गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करना पड़ा महंगा 2,889 चालक गंवा बैठे जान
*विश्व रिमेंबरेंस दिवस पर पीबीएम ट्रोमा सेंटर में चिकित्साकर्मियों का सम्मान*
*यातायात नियमों का पालन कर दुर्घटनाओं से बचाव करें*
बीकानेर। प्रादेशिक परिवहन कार्यालय द्वारा विश्व रिमेंबरेंस दिवस पर रविवार को पीबीएम ट्रोमा सेंटर में चिकित्साकर्मियों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में यातायात नियमों का पालन कर दुर्घटनाओं से बचाव का संकल्प लिया गया। वहीं सड़क दुर्घटनाओं में काल कवलित आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।
ट्रोमा सेंटर निदेशक डॉ बी एल खजोटिया ने बताया कि हमारे देश में कुल 4,80,583 सड़क दुर्घटनाएं हुई। जिनमें 1,17,682 सर्वाधिक 68 प्रतिशत मौतें ओवर स्पीड के कारण हुई। उन्होंने बताया कि 9,432 मौतें रोंग साइड, 3,674 मौतें नशे में ड्राइविंग, 2,889 वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करते हुए, 818 ट्रैफिक लाइट का उल्लंघन करते तथा 38,400 अन्य कारणों से मौतें हुई । उन्होंने कहा कि दुपहिया और पैदल चलने वाले सबसे ज्यादा शिकार है। इससे यह सीधा सबक है कि ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना से बचाव के लिए पांच स्तंभों यथा सुरक्षित सड़क, सुरक्षित वाहन, सुरक्षित वाहन ड्राइविंग तथा उसके बाद ट्रॉमा सेंटर की विशेष भूमिका है।
जिला परिवहन अधिकारी भारती नैथानी ने कहा कि यातायात नियमों का पालन कर सड़क दुर्घटनाओं से बचाव किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में परिवहन विभाग सतत कार्यशील है। सड़क दुर्घटना पीड़ितों के त्वरित इलाज में ट्रॉमा सेंटर की भूमिका प्रभावी है ।
ट्रॉमा सेंटर सीएमओ डॉ एल के कपिल ने कहा कि हमारे युवाओं को बचपन से ही सड़क सुरक्षा के संस्कार दिए जाने चाहिए। उन्होंने बताया कि ट्रॉमा सेंटर में ऑर्थोपेडिक्स, सर्जरी, न्यूरो सर्जरी के चिकित्सक एवं स्टाफ 24 घंटे तैनात रहते हैं। आपातकालीन स्थिति में आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त चिकित्सकों को बुलाया जाता है। उन्होंने बताया कि ट्रॉमा सेंटर में त्वरित इलाज के लिए हमेशा एक्सरे, सिटी स्कैन, ऑपरेशन थियेटर, लैब आदि कार्यरत रहते हैं। मेडिकल कॉलेज परिसर में डॉ बी एल खजोटिया के नेतृत्व में ट्रॉमा स्किल्ड सेंटर प्रारंभ किया जाएगा जिसमे विभिन्न विभागों, समाजसेवियों, सड़क किनारे कार्यरत लोगों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
लेखक अशफ़ाक कादरी ने विश्व रिमेंबरेंस दिवस पर पत्रवाचन करते हुए कहा कि यह दिन सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को स्मरण करने का दिन है तथा बचावकर्मियों, चिकित्सकों, पुलिसकर्मियों को धन्यवाद करने का दिन है,जो अपनी जान जोखिम में डालकर सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की मदद करते हैं।
कार्यक्रम में समाजसेवी हरिकिशन राजपुरोहित, डॉ जे पी कड़वासरा ने भी अपने अनुभव साझा किये ।
कार्यक्रम में परिवहन निरीक्षक करनाराम, प्रशासनिक अधिकारी अश्विनी राजपुरोहित ने ट्रॉमा सेंटर प्रभारी डॉ बी एल खजोटिया, सीएमओ डॉ एल के कपिल, असोसिएट प्रोफेसर डॉ सुरेन्द्र चोपड़ा, डॉ समीर पंवार , डॉ रतिराम मीणा, नर्सिंग अधीक्षक राजकुमार शर्मा, फिजियो थैरेपिस्ट डॉ शीतल पंवार, सहित ट्रॉमा सेंटर के विभिन्न विभागों के चिकित्सा कर्मियों का सम्मान किया गया । कार्यक्रम में दुर्घटनाओं में काल कवलित व्यक्तियों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई । परिवहन विभाग के निरीक्षक करनाराम ने धन्यवाद ज्ञापित किया।