बीकानेर जिला उद्योग संघ की जागरूकता से बच गई बीकानेर की फूड इंडस्ट्री
पापड, भुजिया, रसगुल्ला उद्योग को राहत, अब लांइसेस में दिसम्बर तक की छूट
बीकानेर। बीकानेर का नाम पूरे विश्व में अपने भुजिया, पापड, रसगुल्ला के लिए प्रसिद्ध है। ये उद्योग भारत सरकार के सूक्ष्म और लघु उद्योग की श्रेणी में आते हैं तथा FSSAI द्वारा इसे रेडी टू इट फूड श्रेणी में रखा गया है। परन्तु नई व्यवस्था के तहत भुजिया, पापड, रसगुल्ला को रेडी टू इट फूड श्रेणी से हटाकर प्रोपाइटरी फूड श्रेणी में शामिल कर दिया गया है। इससे उद्योग पर बड़ा संकट खड़ा हो गया। । अब यदि इस मुद्दे को लेकर कोई आवाज नहीं उठाए तो यहां के कमजोर नेतृत्व के चलते बीकानेर का यह खास उद्योग आर्थिक संकट के भंवर जाल में फंस कर रह जाता। कोरोना संकट में पहले से भंयकर आर्थिक मंदी को झेल रहे कारोबारियों को फिर से काम छोड़ संघर्ष के मैदान में कूदने को विवश होना पड़ा। यहां नींद में सोए कमजोर राजनीतिक नेतृत्व को जगाना कारोबारियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। क्योंकि बीकानेर को एक ऐसे दबंग राजनीतिक नेतृत्व की कमी हमेशा से खलती आई जिसकी मौजूदगी में कोई उसके बीकानेर के अहित के बारे में सोचने की हिमाकत भी नहीं करें। यह तो गनीमत रही कि बीकानेर के प्रमुख कारोबारी संगठन ने समय रहते मौर्चा संभाल लिया और एक बड़ी फूड इंडस्ट्री को संकट में जाने से बचा लिया।
मंत्री को लिखा पत्र
बीकानेर जिला उद्योग संघ ने केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को पत्र भिजवाकर इस व्यवस्था को रुकवाने का आग्रह किया । संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया ने मंत्री को बताया कि इस व्यवस्था के लागू होने से उद्यमियों को इस श्रेणी के लाइसेंस FSSAI से दिल्ली कार्यालय से लेने पड़ेंगे तथा छोटे व्यापारियों को दिल्ली के चक्कर लगाने पड़ेंगे। लाइंसेस का शुल्क भी पहले की अपेक्षा लगभग 2.5 गुणा ज्यादा देना पड़ेगा ।
इस खबर से बीकानेर क्षेत्र के पापड, भुजिया, रसगुल्ला उद्योग से जुड़े उद्यमियों में निराशा का माहौल है। इस संबंध में बीकानेर जिला उद्योग संघ ने केन्द्रीय मंत्री तथा बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल से हस्तक्षेप की मांग की। तब जाकर मेघवाल ने संबंधित उच्च अधिकारियों से इस विषय में बात की तथा पुनः विचार करने के लिए कहा।
मेघवाल ने बताया कि अब इस निर्णय को 31 दिसम्बर 2020 तक लागू नहीं किया जाएगा तथा उद्यमियों को दिल्ली जाकर नये लाइंसेंस बनाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
मेघवाल ने बताया की आगे भी वे इस विषय में संबंधित मंत्रालय तथा उच्च अधिकारियों से चर्चा करेंगे तथा व्यापारियों एवं उद्यमियों के हित में ही उचित निर्णय कराएंगे। उन्होंने पापड़ भुजिया रसगुल्ला उद्यमियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि इस व्यवसाय से जुड़े उद्यमियों के हितों की हमेशा रक्षा की जाएगी।
बीकानेर को मलाल तो इस बात का है कि उसके पास केन्द्रीय स्तर का मंत्री होने के बावजूद अस्थाई व्यवस्थाओं से काम चलाना पड़ रहा है। जबकि होना तो यह चाहिए कि जिस आदेश से बीकानेर का अहित करने का प्रयास किया गया था उसी आदेश को पूरी तरह से पलट कर स्थाई इंतजाम कर दिए जाते ताकि यहां के उद्योगपति निश्चिंत होकर उत्पादन कार्य में जुट सके।