन, प्रिया एंटरप्राइजेज, कोयला गली
    अभी चाइना से माल आ नहीं रहा है और आगे तीन माह तक कोई संभावना नहीं है। ऐसा रहता तो महंगाई बढ़ेगी और तो कुछ नहीं हमारे कस्टमर जरूर प्रभावित होंगे।
  • मनान हसन, द गिफ्ट टैरी, कोयला गली

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