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कल्याण महोत्सव में उमड़ा श्रद्धा का सागर

सिद्धगुरु श्री सिद्धेश्वर गुरुवर ने कहा – धर्म को सिर पर नहीं, सिर में रखो

बीकानेर: महाराजा गंगासिंह यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम में आयोजित कल्याण महोत्सव में श्रद्धालुओं पर अध्यात्म और भक्ति की अमृतवर्षा हुई। सिद्धगुरु श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुवर ने अपने प्रवचनों में श्रद्धा, विश्वास और धर्म की शक्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “धर्म को सिर पर नहीं, सिर में रखो, सिर से आत्मा में और आत्मा से आचरण में उतारो।”



आस्था और विश्वास का संदेश

गुरुवर ने कहा कि प्रहलाद और द्रौपदी जैसा अटूट विश्वास रखो, संशय मत करो, क्योंकि ईश्वर कभी तुम्हारा विश्वास टूटने नहीं देगा। उन्होंने बताया कि इस संसार में निंदा, छल, कपट और अहंकार बहुत हैं, लेकिन हमें निंदा करने और सुनने से बचना चाहिए। निंदा करने वाले व्यक्ति का माहौल भी दूसरों को प्रभावित करता है, इसलिए सत्संग और सद्भावना को अपनाना चाहिए।



ढाई घंटे तक बहती रही अमृतवाणी

कल्याण महोत्सव का शुभारंभ शाम 5 बजे राजस्थान के सुविख्यात संगीतकार राजू विजयवर्गीय और उनकी टीम द्वारा गणेश वंदना व भक्ति संध्या से हुआ। इसके बाद सिद्धगुरु श्री सिद्धेश्वर ने साढ़े छह बजे से ढाई घंटे तक अमृतवाणी का प्रवाह किया, जिसे हजारों श्रद्धालुओं ने आत्मसात किया।



गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने वर्चुअल संबोधन दिया। सुप्रसिद्ध समाजसेवी गणेश छल्लाणी ने अध्यक्षता की, जबकि हैदराबाद के उद्योगपति विक्रम डागा, महेश अग्रवाल और अमेरिका के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. हितेंद्र जैन को गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में सम्मानित किया गया।



समारोह में शामिल विशिष्ट जन

गुरुवर का स्वागत बीकानेर के उद्योगपति बसंत नौलखा, शिवरतन अग्रवाल (बीकाजी ग्रुप), गणेश बोथरा, विमल चोपड़ा (यमुनानगर), कमलचंद पुगलिया, अजय पुगलिया, डॉ. एल.सी. बैद, दिलीप अग्रवाल सहित कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने किया।

इसके अलावा समारोह में सागर पीठाधीश्वर दाताश्री रामेश्वरानंदजी महाराज, कर्नाटक विधायक बसवराज (बसु भाई), पाली विधायक भीमराज भाटी, प्रमुख समाजसेवी शुभकरण बोथरा (दिल्ली), उद्योगपति विजय बांठिया (सिलीगुड़ी), लवली गोयल (अहमदाबाद), न्यायाधीश राजेन्द्र चौधरी (जयपुर) सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।



भक्ति, आस्था और सत्संग का अनुपम संगम

बीकानेरवासियों के लिए यह महोत्सव अध्यात्म, आस्था और विश्वास का संगम साबित हुआ। गुरुवर के दिव्य प्रवचनों ने श्रद्धालुओं को सत्य, धर्म और आत्मज्ञान के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम का कुशल संचालन रवि पुगलिया ने किया।

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