उद्योगों के लिए बड़ी राहत: लघु उद्योग भारती ने रखी मांगें, सीएम ने दिए निर्देश”
“टेक्सटाइल इंडस्ट्री का ट्रीटेड पानी पहुंचेगा कच्छ की खाड़ी!”
जयपुर। लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात कर राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों की औद्योगिक समस्याओं को रखा और उनके समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की।



प्रतिनिधिमंडल ने विशेष रूप से राज्य के पुराने 37 औद्योगिक क्षेत्रों को रीको में हस्तांतरित करने हेतु विधानसभा में लंबित विधेयक को पारित करने की मांग की। इसके साथ ही जोधपुर, पाली, बालोतरा, जसोल, बिठूजा और पचपदरा रिफाइनरी से निकलने वाले तेजाबी और लवणीय जल के निस्तारण हेतु कच्छ की खाड़ी तक एक वृहद ड्रेनेज योजना बनाने की आवश्यकता जताई।
संस्था ने जयपुर, बीकानेर, जालोर, पाली, भिवाड़ी और भीलवाड़ा में भूखंड आवंटन, ब्यावर और भीलवाड़ा में टाइल हब की स्थापना, कृषि भूमि रूपांतरण के बाद म्यूटेशन, पचपदरा में रीको पेट्रोजोन हब, पर्यावरण स्वीकृति के लंबित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण, खनन क्षेत्रों में ड्रोन सर्वे की पुनः समीक्षा, जोधपुर के आखलियों को नियमित करने और पेट्रोजोन में छोटे उद्यमियों को वाजिब दर पर औद्योगिक शेड उपलब्ध कराने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे भी उठाए।
इसके अलावा, बालोतरा यूआईटी की सीमा में रिंग रोड निर्माण, कृषि मंडी टैक्स और कृषक कल्याण सेस समाप्त करने, रिसॉर्ट और होटलों को पूर्ण उद्योग का दर्जा देने, भवन निर्माण पर ब्याज और अनुदान देने, उद्योग की प्रकृति परिवर्तन को मंजूरी, ‘राइजिंग राजस्थान’ के तहत एमओयू किए गए उद्योगों को स्वयं की भूमि पर स्थापित करने की शिथिलता और मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना की लंबित अनुदान राशि जारी करने की मांगें भी की गईं। प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र सरकार को माइनर से मेजर उत्पादों को पुनः माइनर श्रेणी में रखने के लिए पत्र लिखने की सिफारिश भी की।
मुख्यमंत्री ने सभी मुद्दों पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए। प्रतिनिधिमंडल ने सोलर कैप्टिव पावर की सीमा 100 प्रतिशत से बढ़ाकर 200 प्रतिशत किए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार भी प्रकट किया।प्रतिनिधिमंडल में प्रकाशचंद, घनश्याम ओझा, नरेश पारीक, शांतिलाल बालड़, महावीर चौपड़ा, महेन्द्र मिश्रा, अरुण जाजोदिया, सुधीर गर्ग और सुरेश कुमार विश्नोई शामिल रहे।