राजस्थान रोजगार नीति के प्रारूप पर उद्योगपतियों और अधिकारियों ने की चर्चा

बीकानेर। राज्य सरकार की बजट घोषणा 2025-26 के तहत बुधवार को उप क्षेत्रीय रोजगार कार्यालय द्वारा राजस्थान रोजगार नीति-2025 के प्रारूप पर विस्तृत चर्चा की गई। यह कार्यक्रम जिला उद्योग संघ सभागार में आयोजित हुआ, जिसमें जिले के उद्योगपति, उद्योग संघों के प्रतिनिधि एवं संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
कार्यक्रम में जिला उद्योग केन्द्र की महाप्रबंधक मंजू नैण गोदारा, उप क्षेत्रीय रोजगार कार्यालय के उपनिदेशक हरगोबिंद मित्तल, रीको के क्षेत्रीय प्रबंधक एस.पी. शर्मा, जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पचीसिया सहित अनेक प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे।
हरगोबिंद मित्तल ने राजस्थान रोजगार नीति की विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने रोजगार में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने, ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने तथा नियोक्ताओं और बेरोजगारों को एक मंच पर लाने हेतु एक पोर्टल विकसित करने की योजना की जानकारी दी।
द्वारका प्रसाद पचीसिया ने उद्योगपतियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम, रीको की प्रक्रियाओं को सरल बनाने, बिजली दरों में कमी, नीति के बेहतर क्रियान्वयन एवं निगरानी, नीति में बार-बार बदलाव से बचाव तथा उद्योगों से संबंधित विभागों के बीच समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया।
जिला उद्योग संघ के सचिव वीरेन्द्र किराड़ू ने रोजगारोन्मुख शिक्षा में सुधार एवं बाजार मांग के अनुरूप व्यावसायिक शिक्षा देने की जरूरत बताई।
जयकिशन अग्रवाल व राजकुमार पचीसिया ने एग्रो इंडस्ट्री पर करों में छूट देने, स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने, ग्रामीण उद्योगों को प्रोत्साहन देने, बिजली दरों में कटौती तथा विभिन्न उद्योग श्रेणियों के लिए अलग-अलग नीतियां और नियम बनाने का सुझाव दिया।
किशन बोथरा ने शॉर्ट टर्म रोजगार को ईएसआई/पीएफ जैसी योजनाओं की बाध्यता से बाहर रखने का प्रस्ताव रखा।
वस्त्र विक्रेता संघ के अध्यक्ष अनन्तवीर जैन ने स्वरोजगार एवं रोजगार नियमों को सरल बनाने, कर्मचारियों की सुविधा जैसे भोजन, आवास आदि पर ध्यान देने की बात कही।
युवा उद्यमी अभिमन्यु जाजड़ा ने युवाओं को निजी क्षेत्र में नौकरी हेतु प्रोत्साहित करने एवं उद्यमियों के विचारों को ज़मीन पर उतारने के लिए सरकार द्वारा फंडिंग की व्यवस्था करने की आवश्यकता जताई।
रेडिमेड होजरी एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील बंसल ने बाजार मांग के अनुसार कुशल श्रमिक तैयार करने, कौशल प्रशिक्षण केन्द्रों की प्रभावी निगरानी एवं नियंत्रण की व्यवस्था पर बल दिया।
कार्यक्रम में हुई ये चर्चाएं आगामी रोजगार नीति को और अधिक व्यावहारिक एवं क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने में सहायक सिद्ध होंगी। कार्यक्रम में द्वारकाप्रसाद पचीसिया, वीरेन्द्र किराडू , जयकिशन अग्रवाल, श्याम सुन्दर सोनी, प्रशांत कंसल, राजकुमार पचीसिया, अनन्तवीर जैन, शिवरतन पुरोहित, गौरव माथुर, किशनलाल बोथरा, सुशील बंसल, राजाराम सारड़ा, निर्मल पारख, अभिमन्यू जाजड़ा, दिलीप रंगा आदि मौजूद रहे।