सीएसआईआर–सीरी ने किया उच्च-शक्ति मैग्नेट्रॉन तकनीक का प्रौद्योगिकी हस्तांतरण
टॉनबो इमेजिंग प्रा. लि. से हुआ एक करोड़ रुपये का करार

देश की तकनीकी संप्रभुता को सुदृढ करने की दिशा में निर्णायक होगा यह करार
पिलानी। आत्मनिर्भर भारत और देश की तकनीकी संप्रभुता को मजबूती देने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सीएसआईआर–केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर–सीरी), पिलानी ने टॉनबो इमेजिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ ₹1 करोड़ मूल्य का उच्च-शक्ति स्वदेशी मैग्नेट्रॉन तकनीक हस्तांतरण करार किया।
इस समझौते पर सीएसआईआर–सीरी और टॉनबो इमेजिंग के अधिकारियों ने औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए। टॉनबो इमेजिंग की ओर से को-फाउंडर एवं सीईओ अरविंद लक्ष्मी कुमार और को-फाउंडर एवं चीफ रेवेन्यू ऑफिसर अंकित कुमार उपस्थित रहे। कार्यक्रम में यूएई, कोलंबिया और बेलारूस से पाँच अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया, जिसने इस तकनीक की वैश्विक प्रासंगिकता को रेखांकित किया।
सीएसआईआर–सीरी की ओर से संस्थान के निदेशक डॉ. पी. सी. पंचारिया और प्रौद्योगिकी एवं व्यवसाय विकास समूह के प्रमुख डॉ. नीरज कुमार मौजूद रहे।
हस्तांतरित की गई उच्च-शक्ति मैग्नेट्रॉन तकनीक सीरी के वैक्यूम इलेक्ट्रॉन डिवाइस समूह द्वारा पूरी तरह इन-हाउस डिजाइन, विकसित और प्रमाणित की गई है। इस तकनीक का व्यावसायिक उत्पादन शुरू होने से उन महत्वपूर्ण सामरिक अनुप्रयोगों में देश की आयात-निर्भरता कम होगी, जिनमें उच्च-शक्ति माइक्रोवेव स्रोत आवश्यक होते हैं।
सीएसआईआर–सीरी पिछले 69 वर्षों से वैक्यूम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, सेमीकंडक्टर तकनीक और एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स के क्षेत्र में देश की प्रमुख अनुसंधान प्रयोगशाला है। संस्थान ने उच्च-शक्ति मैग्नेट्रॉन के स्वदेशी विकास में भी अहम भूमिका निभाई है।
सीएसआईआर–सीरी और टॉनबो इमेजिंग के बीच हुआ यह करार देश की वैज्ञानिक क्षमता, सामरिक दक्षता और तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित होगा।

