पसीना बहा रहे हैं शहर के असली हीरो – स्वच्छता ही सेवा
शास्त्री नगर में “आवर फॉर नेशन” का विशेष सफाई अभियान – आयकर विभाग और समाज की अद्भुत एकजुटता



बीकानेर। शास्त्री नगर (सुराणा नर्सिंग होम के सामने) में रविवार को “आवर फॉर नेशन” के तहत आयोजित सफाई अभियान एक अनोखा दृश्य लेकर आया। पिछले रविवार से बिल्कुल अलग माहौल में आज आयकर विभाग और स्थानीय समाज कंधे से कंधा मिलाकर क्षेत्र की सफाई में जुटे।
आयकर विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सफाई को औपचारिकता न मानते हुए पूरे समर्पण और मिशन भावना से भागीदारी निभाई। विशेष रूप से वर्षों से उपेक्षित बिजली ट्रांसफॉर्मर क्षेत्र को जोखिम उठाकर सावधानीपूर्वक साफ किया गया। जिस तरह विभाग करचोरी पकड़ने में तत्पर रहता है, उसी तरह आज सफाई में भी वही जिम्मेदारी दिखाई दी।
समाज की सहभागिता
शास्त्री नगर रेज़िडेंट्स सोसाइटी की सचिव श्रीमती शालिनी शर्मा की पहल पर बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी शामिल हुए। शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राकेश रावत स्वयंसेवक की तरह कार्यरत रहे। हाल ही में गंभीर हादसे से उबरने के बाद भी प्रसिद्ध सर्जन डॉ. अजय श्रीवास्तव पूरी ऊर्जा से सफाई में लगे।
शहर की प्रबुद्ध हस्तियां
युवा उद्योगपति विश्वास सुराणा, व्यवसायी सुरेश गुप्ता, गजेंद्र सरीन, ईशान शर्मा, गुरमोहन सेठी, रमेश उपाध्याय, अरुण चम, डॉ. विशाल मलिक, डॉ. रेखा श्रीवास्तव, महेंद्र तिवारी, सीए सुधीश शर्मा, मानक व्यास, सीए वसीम रज़ा, राकेश गुज्जर, विकास सुराणा, सुशील कुमार यादव, कपिला शर्मा, सोनी शर्मा, वंदना शर्मा, डॉ. फारूक, बसंत राजू, डॉ. वृजेन्द्र त्रिपाठी सहित कई गणमान्य नागरिक हाथ में झाड़ू और फावड़ा लिए सफाई में जुटे।
शास्त्री नगर रेज़िडेंट्स सोसाइटी के डॉ. राकेश रावत (अध्यक्ष), श्रीमती शालिनी शर्मा (सचिव), सरोज खंडेलवाल (उपाध्यक्ष), मनोज जैन, नीरज रावत आदि भी सक्रिय रूप से शामिल रहे।
आयकर विभाग की भागीदारी
विभाग से हनुमान प्रसाद शर्मा, खेमराज खरड़िया, बलदेव सहारन, मोहन भाटी, दिनेश कुमार, राजेंद्र सरस्वत, विकेश कुमार, यशराज गहलोत, आशीष पराशर, सुनीत कुमार, अंकुश बिश्नोई, भरत स्वामी, नरेंद्र ठक्कर, मुकेश पूनिया, शिव स्वामी, विमल, हरि, महेंद्र रामावत सहित बड़ी संख्या में अधिकारी व कर्मचारी सक्रिय रहे।
प्रेरणादायक दृश्य
आज का नज़ारा विदेशों की तर्ज़ पर दिखा – जब समाज के प्रतिष्ठित लोग और सरकारी अधिकारी आम नागरिक की तरह सफाई में जुट जाते हैं। यह दृश्य साबित करता है कि जब विभाग, समाज और नागरिक एक साथ आगे आते हैं तो बदलाव नामुमकिन नहीं रहता।
“आवर फॉर नेशन” के इस प्रयास ने यह साबित कर दिया कि पसीना बहाकर भी शहर को नई चमक दी जा सकती है।