सीरी ने विकसित किया किफायती और पोर्टेबल पीसीआर उपकरण
वैज्ञानिक अनुसंधान में बड़ा कदम
पिलानी। सीएसआईआर-सीरी (केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान) ने वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान में एक नई उपलब्धि हासिल करते हुए किफायती और पोर्टेबल पीसीआर (पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन) उपकरण विकसित किया है। आधुनिक तकनीक से लैस इस उपकरण को थर्मोसाइक्लर के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जो डीएनए और आरएनए आधारित नमूनों की जांच के लिए सटीक, तेज़ और किफायती समाधान प्रदान करता है।
स्वदेशी तकनीक से निर्मित
यह उपकरण पूरी तरह से सीएसआईआर-सीरी के वैज्ञानिकों द्वारा स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। हल्का और कॉम्पैक्ट होने के कारण यह ऑन-फील्ड और ऑफ-फील्ड दोनों स्थितियों में उपयोगी है। पारंपरिक पीसीआर उपकरणों की तुलना में यह अधिक किफायती है, जिससे इसे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जा सकता है।
व्यापक उपयोग और संभावनाएँ
इस उपकरण का उपयोग स्वास्थ्य, कृषि जैव प्रौद्योगिकी, पर्यावरण मॉनिटरिंग, फॉरेंसिक विज्ञान, और चिकित्सा निदान जैसे विविध क्षेत्रों में किया जा सकता है। इसे “मेक इन इंडिया” पहल के तहत विकसित किया गया है, जो आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रो एडुस्फियर को हस्तांतरित तकनीक
उपकरण के व्यावसायिक उत्पादन के लिए इसकी तकनीक प्रो एडुस्फियर प्रा. लि., गुरुग्राम को हस्तांतरित कर दी गई है। इससे इस उपकरण की उपलब्धता में तेजी आएगी और इसे वैश्विक स्तर पर विकासशील देशों के लिए भी उपयोगी बनाया जाएगा।
पीसीआर तकनीक: ‘आणविक फोटोकॉपी’
पीसीआर तकनीक डीएनए के किसी खास हिस्से की कई कॉपी बनाने के लिए प्रयोग की जाती है। इसका उपयोग संक्रमण की पहचान (जैसे COVID-19 टेस्ट), आनुवंशिक विकारों के अध्ययन, फसल सुधार, और पर्यावरणीय प्रदूषण की निगरानी में किया जाता है।
सीएसआईआर-सीरी के निदेशक का बयान
सीएसआईआर-सीरी के निदेशक डॉ. पी. सी. पंचारिया ने कहा, “किफायती पीसीआर उपकरण भारत को वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसकी पोर्टेबिलिटी और किफायती डिज़ाइन इसे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में प्रभावी बनाते हैं, जिससे स्वास्थ्य, जैव प्रौद्योगिकी और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति आ सकती है।”