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“डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है”

– चाइनीज पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन रैकेट का भंडाफोड़, बीकानेर टीम की ऐतिहासिक कार्रवाई

जयपुर/बीकानेर।
राजस्थान स्वास्थ्य विभाग की पीसीपीएनडीटी टीम ने देश में पहली बार एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले अवैध पोर्टेबल चाइनीज सोनोग्राफी मशीन रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस पूरे ऑपरेशन में बीकानेर टीम की महत्वपूर्ण और निर्णायक भूमिका रही। बीकानेर के संयुक्त निदेशक डॉ. देवेंद्र चौधरी और समन्वयक महेंद्र सिंह चारण की लीड पर की गई इस कार्रवाई ने पश्चिम बंगाल से लेकर राजस्थान तक फैले रैकेट की परतें उधेड़ दी हैं। मिशन निदेशक डॉ. अमित यादव के निर्देशन में जयपुर रेलवे स्टेशन से गिरोह के एक मुख्य सदस्य को मशीन सहित गिरफ्तार किया गया।

ऑनलाइन डील से लेकर गिरफ्तारी तक

राज्य पीसीपीएनडीटी टीम ने योजनाबद्ध तरीके से चीन निर्मित प्रतिबंधित पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन के ऑनलाइन विक्रेताओं से संपर्क साधा और पश्चिम बंगाल निवासी 45 वर्षीय अमिताभ भादुरी से सवा छह लाख रुपये में मशीन का सौदा तय किया। डील के अनुसार दलाल मशीन लेकर जयपुर पहुंचा और वहां पहले से अलर्ट टीम ने उसे ट्रैक करते हुए सेंट्रल पार्क में धरदबोचा।

गिरफ्तारी से पहले आरोपी ने अपने बॉस डॉ. आदित्य मुरारका (लाइफ प्लस हेल्थकेयर, कोलकाता) को वॉइस मैसेज भेजते हुए कहा, “डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है… और वो डॉन हो आप।” यही वाक्य इस कार्रवाई की पहचान बन गया।

बीकानेर की टीम की प्रमुख भूमिका

इस ऑपरेशन को अंजाम देने में बीकानेर की टीम अग्रिम मोर्चे पर रही। डॉ. देवेंद्र चौधरी और महेंद्र सिंह चारण ने महीनों तक ऑनलाइन रिसर्च कर गिरोह से संपर्क साधा। वहीं पीबीआई थाना के एएसपी डॉ. हेमंत जाखड़ के मार्गदर्शन और सीआई संतोष शर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने तकनीकी सहयोग दिया। टीम में नरेंद्र कुमार, कैलाश, शानू चौधरी और राजंती शामिल रहे।

एमडी डॉ. अमित यादव: भ्रूण हत्या के खिलाफ जीरो टॉलरेंस

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. अमित यादव ने कहा कि भ्रूण लिंग जांच और कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराधों के खिलाफ राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है। उन्होंने कहा कि “इस प्रकार की मशीनें भ्रूण हत्या का माध्यम बन रही थीं, जिन्हें जड़ से खत्म करना हमारी प्राथमिकता है।”

अवैध तस्करी से भारत पहुंचती थीं मशीनें

चीन में निर्मित ये पोर्टेबल मशीनें अवैध रूप से भारत में तस्करी के जरिए लाई जाती थीं और बैग में फिट हो जाने वाली इन मशीनों को लाखों में बेचा जाता था। शुरुआती जांच में पता चला है कि यह रैकेट देश के कई राज्यों में सक्रिय था और अन्य नाम भी सामने आने की संभावना है।

केंद्रीय नेतृत्व से मिली मजबूती

डॉ. अमित यादव और एएमडी डॉ. टी शुभमंगला – दोनों चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े होने के कारण उन्होंने इस मामले की गंभीरता को समझा और पूरी कार्रवाई पर नजर बनाए रखी। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने मशीन का संचालन कर उसकी क्षमता का परीक्षण भी किया।

राजस्थान बना देश का नेतृत्वकर्ता राज्य

राजस्थान पीसीपीएनडीटी टीम पहले भी गुजरात, पंजाब जैसे राज्यों में डिकॉय ऑपरेशन कर चुकी है, लेकिन यह पहली बार है जब चीन निर्मित पोर्टेबल मशीनों के अवैध व्यापार का पर्दाफाश किया गया है। यह कार्रवाई पूरे देश में पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन की मिसाल बन गई है।

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