विद्यार्थी रोजगार पाने के इच्छुक बनने की बजाय रोजगार देने वाले बनें -राज्यपाल
महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह आयोजित
गंगानगर के चौधरी बल्लूराम गोदारा राजकीय कन्या महाविद्यालय की छात्राएं सरिता व्यास व चंद्रकला पुरोहित को राज्यपाल ने ट्रॉफी एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया
बीकानेर, 7 जून। राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा है कि विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति के आलोक में देशभर में ऐसा वातावरण निर्मित करें, जिससे विद्यार्थी रोजगार पाने के इच्छुक बनने की बजाय रोजगार देने वाले बन सकें। उन्होंने विश्वविद्यालयों द्वारा स्थानीय विरासत को सहेजने-संवारने हेतु अपने परिसर में क्षेत्रीय इतिहास, सभ्यता, संस्कृति को परिलक्षित करने वाले केन्द्रों की स्थापना करने का भी आह्वान किया।
मिश्र शुक्रवार को बीकानेर में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बीकानेर को भाईचारे और सद्भाव की संस्कृति से जुड़ा शहर बताते हुए कहा कि यहां साहित्य और संस्कृति की समृद्ध परंपरा रही है। उन्होंने डा. छगन मोहता, यादवेंद्र शर्मा ‘ चंद्र’, अजीज आजाद आदि साहित्यकारों और उनके लिखे का उल्लेख करते हुए बीकानेर की लघु चित्र शैलियां, उस्ता कला, मथेरण कला, लोक संगीत, नृत्य आदि को भी स्मरण किया। उन्होंने कहा कि स्थानीय साहित्य, कला संस्कृति के प्रकाश में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय नई पीढ़ी को दिशा दे। उन्होंने विश्वविद्यालयों में शोध और अनुसंधान की ऐसी परम्परा बनाने की भी आवश्यकता जताई जिससे हम अपनी धरोहर को संरक्षित कर सकें।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा वही सार्थक है, जिसमें पाठ्य पुस्तकों के साथ विद्यार्थी जीवन-कौशल के साथ परिवेश की समझ से जुड़ सके। जिसमें नवीन विचार और शोध के लिए विद्यार्थी उत्सुक हो।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सब तक पहुंच, समानता, गुणवत्ता, सामर्थ्य और जवाबदेही के स्तंभों पर आधारित है। इस नीति का उद्देश्य एक ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करना है जो सभी नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करके भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में विकसित करके देश के परिवर्तन में सीधे योगदान देने में सक्षम करने से जुड़ी है। उन्होंने नई शिक्षा नीति को विश्वविद्यालयों में पूरी तरह से लागू करने और रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम निर्माण पर भी जोर दिया। कौशल विकास नई शिक्षा नीति की प्राथमिकताओं में है।
मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे पाठ्यक्रम निर्मित करें, जिसमें स्थानीय पर्यटन संभावनाओं के साथ स्थानीय संस्कृति और परम्पराओं के संरक्षण की दिशा-दृष्टि बन सकें। उन्होंने शिक्षा के जरिए विद्यार्थी की शारीरिक, बौद्धिक तथा भावात्मक शक्तियों को परिपुष्ट और विकसित किए जाने पर भी कार्य करने की आवश्यकता जताई।
राज्यपाल ने 54 स्वर्ण पदक प्राप्त कर्त्ताओं में 44 छात्राएं होने पर प्रसन्नता जताई तथा कहा कि छात्राओं का यह प्रदर्शन उत्साहजनक है। लड़कियों को यदि अवसर मिलते हैं तो वे जीवन में तेजी से उत्कर्ष की ओर बढ़ती हैं। उन्होंने महिला शिक्षा एवं सशक्तीकरण के क्षेत्र में विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। राज्यपाल कलराज मिश्र ने एमजीएस यूनिवर्सिटी में आयोजित युगल गायन प्रतियोगिता में प्रथम रही श्री गंगानगर के बल्लूराम गोदारा राजकीय कन्या महाविद्यालय की छात्राएं सरिता व्यास व चंद्रकला पुरोहित को ट्रॉफी एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
मिश्र ने इससे पहले कला संकाय की छात्रा दिव्या हर्ष को कुलाधिपति पदक एवं शिक्षा संकाय की छात्रा किरण शर्मा को कुलपति पदक प्रदान किया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षिक एवं सह-शैक्षणिक गतिविधियो में श्रेष्ठ विद्यार्थी को ’महाराजा गंगासिंह अवार्ड’ और खेलकूद प्रतियोगिताओं में अव्वल प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को ’महाराजा करणी सिंह खेल अवार्ड’ देने की शुरुआत की भी सराहना की। उन्होंने महाराजा गंगा सिंह द्वारा राजशाही के दौर में अपने क्षेत्र के विकास के लिए किए गए नवाचार, भीषण अकाल के दौर का सामना करते हुए इस समस्या से स्थायी रूप से छुटकारा पाने के लिए सिंचाई प्रणाली स्थापित करने के लिए गंग नहर लाने, शिक्षा, चिकित्सा आदि प्रयासों से सीख लेते हुए भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा क्षेत्र में कार्य करने का भी आह्वान किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के 21 वें स्थापना दिवस के लिए सभी को बधाई प्रेषित की।
एक लाख 26 हजार 880 विद्यार्थियों को दी गईं उपाधियां
कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित द्वारा प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत कर विश्वविद्यालय की गतिविधियों की जानकारी दी गई। अष्टम दीक्षान्त समारोह में परीक्षा वर्ष 2021 में उत्तीर्ण हुए 1 लाख 26 हजार 880 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई। वहीं इसी वर्ष की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले 54 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। दीक्षान्त समारोह में ही 1 जनवरी से 31 दिसम्बर 2021 तक के 39 विद्यार्थियों को विद्या-वाचस्पति की उपाधि भी प्रदान की गई।
शूटिंग रेंज का किया गया शिलान्यास मिश्र ने विश्वविद्यालय के शिव काशी द्वार, बायोडाइवर्सिटी पार्क का लोकार्पण किया।
राज्यपाल ने लेफ्टिनेंट कर्नल किशन सिंह शूटिंग रेन्ज, महर्षि भारद्वाज भवन के विस्तार कार्य का शिलान्यास किया। संत मीरा बाई सभागार में महाराजा गंगा सिंह की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया गया। सत्र 2022-23 के लिए विश्वविद्यालय योग विभाग की प्रियंका को महाराजा गंगा सिंह अवार्ड तथा चूरू बालिका महाविद्यालय की छात्रा निकिता लाम्बा को महाराजा करणी सिंह खेल अवार्ड प्रदान किया गया।
समारोह में 1 से 6 जून तक विश्वविद्यालय में आयोजित इन्डोर गेम, योगा, प्रश्नोत्तरी, रंगोली, गायन, नृत्य, भाषण एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया। अन्तर्राष्ट्रीय वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में कांस्य पदक प्राप्त करने वाली निकिता लाम्बा को 3 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। समारोह में विश्वविद्यालय के विभिन्न क्रियाकलापों को प्रदर्शित करने वाली दीक्षा स्मारिका का विमोचन भी किया गया। विश्वविद्यालय के योग विभाग के विद्यार्थियों द्वारा योग की आकर्षक प्रस्तुति दी गई।
कार्यक्रम में बीकानेर पूर्व से विधायक सिद्धी कुमारी, खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास, श्रीडूंगरगढ़ विधायक ताराचंद सारस्वत, जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि, पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम सहित शिवबाड़ी महंत विमर्शानंद महाराज, विषेशाधिकारी राज्यपाल गोविंदराम जायसवाल, अतिरिक्त कुल सचिव डॉ. बिठ्ठल बिस्सा, वित्त नियंत्रक अरविंद बिश्नोई, उप कुल सचिव डॉ. गिरिराज हर्ष , परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजा राम चोयल सहित समस्त स्टाफ और विद्यार्थी मौजूद रहे। कुलसचिव हरि सिंह मीणा ने आभार व्यक्त किया।