साफ-सफाई, सौन्दर्यकरण में निगम और यूआईटी समन्वय से करें काम -मेहता
बीकानेर, 31 अगस्त। जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि शहर में साफ-सफाई, सौन्दर्यकरण, अतिक्रमण हटाने आदि के कार्य में नगर निगम और नगर विकास न्यास समन्वय करते हुए प्रभावी रूप से काम करें। मेहता ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित साप्ताहिक समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहर में सफाई सतत प्रक्रिया के तहत हो, रात्रिकालीन सफाई के लिए नये लोग नियोजित करने की कार्यवाही शीघ्र करें। जिला कलेक्टर ने कहा कि अतिक्रमण हटवाने के लिए नियमित रूप से कार्रवाई करते हुए यह सुनिश्चित करें कि एक बार अतिक्रमण हटाने के बाद यदि पुनः अतिक्रमण पाया जाए तो सम्कबधित के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए।
मेहता ने कहा कि स्थायी और अस्थाई अतिक्रमण हटाने के लिए अलग-अलग टीमों द्वारा सतत कार्यवाही की जाए। शहर के सभी सर्किल्स पर फाउन्टेन चालू स्थिति में हो, इसके लिए एक एक सर्वे करवाएं और जो भी फाउन्टेन खराब हो उसे सुधरवाते हुए सुबह शाम टाइमिंग सेट करें। मेहता ने कहा कि निगम द्वारा असहाय पशु पकड़ने की कार्रवाई भी नियमित रूप से की जाए। पोलिथीन जब्ती के लिए निगम और यूआईटी की टीम रात के समय बाहर से आने वाली बसों की रेंडम जांच करें। स्थानीय बाजारों में भी दुकानों की जांच कर चालान काटे जाएं। जिला कलेक्टर ने आरयूआईडीपी के अभियंता को निर्देश दिए कि जहां भी सीवरेज का काम पूरा हो गया है उसके तुरंत पश्चात रोड़ रीस्टोरेशन का काम करवाया जाए। गंगाशहर मेन रोड पर बारिश के बाद 1 सप्ताह में डामरीकरण का काम भी पूरा कर दिया जाए, जिससे आमजन को आवागमन में परेशानी ना उठानी पड़े।
मेहता ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंता को शहर की समस्त मुख्य सड़कों पर पैच वर्क और मरम्मत का काम मौसम खुलने के तुरंत बाद प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में निगम और यूआईटी के साथ समन्वय करते हुए सार्वजनिक निर्माण विभाग यह सुनिश्चित करें कि रोडवेज रीस्टोरेशन के काम में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रहे और जल्द से जल्द कार्य पूरा हो।
कम उम्र के बच्चे को काम पर लगाएं तो करवाएं एफ आई आर
जिला कलेक्टर ने विद्युत विभाग के अभियंता को निर्देश दिए कि यदि कोई ठेकेदार विद्युत मेंटेनेंस के काम में तकनीकी रूप से अक्षम या कम उम्र के बालक को लगाता है तो ठेकेदार के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विभाग द्वारा पहले ही स्पष्ट निर्देश जारी कर दिएं जाएं।
जिला कलेक्टर ने टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, राजश्री योजना ,परिवार कल्याण सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की और कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण के चलते इन योजनाओं में जहां भी गैप रहा हो उसे तत्काल प्रभाव से ट्रेस करवाएं और प्रगति में सुधार करें। बार-बार निर्देशों के बावजूद जिनकी प्रगति रिपोर्ट कम आ रही है उन्हें नोटिस जारी किए जाएं। परिवार कल्याण के लिए अतिरिक्त कैंप आयोजित किए जाएं। बैठक में पशुपालन विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा भी की गई।
प्राथमिकता से करें पालनहार वेरिफिकेशन
जिला कलेक्टर ने कहा कि जिले में 5300 से अधिक बच्चे पालनहार के तहत पात्रता रखते हैं, वर्तमान में जो भी बच्चे पालनहार वेरिफिकेशन से वंचित है। उनके सत्यापन के लिए इस कार्य को प्राथमिकता पर रखते हुए टीम लगाकर वेरिफिकेशन का काम शीघ्र अति शीघ्र पूरा करवाया जाए, जिससे पात्र बच्चों को पालनहार योजना का लाभ मिल सके। जिला कलेक्टर ने कहा कि श्रम विभाग खनन और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग आपसी समन्वय करते हुए यह सुनिश्चित करें कि सिलिकोसिस से पीड़ित पात्र को उचित मुआवजा और पेंशन नियमित रूप से मिले।एक भी पीड़ित इस से वंचित न रहे। जिला कलेक्टर ने मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, सीएफसी टॉयलेट निर्माण की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लक्षित मकानों को समय पर पूरा करने के लिए काम में तेजी लाई जानी जरूरी है। वर्तमान में सभी स्वीकृतियां मिल चुकी है, अब मकान पूरे करने के काम पर विशेष ध्यान दें।
सम्पर्क पर 60 दिन से पुराने प्रकरण नहीं हो लम्बित
जिला कलेक्टर मेहता ने कहा कि विभिन्न विभाग अपने यहां संपर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों के निस्तारण को प्राथमिकता से देखें तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी विभाग में 45 दिन से अधिक समय तक एक भी प्रकरण लंबित ना रहे। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारी जिन्होंने 1 सप्ताह से अधिक समय से संपर्क पोर्टल को लॉगिन नहीं किया है उनकी सूची बनाकर प्रस्तुत किया जाए। बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन) ए एच गौरी, यूआईटी सचिव मेघराज सिंह मीना, सीईओ जिला परिषद नरेंद्र पाल सिंह, सहायक निदेशक लोक सेवाएं सबीना बिश्नोई, उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास शारदा चैधरी सहित समस्त विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।