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शिक्षा विभाग में मंत्रालयिक कर्मचारियों के साथ भेदभाव का आरोप

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27वें दिन भी जारी है अनिश्चितकालीन धरना

बीकानेर। शिक्षा निदेशालय, बीकानेर के सामने मंत्रालयिक संवर्ग के कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन धरना शनिवार को 27वें दिन भी जारी रहा। प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य और संस्थापक मदनमोहन व्यास के नेतृत्व में कर्मचारियों ने रिव्यू/नियमित डीपीसी, 86 के वरिष्ठ कर्मचारियों की पदोन्नति को छोड़कर कनिष्ठ कर्मचारियों को तरजीह देने जैसे मुद्दों पर विरोध दर्ज कराया।

धरने में शामिल कर्मचारियों ने उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए सभी कार्यालयों और शालाओं में 100% पदों के प्रदर्शित कर ऑनलाइन काउंसलिंग के माध्यम से पदस्थापन की प्रक्रिया लागू करने की मांग की।

भेदभाव का आरोप:
प्रदेशाध्यक्ष आचार्य ने बताया कि शिक्षा प्रशासन मंत्रालयिक संवर्ग के साथ दोहरा मापदंड अपना रहा है। उप प्रधानाचार्य की डीपीसी तो 2022-23 में आयोजित कर आदेश जारी कर दिए गए, लेकिन मंत्रालयिक कर्मचारियों की डीपीसी में देरी और भेदभाव से उन्हें प्रति माह 5000 से 8000 रुपये का नुकसान हो रहा है।

धरने में जितेंद्र गहलोत, गिरजाशंकर आचार्य, विष्णुदत्त पुरोहित, नवरतन जोशी, कमलनयन सिंह, भगवत चरण पुरोहित सहित कई कर्मचारी शामिल रहे।

कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, धरना अनवरत जारी रहेगा।

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