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सहनीवाला को उन्नत उद्यानिकी तकनीक से मिलेगा मिनी इजरायल का स्वरूप


तीस किसानों को हाई-टेक हार्टिकल्चर मॉडल क्लस्टर से होगा लाभ

बीकानेर। लूणकरणसर के ग्राम सहनीवाला को उन्नत उद्यानिकी तकनीक के जरिए मिनी इजरायल मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। जयपुर-अजमेर हाईवे स्थित बसेड़ी गांव की तर्ज पर इस परियोजना का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और उन्हें आधुनिक तकनीकी साधनों से सशक्त बनाना है।

संयुक्त निदेशक (उद्यान) दयाशंकर ने बताया कि सहनीवाला का चयन हाई-टेक हार्टिकल्चर मॉडल क्लस्टर के लिए किया गया है। जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि ने इस योजना को हरी झंडी दी है, जिसमें ग्रीनहाउस, शेडनेट हाउस, सोलर पंप, फॉर्म पौंड और ड्रीप सिंचाई जैसे आधुनिक घटकों को शामिल किया जाएगा।

किसानों को क्या मिलेगा लाभ?

कृषि अधिकारी (उद्यान) मुकेश गहलोत के अनुसार, सहनीवाला, चक फूलदेसर और चक फूलदेसर सिंघास से 30 किसानों का चयन किया जाएगा। इन किसानों को ग्रीनहाउस/शेडनेट हाउस के साथ न्यूनतम चार अन्य घटकों पर अनुदान मिलेगा। चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए लॉटरी या रेंडमाइजेशन का उपयोग किया जाएगा।

महिला और लघु कृषकों को प्राथमिकता

योजना में महिला, लघु और सीमान्त किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। चयनित किसानों को प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए तकनीकी जानकारी दी जाएगी। उद्यान विभाग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के तहत किसानों को राज किसान साथी पोर्टल पर आवेदन करना अनिवार्य होगा।

बसेड़ी से मिली प्रेरणा

बसेड़ी के किसानों ने उन्नत तकनीकों से न्यूनतम लागत में अधिक उत्पादन कर अपनी आय में उल्लेखनीय वृद्धि की है। इसी सफलता को सहनीवाला में दोहराने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि इसे भी कृषि पर्यटन के रूप में विकसित किया जा सके।

परियोजना का उद्देश्य

यह योजना न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाएगी, बल्कि उन्हें तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाकर भविष्य के लिए तैयार करेगी।

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