डूंगर कॉलेज में सेंटर फार साइंस कम्युनिकेशन की होगी स्थापना
विज्ञान संचार कार्यशाला में शोधार्थियों ने दी 20 प्रस्तुतियां
बीकानेर। डीएसटी दिल्ली, वैज्ञानिक दृष्टिकोण सोसायटी जयपुर एवं बीआईआरसी राजकीय डूंगर कॉलेज बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में वीडियो क्रॉन्फ्रेंस हॉल डूंगर कॉलेज में तीन दिवसीय कार्यशाला का बुधवार को समपान हुआ। समापन समारोह की अध्यक्षता डूंगर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार पुरोहित ने की। समापन सत्र में 20 शोधार्थियों ने नशामुक्ति, विलुप्त होती प्रजातियां, कृत्रिम अंग, जल शुद्धिकरण जैसे विषयों पर प्रस्तुतियां दी।
इससे पहले वर्कशॉप की मुख्य वक्ता डॉ. दिव्या जोशी ने भाषा विज्ञान को विज्ञान संचार में महत्ता की व्याख्या करते हुए एन्ट्रॉपी की विचारधारा को संचार माध्यमों में उदाहरणों सहित समझाया। डॉ. दिव्या जोशी ने बताया कि बेसिक राइटिंग स्किल्स में लिस्निंग, राइटिंग, रीडिंग व राइटिंग ये चारों दमदार होने चाहिए। लेखन में सब्जेक्ट एकदम स्पष्ट होना चाहिए। जोशी ने बताया कि हमें अपनी बात आकर्षक शब्दों में एवं शॉर्ट में कहनी आनी चाहिए तभी बात प्रभावी होगी। वर्कशॉप में उन्होंने शोधार्थियों को शॉर्ट सेंटेंस बनाने की तकनीक की जानकारी उदाहरणों सहित दी।
दूसरे सत्र में विज्ञान संचार में कहानी लेखन विषय पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण के तरूण के जैन एवं डॉ नरेन्द्र भोजक द्वारा आयोजित की गई। तरूण के जैन के अनुसार डूंगर महाविद्यालय के विद्यार्थियों में साइंस कम्युनिकेशन को लेकर अभूतपूर्व उत्साह एवं सीखने की ललक देखने को मिली। उन्होंने बताया कि तीनों दिन चयनित बीसों शोधार्थियों ने न केवल 10 से 5 बजे तक निर्धारित समय में कार्य किया वरन देर शाम तक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सूचनाएं संग्रहित एवं संप्रेषित कर लेखन, परिचर्चा, एवं पावर प्वॉइंट प्रस्तुतियां बनाई जिससे सिद्ध होता है कि इस कार्यशाला के बाद वे एक अच्छे विज्ञान संचारक बन सकेंगे।
जैन ने बताया कि इस कार्यशाला के निगमनों के रूप पर कई विचार सामने आए हैं जिन्हें सूचीबद्ध कर भारत एवं राज्य सरकार को भिजवाया जा रहा है। एक मुख्य विचार सेंटर फॉर साइंस कम्युनिकेशन की स्थापना का है जिसे प्राथमिक रूप से बीकानेर डूंगर कॉलेज में स्थापित करने का प्रस्ताव उच्च शिक्षा के सचिव तथा कमिश्नर को भिजवाया जा रहा है। साथ ही साइंस कम्युनिकेशन के लिए स्किल बेस्ड कोर्स बनाने का कार्य भी प्रस्तावित किया गया है। इसके लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण द्वारा डूंगर कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. नरेन्द्र भोजक की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जा रहा है। इस समिति का मुख्य कार्य विज्ञान संचार में स्किल जीविका के पाठयक्रम बनाना रहेगा जो कि राष्टीय षिक्षा नीति 2020 का भी भाग है। कार्यक्रम का संचालन डॉ हेमेन्द्र भंडारी ने किया। कार्यशाला में डॉ. एस एन जाटोलिया, डॉ. एस के वर्मा, डॉ. राजाराम सहित कॉलेज के प्रोफेसर उपस्थित रहे।