पर्यटन को पटरी पर लाने की तैयारी
बीकानेर। सरकार ने कोरोना के कारण पस्त हुई पर्यटन इंडस्ट्री को उबारने की कवायद शुरू कर दी है। होटल व्यवसाय के लिए भी सरकार ने कार्रवाई शुरू की है। हालांकि जानकारों का कहना है कि 2 वर्ष तक पर्यटन जगत प्रभावित रहेगा। विदेशी और देशी सैलानियों को पर्यटन की अनुमति नहीं मिलेगी। राजस्थान पर्यटन के लिहाज से विश्व में अपना अहम् स्थान रखता है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने कवायद शुरू की है। राज्य के समस्त स्मारक एवं संग्रहालय सोमवार से पर्यटकों के लिए खोल दिए गये। इस दौरान कोविड-19 से बचाव को देखते हुए समस्त सुरक्षा मापदण्डाें की पालना की गई। आमेर महल में लोक कलाकारों द्वारा कालबेलिया एवं चरी नृत्य का आयोजन किया गया तथा शहनाई व नगाडों का वादन किया गया। अल्बर्ट हॉल संग्रहालय एवं हवा महल में भी कच्ची घोड़ी नृत्य एवं शहनाई वादन के साथ पर्यटक स्थल लम्बी अवधि के बाद पर्यटकों के लिए खोले गये।
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक प्रकाश चन्द्र शर्मा ने बताया कि इस सप्ताह सभी स्मारक तथा संग्रहालय प्रातः 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक मंगलवार, गुरूवार, शनिवार एवं रविवार को खुलेंगे। अगले सप्ताह मंगलवार, गुरूवार, शनिवार एवं रविवार को स्मारक एवं संग्रहालय प्रातः 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक तथा 3 बजे से 5 बजे तक खुले रहेंगे। इन दो सप्ताहों में पर्यटकों का प्रवेश निःशुल्क रहेगा।
उन्होंने बताया कि जून माह के तीसरे सप्ताह से सभी स्मारक एवं संग्रहालय नियमित रूप से पूर्व की भांति खुले रहेंगे तथा समय प्रातः 9 बजे से दोपहर 1 बजे एवं 3 बजे से 5 बजे तक रहेगा। तीसरे सप्ताह से 31 अक्टूबर, 2020 तक प्रवेश शुल्क वर्तमान में प्रचलित दरों से आधा (50 प्रतिशत की छूट ) रहेगा ।
विभाग के निदेशक ने बताया कि भ्रमण के दौरान सभी पर्यटकों के लिए मास्क अनिवार्य होगा, पर्यटकों की थर्मल स्क्रीनिंग की जावेगी, उन्हें 5-5 के समूह में अन्दर भेजा जायेगा। पान, गुटका, धूम्रपान का पूर्ण रूप से निषेध रहेगा, स्मारकों एवं संग्रहालयों की सुबह, दोपहर तथा सांयकाल तीन बार साफ-सफाई एवं सैनेटाईजेशन किया जायेगा। किसी भी वस्तु अथवा दीवार को छूने पर पर्यटकों के लिए पाबंदी रहेगी। इसके लिए समस्त स्टाफ को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जा चुका है।