बीकानेर की औद्योगिक समस्याओं का होगा समाधान?
पचीसिया, नागपाल व कंसल ने उद्योग मंत्री को भेजा पत्र
बीकानेर। बीकानेर की औद्योगिक समस्याओं के शीघ्र निस्तारण की मांग को लेकर जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, बींछवाल उद्योग संघ के पूर्व अध्यक्ष बेगराज नागपाल व वर्तमान अध्यक्ष प्रशांत कंसल ने राजस्थान सरकार के उद्योग मंत्री राज्यवर्द्धन राठौड़ को पत्र भेजा है।
पत्र में बताया गया कि रीको के अधीन आने वाले ट्रांसफर एरिया को फ्री होल्ड करते हुए रीको को हस्तांतरित किया जाए, क्योंकि वर्तमान में राज्य के सभी हस्तांतरित औद्योगिक क्षेत्रों में सुप्रीम कोर्ट के 20 अप्रैल 2023 के आदेशानुसार सब-डिविजन, भू-उपयोग परिवर्तन, हस्तांतरण, व क्रय जैसी गतिविधियों पर पूर्णतया रोक लगी हुई है।
क्या हैं मुख्य समस्याएं?
फाइलों का अंबार: समय के साथ हस्तांतरित औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित इकाइयों के स्टेटस, पार्टनरशिप विभाजन, पारिवारिक बंटवारा, और वित्तीय समस्याओं से जुड़ी फाइलें क्षेत्रीय कार्यालयों में लंबित हैं। इनका समाधान सरकारी हस्तक्षेप के बिना संभव नहीं है।
ड्राफ्टमेन की कमी: रीको के बीकानेर क्षेत्रीय कार्यालय में 1 जनवरी 2024 से ड्राफ्टमेन का पद रिक्त पड़ा है, जिससे उद्यमियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यदि कोई फाइल ऑनलाइन लगाई जाती है, तो उसका महीनों तक निस्तारण नहीं हो पाता है।
अतिरिक्त प्रभार की समस्या: वर्तमान में नागौर के ड्राफ्टमेन को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, जो सप्ताह में केवल 1-2 दिन ही बीकानेर आता है। अतिरिक्त कार्यभार का हवाला देकर फाइलों को लंबित रखा जाता है, जिससे उद्यमियों को कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं और रीको की ऑनलाइन व्यवस्था का उद्देश्य ही विफल हो जाता है।
पत्र में मांग की गई है कि:
ट्रांसफर एरिया को फ्री होल्ड करते हुए, वर्तमान स्वामित्व के एकल पट्टे जारी कर रीको को हस्तांतरित किया जाए। इससे न केवल मौजूदा समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि नई पीढ़ी के आर्थिक विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
रीको के बीकानेर क्षेत्रीय कार्यालय में रिक्त पड़े ड्राफ्टमेन के पद को शीघ्र भरा जाए, ताकि फाइलों का समय पर निस्तारण हो सके और उद्यमियों को अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े।
क्या मिलेगा समाधान?
क्या उद्योग मंत्री राज्यवर्द्धन राठौड़ इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाएंगे?
क्या बीकानेर की औद्योगिक समस्याओं का शीघ्र समाधान होगा?
यह देखना बाकी है, लेकिन उद्योग संघ की ओर से की गई इस पहल ने प्रशासन का ध्यान इस गंभीर मुद्दे की ओर जरूर खींचा है।
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