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फैब्रिकेशन लैब्स की स्‍थापना से होगा देश में क्रांतिकारी परिवर्तन : डॉ पंचारिया

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वन वीक वन लैब कार्यक्रम

विकसित प्रौद्योगिकी को उत्‍पाद तक भी ले जाएं वैज्ञानिक : प्रोफेसर रामगोपाल

सेमिकंडक्‍टर मैटीरियल्‍स, डिवाइसेज़ एंड सिस्‍टम्‍स पर कार्यशाला का आयोजन

पिलानी। सीएसआईआर-सीरी में सप्‍ताहपर्यन्‍त आयोजित किए जा रहे एक सप्‍ताह – एक प्रयोगशाला (वन वीक – वन लैब) कार्यक्रम के अंतर्गत आज सेमिकंडक्‍टर मैटीरियल्‍स, डिवाइसेज़ एंड सिस्‍टम्‍स पर वैज्ञानिक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्‍य अतिथि के रूप में बिट्स पिलानी के ग्रुप वाइस चांसलर प्रोफेसर वी रामगोपाल राव तथा विशिष्‍ट अतिथि के रूप में सीएसआईआर- राष्‍ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला, नई दिल्‍ली के निदेशक डॉ वेणुगोपाल अचंता उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्‍यक्षता संस्‍थान के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने की। कार्यशाला में संस्‍थान के वैज्ञानिकों, परियोजना कार्मिकों एवं शोधार्थियों के साथ विषय-विशेषज्ञों ने भी प्रतिभागिता की।

कार्यशाला का शुभारंभ डॉ पी सी पंचारिया, निदेशक, सीएसआईआर-सीरी के स्‍वागत एवं अध्‍यक्षीय संबोधन के साथ हुआ। इस अवसर पर देश में सेमिकंडक्‍टर टेक्‍नोलॉजी के आगमन की चर्चा करते हुए बताया कि हमारा संस्‍थान विगत 4 दशकों से सेमिकंडक्‍टर टेक्‍नोलॉजी के क्षेत्र में शोधकार्य कर रहा है। सेमिकंडक्‍टर फैब्रिकेशन लैब के महत्‍व को रेखांकित करते हुए उन्‍होंने कहा कि संस्‍थान शीघ्र ही जयपुर में गैलियम नाइट्राइड फैब्रिकेशन लैब की तथा पिलानी में मेम्‍स फैब लैब की स्‍थापना की जाएगी। अपने स्‍वागत संबोधन में उन्‍होंने संस्‍थान के वन वीक वन लैब कार्यक्रम में प्रतिभागिता के लिए सभी अतिथियों के प्रति आभार व्‍यक्‍त किया।

कार्यशाला के तकनीकी सत्र की अध्‍यक्षता मुख्‍य अतिथि प्रोफेसर रामगोपाल राव ने की। प्रोफेसर राव ने ‘लेवरेजिंग द नेशनल सेमिकंडक्‍टर मिशन टु प्रोमोट डीप-टेक्‍नोलॉजी इनोवेशन्‍स इन अकैडमिया’ विषय पर अपना की नोट व्‍याख्‍यान दिया। अपने रोचक एवं ज्ञानवर्धक व्‍याख्‍यान में प्रोफेसर राव ने देश में शोध एवं विकास के परिदृश्‍य पर प्रकाश डाला। उन्‍होंने देश में शोध एवं विकास कार्यों में निवेश बढ़ाने की आवश्‍यकता पर बल देते हुए वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे विकसित टेक्‍नोलॉजी को उत्‍पाद के चरण तक ले जाने की दिशा में भी कार्य करें, तभी वे उपयोगी सिद्ध होगी। अपनी शोध रुचियों एवं प्रमुख शोध क्रियाकलापों की जानकारी भी दी।

विशिष्‍ट अतिथि प्रोफेसर वेणुगोपाल अचंता ने ‘अपॉर्चुनिटीज़ फॉर सेमिकंडक्‍टर्स इन द नेशनल मिशन प्रोजेक्‍ट्स’ विषयक की-नोट संबोधन दिया। इसके साथ कार्यशाला में राजा रमन्‍ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र के डॉ तरुण शर्मा ने ‘डेवलपमेन्‍ट ऑफ गैलियम आर्सेनाइड एंड गैलियम नाइट्राइड बेस्‍ड फोटॉनिक डिवाइसेज़’ विषय पर अपना आमंत्रित व्‍याख्यान दिया। इनके अलावा तकनीकी सत्र में एपिक फाउंडेशन के सीईओ डॉ सत्‍य गुप्‍ता ने ‘मेकिंग इंडिया इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एंड सेमिकंडक्‍टर प्रोडक्‍ट नेशन’ विषयों पर आमंत्रित व्‍याख्‍यान दिए।

इससे पूर्व कार्यशाला के संयोजक डॉ सुचंदन पाल, मुख्‍य वैज्ञानिक ने सीएसआईआर-सीरी में सेमिकंडक्‍टर क्षेत्र की ऐतिहासिक पृष्‍ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए वर्तमान में चल रही गतिविधियों की जानकारी दी। कार्यशाला का संचालन डॉ विजय चटर्जी, वरिष्‍ठ वैज्ञानिक ने किया। मुख्‍य वैज्ञानिक डॉ अभिजीत कर्माकर ने धन्‍यवाद ज्ञापित किया।

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