BikanerBusiness

कोरोना से बिगड़ा सौंदर्य कारोबार का ‘लुक’

– मास्क से गायब हुई लिपिस्टिक कारोबार की लाली
– उड़ी टेलकम पाउडर की महक
– बिंदी, काजल व आई लाइनर बने लाइफ लाइन
बीकानेर। बीकानेर का एक बाजार जहां सुबह से लेकर शाम तक आमतौर पर ग्राहकों की जबरदस्त भीड़ रहती है। त्यौहारी सीजन में तो पैर रखने तक की जगह नहीं बचती है। यह बाजार है कोटगेट इलाके में स्थित तौलियासर भैरूंजी गली। इसे कुछ लोग लेडिज मार्केट भी कहते हैं। क्योंकि यहां सौंदर्य उत्पादों के साथ महिलाओं से संबंधित सभी प्रकार के उत्पाद मिल जाते हैं। यही वजह है कि इस बाजार में महिलाओं एवं युवतियों की बड़ी संख्या में चहल पहल रहती है। लेकिन पहले लाॅकडाउन, फिर कफ्र्यू से इस बाजार में वीराना छा गया। कोरोना का भय इस कदर है कि इस बाजार की रौनक गायब सी हो गई है। यहां के हालात ऐसे बने हुए हैं कि कभी रेंग रेंग कर चलने की मजबूरी के बाद इन दिनों बड़ी आसानी से आवाजाही की जा सकती है क्योंकि ग्राहकों का फ्लों नहीं के बराबर है। इन्हीं सभी वजहों के चलते सौंदर्य प्रसाधनों के कारोबार को जबरदस्त झटका लगा है। खासकर लिपिस्टक, लिप लाइनर, लिप लोज, फाउंडेशन जैसे उत्पादों की बिक्री नहीं के बराबर है। बाजार में लिपिस्टिक की लाली गायब होने के साथ टेलकम पाउडर, फाउंडेशन, क्रीम आदि की महक कमजोर पड़ी है। काजल, आई लाइनर, आई शैडो, नेल पाॅलिस व शैम्पू जैसे उत्पादों ने सौंदर्य कारोबार की चमक को थोड़ा फीका पड़ने से बचा रखा है। इसके अलावा सुहाग के आइटम बिंदी, सिंदूर आदि की सेल पर कोई असर नहीं पड़ने से कारोबारियों को राहत मिल रही है।
कम्पनियां भी उत्पादन के अभाव में नहीं पूरी कर पा रही डिमांड
रिटेलर्स का कहना है कि अभी कम्पनियां लैबर की कमी के चलते उत्पादन के अभाव में डिमांड भी पूरी नहीं कर पा रही है। कारोबारियों का कहना है कि पिछले दो सप्ताह से हटे कफ्र्यू के बाद कुछ सुधार आया है, लेकिन लिपिस्टिक एवं इसके समकक्ष उत्पादों की बिक्री में कोई खास सुधार नहीं आया। इसकी एक वजह यह भी बताई कि अभी शादियां व पार्टियों के आयोजन नहीं होना तथा कोरोना के भय से बाहर नहीं निकलने के कारण ग्राहकों के कदम दुकानों तक नहीं पड़ रहे हैं। जो नौकरी पैसा महिलाएं हैं वे भी मास्क की मजबूरी के चलते लिपिस्टक आदि की खरीद में रूचि नहीं ले रही। कारोबारियों के अनुसार बीकानेर में सौंदर्य प्रसाधनों की मूल रूप से 300 के करीब दुकानें हैं। इनके सहित अन्य उत्पादों के साथ सौंदर्य उत्पाद रखने वालों के 1000 से 1200 के करीब काउंटर हैं। इनमें अधिकांश रिटलेर्स कोटगेट, केईएम रोड, बड़ा बाजार क्षेत्र में स्थित हैं जहां लाॅकडाउन के बाद लम्बे कफ्र्यू ने बाजार की कमर तोड़ दी। अब हालात यह है कि पीछे से मैन्युफेक्चरिंग नहीं हो रही है इसलिए ग्राहकों को उचित संख्या में उत्पाद उपलब्ध करवाने में परेशानी आ रही है। अभी जैसे 10 कार्टून माल चाहिए तो दो ही मिल रहा है। कम्पनियांे में जहां पहले तीन-तीन शिफ्ट में काम चलता था वहां लेबर की कमी के चलते एक शिफ्ट में काम हो रहा है। इससे माल की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
सैनेटाइजर बना संकटमोचक
सैनेटाइजर जहां कोरोना से बचाव में सहायक बन रहा है वहीं काॅस्मेटिक कारोबारियों के लिए संकटमोचक बन कर उभरा है। कारोबारियों का कहना है कि इस तंगी में सैनेटाइजर का बड़ा काम किया जिससे 30 फीसदी घाटा कवर हो गया। इसके अलावा मदर्स को नन्हों की केयर की बेहद फिक्र रहती है इसके चलते कारोबारियों ने लाॅकडाउन अवधि में ही हिमालय कम्पनी के बेबी प्रोडक्ट्स की होम डिलेवरी शुरू की। इसकी 30 फीसदी सेल रही। इससे भी थोड़ी राहत मिली। कारोबारियों ने बताया कि अभी हालात यह है कि इन उत्पादों का सहारा नहीं मिलता तो डूबने के कगार पर पहुंच चुके मार्केट का तिनकाभर ही बचो मगर बच गए।  
कारोबारियों का कहना है-
हम बीकानेर व नागौर का मार्केट कवर करते हैं। हमारा मार्च का टारगेट पूरा हो गया था। इसके बाद लाॅकडाउन लग गया था तब अप्रेल और मई में सेल शून्य हो गई। जून में 70 प्रतिशत सेल रही। इसमें सिंदूर व काजल की सर्वाधिक सेल होने से कुछ घाटा कवर हो गया। इसी माह में ही हर्बल कम्पनी के वेक्स की 60 प्रतिशत सेल रही। सेन्टेटाइजर की सेल ने काफी सहारा दिया, लेकिन मास्क आदि कारणों के चलते लिपिस्टिक व फाउंडेशन की महज 5 फीसदी ही सेल हो पाई। अभी हालात यह है कि बड़ी तीज, ऊभ छठ जैसे त्यौहारों पर बिल्कुल भी सेल नहीं हुई। जबकि पिछले साल इन दिनों में इन उत्पादों की 100 फीसदी सेल रही थी। परिवहन आदि सुविधाओं के अभाव में तहसीलों में कुछ काम नहीं हो पाया।
– नवरतन अग्रवाल, डायरेक्टर, अग्रवाल ट्रेडिंग कम्पनी, तौलियासर भैरूंजी गली
सौंदर्य प्रसाधनों का कारोबार 50 फीसदी डाउन चला गया। खासकर काॅस्टिली कम्पनी आइटम जैसे क्रीम, हेयरजैल की बिक्री बहुत कम रही। हमारी मेडिकल की दुकान है इसमें काॅस्मेटिक जैसे सौंदर्य उत्पाद भी लाॅकडाउन में निकल गए। मार्च से जून तक अच्छी सेल हुई। इसकी वजह यह रही कि लोग एक आइटम की जगह चार-चार आइटम ले गए। अब उन्हीं उत्पादों की सेल कम हो गई है। परफ्यूम, डियो जैसे उत्पादों की बिक्री भी टूटी हुई है। पिछले साल के मुकाबले टेलकम पाउडर की बिक्री 20 से 25 फीसदी कम हो गई है। लिपिस्टिक, काॅम्पेक्ट फाउंडेशन की सेल 90 फीसदी तक घट गई। इस समस्या से उबरने के लिए प्रोडक्ट की रेंज बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
– रोहित सेठिया, मैनेजर, वर्धमान, सार्दुल काॅलोनी
लाॅकडाउन में तो 100 फीसदी सेल डाउन गई, लेकिन बाद में कफ्र्यू और फिर अल्टरनेट दुकान खोलने के नियम से सेल 50 फीसदी डाउन चल रही है। शादी पार्टियां नहीं होने से महिलाओं की जरूरत कम हो गई और काॅलेज बंद होने से लड़कियां भी खरीददारी के लिए बहुत कम आ रही है।
– पवन छाजेड़, मैनेजर, अंकुर काॅस्मेटिक, तौलियासर भैरूंजी गली

ग्राहकी बहुत कम है। ब्यूटी प्रोडक्ट्स की सेल तो 40 फीसदी रह गई है। लिपिस्टिक की सेल नहीं के बराबर है। मास्क की अनिवार्यता के कारण अब 20 की जगह 5 ही लिपिस्टिक निकल रही है। फाउंडेेशन की बिक्री भी नहीं के बराबर है। हमारे इस बाजार में एक भी पाॅजीटिव नहीं आया, फिर भी बाजार बंद रखा जबकि व्यास काॅलोनी आदि इलाकों में पाॅजीटिव मरीज आने के बाद भी वहां बाजार खुले रहे। यह पक्षपात क्यों। अब बाजार अल्टरनेट की बजाय लगातार खुले तो ही फ्लो आएगा।
– नन्दकिशोर मोदी, मैनेजर, मोदी फेशन काॅर्नर, तौलियासर भैरूंजी गली

कोरोना वायरस के चलते ब्यूटी प्रोडक्ट्स का 80 प्रतिशत मार्केट खत्म हो गया। लाॅकडाउन से पहले लिपिस्टिक के डेली 15 से 20 पीस बिकते थे जो अब महज 1 से 2 ही निकल रहे हैं। कभी कभी तो पूरा दिन ही खाली ही चला जाता है। टेलकम पाउडर व फाउंडेशन पहले रोजाना 4 से 5 पीस बिकते थे वे अब 2 से 3 दिन में एक ही निकल पा रहा है। नेल पाॅलिस पहले डेली 15 पीस सेल होते थे जो अब 10 ही निकल रहे हैं। काजल पहले भी 15 से 20 पीस निकलते थे और अब भी यही स्थिति है।
– अनुज डागा, मैनेजर, अमन काॅस्मेटिक, जैन मार्केट

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