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गुरु पूर्णिमा पर गौरक्ष धोरा धाम में होगा हवन-पूजन और भव्य महोत्सव

सच्चा संत वही जो लोककल्याण के भाव रखे : धर्मेश महाराज

बीकानेर। भीनासर स्थित गौरक्ष धोरा धाम पर चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में मंगलवार को सप्तम दिवस के प्रसंग में कथा वाचक धर्मेश महाराज ने श्रद्धालुओं को उद्धव-गोपी संवाद, सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष और सप्तदिवस भागवत सार की गूढ़ व्याख्या सुनाई। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत केवल ग्रंथ नहीं, साक्षात भगवान का स्वरूप है, जिसके श्रवण और पठन मात्र से भोग और मोक्ष दोनों सुलभ हो जाते हैं।

धर्मेश महाराज ने संत की परिभाषा स्पष्ट करते हुए कहा कि सच्चा संत कोई विशेष वेशभूषा में नहीं होता, बल्कि वह मन से संत होता है। जो प्रभु भक्ति के साथ-साथ लोककल्याण की भावना रखे, वही वास्तविक संत है। उन्होंने कहा कि जैसे कपास का फूल वस्त्र बनकर तन को ढकता है, वैसे ही सच्चे संत समाज के दोषों को ढंककर उन्हें सत्पथ पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

गौरक्ष धोरा धाम के अधिष्ठाता योगी रामनाथजी महाराज ने बताया कि गुरुवार को गुरु पूर्णिमा महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर श्रीमद्भागवत कथा की पूर्णाहुति के साथ यज्ञ, अभिषेक, पूजन, सत्संग और गुरु प्रसादी भोग का आयोजन होगा। भक्तों की सुविधा और सहभागिता के लिए सभी आवश्यक तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं।

नखत बन्ना की कृपा से मिला जीवनदान

गौरक्ष धोरा मंदिर समिति के प्रवीण भाटी ने बताया कि योगी रामनाथजी महाराज को बचपन में ही श्री नखत बन्ना की कृपा से जीवनदान मिला था, जिसके उपरांत उन्होंने सांसारिक मोह त्याग कर प्रभु भक्ति का मार्ग अपनाया। उन्होंने नाथ संप्रदाय के ब्रह्मलीन संत मनफूलनाथजी महाराज से दीक्षा ली और तप-ध्यान में जीवन समर्पित कर दिया।

करीब 36 वर्ष पूर्व उन्होंने गौरक्ष धोरा पर श्री नखत बन्ना मंदिर का निर्माण करवाया, जो आज हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहाँ प्रत्येक चाँदनी पंचमी को विशेष जागरण होता है। गौसेवा, पर्यावरण संरक्षण और धार्मिक आयोजनों में योगी रामनाथजी महाराज एवं मंदिर समिति की सक्रिय भूमिका रहती है।

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