बिजली बिलो में रेगुलेटरी सरचार्ज ने उड़ाई कारोबारियों की नींदें
बीकानेर। राजस्थान में बिजली बिलों पर लगाए गए रेगुलेटरी सरचार्ज ने उद्योग जगत की चिंता बढ़ा दी है। पहले से ही उत्पादन लागत, बाजार प्रतिस्पर्धा और धीमी औद्योगिक गतिविधियों का सामना कर रहे कारोबारी अब बढ़े हुए बिजली बिलों से परेशान हैं। बीकानेर जिला उद्योग संघ ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तथा ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर को पत्र भेजकर रेगुलेटरी सरचार्ज को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की है।

जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, उपाध्यक्ष नरेश मित्तल और संयुक्त सचिव के.के. मेहता ने पत्र में बताया कि वर्तमान में उद्योग पहले ही कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं। एक ओर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती प्रतिस्पर्धा, निर्यात में स्थितियां और ट्रम्प सरकार द्वारा किए गए टैरिफ बदलाव का सीधा असर राजस्थान के मैन्युफैक्चरर्स और एक्सपोर्टर्स पर पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार निवेशकों को आकर्षित करने का प्रयास कर रही है, लेकिन बिजली के टैरिफ में बढ़ोतरी ने उद्योगों की कमर तोड़ दी है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार ने अब उद्योगों पर रेगुलेटरी चार्ज, जो पहले शून्य था, उसे बढ़ाकर 1 रुपये प्रति यूनिट कर दिया है। इससे बिजली बिलों में भारी वृद्धि हो रही है, जिसके कारण कारोबारियों की नींद उड़ गई है। उद्योग जगत का कहना है कि बिजली दरें बढ़ने से उत्पादन लागत और बढ़ेगी, जिससे राजस्थान के उत्पाद घरेलू व वैश्विक बाजारों में अन्य राज्यों के मुकाबले प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे।
उद्योग संघ ने चेतावनी दी कि इस बढ़े हुए टैरिफ का सीधा असर औद्योगिक विकास की गति पर पड़ेगा और निवेशक महंगी बिजली के कारण गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों की ओर रुख कर सकते हैं। ऐसे में राजस्थान में निवेश आकर्षण की संभावनाएं कमजोर पड़ सकती हैं।
उद्योग जगत ने सरकार से आग्रह किया है कि प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने और निवेश का माहौल मजबूत रखने के लिए रेगुलेटरी सरचार्ज को तुरंत वापस लिया जाए।

