विश्व कल्याण के लिए पंडित मौन रहकर बना रहे हैं पार्थिव शिवलिंग
बीकानेर। दुनिया में जहां एक देश विध्वंसकारी वायरस बना कर मानव जीवन को संकट में डाल रहा है। वहीं हमारा भारत देश का एक शहर मानव कल्याण की भावना लेकर पार्थिव शिवलिंग बना रहा है। जी हां, यह है राजस्थान का बीकानेर शहर। सावन के महीने में कोरोना वायरस के कारण धार्मिक स्थल पूरी तरह से बंद है। वहीं हर शिव मंदिर में होने वाले आयोजन नहीं हो रहे हैं । इसको लेकर सावन के महीने में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कार्य सबसे बड़ा अनुष्ठान माना जाता है। इस बार बीकानेर के लोगो ने मंदिर में ना रहकर अपने घर मे ही भक्ति के आगे सेल्फ क़व्रेटाइन कर लिया है । हालांकि समय अभी अनुकूल नहीं है मगर फिर भी इसे प्रतिकूल समय में विश्व कल्याण के लिए साधना करने का काम कई जगहों पर चल रहा है । विश्व कल्याण के लिए बीकानेर के किराडूओं की बगेची में पंडित मनोज व्यास , पंडित अंतु महाराज ओर श्रीवल्लभ मौन साधना कर पार्थिव शिवलिंग बना रहे है ।पार्थिव शिवलिंग निर्माण से जुड़े पंडित अंनत कुमार और पंडित मनमोहन ने बताया कि अभी विश्व मे कोरोना महामारी फैली हुई है । हर व्यक्ति घर मे कैद हो गया है । अभी सावन का महीना चल रहा है । ऐसे में घर मे खाली बैठे पार्थिव शिव लिंग बनाने का सौचा। पंडित मनमोहन ने बताया कि इससे धार्मिक कार्यक्रम भी होगा और भगवान का भी नाम ले सकेगे । उन्होंने बताया कि पार्थिव शिवलिंग को मिट्टी से बनाते है फिर इसके बाद अभिषेक करके पूजा करते है । हर पार्थिव शिवलिंग के निर्माण से पहले मंत्रोचार करते है ओर भगवान शिव से प्रार्थना करते है कि जल्द पूरे विश्व में कोरोनावायरस मुक्त हो । जल्द ही इसकी दवा बने और लोगों को राहत मिले । पंडित मनोज व्यास , शिव किराडू , रोहित , सुरेंद्र हर्ष , नत्थू किराडू श्रीवल्लभ व्यास टीम से मिलकर शिवलिंग का निर्माण कर रहे हैं । यह सभी लोग प्रतिदिन 4 से 5 हजार शिवलिंग मनाते हैं । करीब सवा लाख पार्थिव लिंग बनााने का लक्ष्य है । उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य के दौरन राज्य सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन की पालना कर रहे है । मुह पर मास्क लगाया हुआ है । हर बार हाथ को सेनेटाइज करते है साथ ही सोशेल डिस्टेंसिंग की भी पालना कर रहे है ।