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75 विधाओं का प्रशिक्षण लेने देशभर से बीकानेर आएंगे दिव्य बच्चे

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महावीर इंटरकॉन्टिनेंटल सर्विस ऑर्गेनाइजेशन (मीसो) का सामाजिक सरोकार

आयोजन पर आएगा एक करोड़ का खर्च

बीकानेर । महावीर इंटरकॉन्टिनेंटल सर्विस ऑर्गेनाइजेशन (मीसो) बीकानेर में मूक-बधिर बच्चों के लिए स्किल डवलपमेंट शिविर लगाने जा रहा है। यह शिविर 28 सितंबर से 2 अक्टूबर तक आयोजित होगा। इस शिविर में देशभर 12 से 20 वर्ष के 1000 बच्चे भाग लेंगे। इस स्किल डवलपमेंट शिविर में राजस्थान के 250 शामिल होंगे। इस दौरान उन्हें 75 तरह की विधाओं का प्रशिक्षण दिया जाएंगे। इस पूरे आयोजन पर करीब 1 करोड़ खर्च होने की उम्मीद है। यह जानकारी नोखा रोड स्थित डागा गेस्ट हाउस में शुक्रवार को मीसो के अंतरराष्ट्रीय महासचिव लोकेश कावड़िया ने पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि हर स्कूल से 16 बच्चे एवं चार टीचर आएंगे। करीब 20 हजार वर्गफीट एरिया में 40 स्टॉल्स लगाई जाएगी। जहां मूक-बधिर बच्चों द्वारा तैयार किए उत्पादों का रखा जाएगा। पिछले शिविरों के अनुभव के आधार पर कावड़िया ने बताया कि प्रशिक्षण लेने के बाद बच्चे 15 से 50 हजार रुपए हर माह कमा रहे हैं। इनका मिलेगा प्रशिक्षण उन्होंने बताया कि देशभर से आने वाले ट्रेनर सांकेतिक भाषा में साबुन, फिनाइल, शैम्पू, हैंडवॉश, लिपस्टिक आदि 75 विधाओं का प्रशिक्षण देंगे। रॉ मैटेरियल संस्था द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। उन्हें मैन्यूफैक्चरिंग से लेकर मार्केटिंग तक के गुर सिखाए जाएंगे। जो माल नहीं बिकता उसकी जिम्मेदारी संस्था की है। बिकने वाले माल का प्रोफिट संस्था बच्चों को देगी। 

भाषाएं अनेक सांकेतिक भाषा एक

कार्यक्रम के संयोजक विजय सिंह डागा ने पत्रकारों को बताया कि देशभर से कन्नड़, तमिल, तेलगू, बंगाली आदि भाषाओं के बच्चे आएंगे, लेकिन उनकी सांकेतिक भाषा एक ही है। इन बच्चों के लिए चार भवन निशुल्क उपलब्ध कराए हैं और सभी  एसी रूम में रहेंगे। यहां निशुल्क भवन उपलब्ध करवाना कोई मायने नहीं रखता, सेवा मायने रखती है। हम चाहेंगे बीकानेर का नाम वर्ल्ड रिकार्ड में आए। 

‘बच्चे सिखाएं बच्चों को’ 

अंतरराष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अशोक जैन एवं कार्यक्रम सह संयोजक संतोष बांठिया ने बताया शिविर में पहले दो दिन ट्रेनर बच्चों को सिखाएंगे व बाद में  ट्रेनर्स की प्रत्यक्ष निगरानी में ‘बच्चे सिखाएं बच्चों को’ का आत्मविश्वास बढ़ाने का कार्यक्रम होता है जिससे उनका परफेक्शन  बढ़ाने में आसानी होती है।  एक दिन सारे बच्चों एवं उनके शिक्षको को बीकानेर दर्शन कराने भी ले जाएंगे जिसमें जूनागढ़, संग्रहालय, ऊंट फार्म, घोड़ा फार्म, रसगुल्ला एवं बीकानेर का प्रसिद्ध  भुजिया फेक्ट्री तथा देशनोक की करणी माता मंदिर के दर्शन करने के पश्चात वापस डागा पैलेस में आ जाएंगे। 

सहयोग के लिए आगे आए भामाशाह 

इससे पहले गुरुवार को आयोजित संस्था की बैठक में मीसो के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पाली के पूर्व सांसद वीर पुष्प जैन ने अपने सम्बोधन में कहा कि संस्था का प्रशासनिक कार्यालय रायपुर में है। देश के राज्यों से मूक-बधिर बच्चों का आगमन होता है। गत वर्ष यह शिविर गुवाहाटी में आयोजित किया गया था जिसमें 600 मूक-बधिर बच्चे एकत्रित हुए थे और भूटान के भी 6 बच्चों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। गुवाहाटी में ही हमारे कार्यक्रम के संयोजक वीर विजय सिंह डागा ने हमें बीकानेर में इस शिविर के आयोजन के लिए आमंत्रित किया जिसमें अनाम प्रेम मुबंई के पदाधिकारियों एवं महावीर इंटरकांटिनेंटल सर्विस आर्गेनाइजेशन के पदाधिकारियों ने सहर्ष वीर विजय सिंह डागा का आमंत्रण स्वीकार कर यहां पर 1000 मूक-बधिर बच्चों का स्किल डेवलपमेंट शिविर लगाना तय किया है । जैन ने बताया कि मीसो ने अब तक 41 हजार से ज्यादा लोगों को स्वरोजगार में लगा रखा है और यह कार्य अनवरत जारी है। इस दौरान मीटिंग में मौजूद भामाशाह सहयोग राशि देने के लिए बढ़चढ़कर आगे आए। 

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