जनजातीय क्षेत्र सोबनिया में एनआरसीसी बीकानेर का पशु स्वास्थ्य जागरूकता शिविर व कृषक-वैज्ञानिक संवाद संपन्न
बीकानेर । भाकृअनुप–राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी), बीकानेर द्वारा जनजातीय उपयोजना के अंतर्गत प्रतापगढ़ जिले की पीपलखूंट तहसील के सोबनिया गांव में कृषक-वैज्ञानिक संवाद एवं पशु स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इंडियन फार्म फोरेस्ट्री डवलपमेंट को-ऑपरेटिव लिमिटेड (आईएफडीसी), प्रतापगढ़ के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में लगभग 105 पशुपालक परिवारों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में कुल 705 पशुओं (गाय 219, भैंस 151, ऊँट 3, बकरी 275, मुर्गी 57) की जांच कर उन्हें रोगों से बचाव हेतु दवाइयां व स्वास्थ्य किट वितरित की गईं। पशुपालकों ने अपनी समस्याएं वैज्ञानिकों के समक्ष रखीं, जिनका समाधान现场 पर प्रदान किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व एनआरसीसी के निदेशक डॉ. अनिल कुमार पूनिया ने कहा कि केन्द्र सरकार की पशुपालक हितैषी योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाना एनआरसीसी की प्राथमिकता है। उन्होंने पशुपालकों को ऊँट पालन सहित अन्य पशुपालन गतिविधियों को अपनाकर अपनी आजीविका सशक्त बनाने का आह्वान किया।
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रतन चौधरी ने ऊँट पालन की वैज्ञानिक विधियों और स्वच्छ दूध उत्पादन की जानकारी दी। टीएसपी योजना के नोडल अधिकारी डॉ. श्याम सुंदर चौधरी ने पशु रोग प्रबंधन एवं उनके बचाव पर चर्चा की। इस अवसर पर पशुपालकों को तिरपाल, बैटरी चालित स्प्रे मशीन, दूध टंकी, टब, चारा व दवाएं वितरित की गईं।
ग्राम पंचायत की सरपंच दलु ने आयोजन के लिए एनआरसीसी का आभार जताया। आईएफडीसी के परियोजना प्रबंधक देवेंद्र कुमार कर्दम ने क्षेत्र में संचालित परियोजनाओं और बीजों के उपयोग पर जानकारी दी। वरिष्ठ परियोजना अधिकारी संतोष चौधरी ने जनजातीय परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने हेतु प्रोत्साहित किया और कार्यक्रम का संचालन भी किया। वहीं श्री निलेश ने मिट्टी की जांच व नैनो उर्वरकों के उपयोग पर जानकारी साझा की।
इस सफल आयोजन में एनआरसीसी के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अखिल ठुकराल, सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी मनजीत सिंह, तकनीकी अधिकारी जितेंद्र कुमार, सहायक प्रशासनिक अधिकारी राजेश चौधरी, हरजिंदर व नरेंद्र आदि ने विशेष योगदान दिया।