पदकों की बौछार के साथ मनाया गया जैसलमेर पुष्करणा समाज का स्थापना दिवस
जोधपुर। श्री जैसलमेर पुष्करणा समाज, जोधपुर ने रविवार को जब्बरनाथ मंदिर प्रांगण में धूमधाम से अपना स्थापना दिवस एवं मेधावी छात्र-छात्रा सम्मान समारोह आयोजित किया। समारोह में नर्सरी से लेकर उच्च शिक्षा तक एमबीबीएस और आईआईटी में सफलता प्राप्त करने वाले 16 होनहार विद्यार्थियों को रजत एवं स्वर्ण मण्डित पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रभुलक्ष्मीनाथजी एवं माँ उष्ट्रवाहिनी के पूजन के साथ हुआ, जिसके बाद दिनभर खेलकूद प्रतियोगिताएँ आयोजित हुईं। इनमें नींबू-चम्मच रेस, लूडो, सुलेख, केरम, म्यूजिकल चेयर्स व लक्ष्य साधना जैसी प्रतियोगिताओं में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। वहीं महिला प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित ‘कुशल गृहिणी प्रतियोगिता’ का विशेष आकर्षण रहा, जिसमें चन्द्रकला व्यास विजेता रहीं।


सायंकालीन मुख्य समारोह समिति अध्यक्ष डी.के. व्यास की अध्यक्षता में हुआ। मुख्य अतिथि भाजपा नेता एवं समाजसेवी जगतनारायण जोशी, विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार सुरेश व्यास व कमलेश श्रीपत तथा जाखण के पूर्व सरपंच एवं गौभक्त प्रकाश व्यास मंचासीन रहे। इस दौरान देवकिशन व्यास एवं प्रकाश व्यास का समाज की ओर से शॉल, श्रीफल व स्मृति चिन्ह देकर अभिनंदन किया गया।
मुख्य अतिथि जोशी ने कार्तिकेय रामदेव, केशव पुरोहित, गरीमा आचार्य, चैतन्य पुरोहित, याचिका बोहरा, तनुश्री एवं अंजनी केवलिया को रजत पदक प्रदान किए। वहीं युक्ति पुरोहित, नवधा गज्जा, माधव पुरोहित, निलेश पुरोहित, साक्षी बिस्सा, देवेंद्र आचार्य, राहुल पुरोहित (एमबीबीएस), मोहक व्यास (आईआईटी) एवं अंतर्राष्ट्रीय कुडो खिलाड़ी माही पुरोहित को स्वर्ण मण्डित पदक से सम्मानित किया गया।
समाज की “बूंद-बूंद से सागर” योजना में सहयोग करने वाले दाताओं को भी अभिनंदन पत्र व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। अध्यक्ष डी.के. व्यास ने सफल आयोजन के लिए पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष गीता पुरोहित, कार्यालय सचिव अर्चना व्यास, अनिल केवलिया और सुनिल व्यास का आभार जताया।
पदकों व पुरस्कारों के प्रायोजक ई. विजय पुरोहित, श्यामसुंदर बिस्सा, डॉ. नवनीत मल पुरोहित, गोपालदास किराड़ू, कैलाश पुरोहित (नई दिल्ली), चंद्रकिशोर भट्ट (कनाडा), राहुल व्यास (दुबई), राकेश बिस्सा (बीकानेर) एवं नरेंद्र व्यास (जैसलमेर) रहे।
समारोह का संचालन सचिव सुरेश केवलिया ने किया तथा कार्यक्रम का समापन प्रभुलक्ष्मीनाथजी की महाप्रसादी के साथ हुआ।