राहुल गांधी की सदस्यता का समाप्त करना कानून सम्मत,देश में कोई भी कानून से ऊपर नही- अखिलेश प्रताप सिंह
बीकानेर। राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता का पूर्णतः कानून सम्मत है, और संविधान के दायरे में ही हुई जिसके लिए राहुल गांधी स्वयं और उनकी कांग्रेस पार्टी के नीति कार जिम्मेदार और दोषी है। यह बात अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष और हनुमानगढ़ प्रभारी अखिलेश प्रताप सिंह ने कही। उन्होंने कहा 2019 के चुनावों में मोदी सरनेम को सार्वजनिक रूप से चोर घोषित करार देना और आदतन अपने भाषणों में भाषा के स्तर को निम्मनता के लिए ले जाने पर पूर्व में भी न्यायालय में लिखित में माफी मांगनी पड़ी थी। जिसके स्वरूप उन्हें फिर से दोषी करार दिया गया था।
प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सत्यप्रकाश आचार्य ने कहा कि राहुल अपने आप को देश के कानून से ऊपर समझते है और उन्हें देश के संवैधानिक संस्थानों पर विश्वास नहीं है। जिला महामंत्री अनिल शुक्ला ने कहा कि राहुल गांधी अपने बदजुबानी के लिए पहले से ही जमानत पर है और उन पर 7 मुकदमे विभिन्न अदालतों पर चल रहे है। प्रदेश कार्यसमिति आमंत्रित सदस्य अधिवक्ता मुमताज़ अली भाटी ने कहा कि सूरत अदालत के सजा की घोषणा के बाद लोकसभा सदस्यता रद्द करने के लिए बाध्य थी।
जिला उपाध्यक्ष अशोक प्रजापत ने कहा कि जनप्रतिनिधि अधिनियम में सजा के बाद सदस्यता समाप्त होने का स्पष्ट प्रावधान है जिसके चलते लोकसभा सचिवालय ने उचित कार्यवाही की। उपाध्यक्ष भगवान सिंह मेड़तिया ने कहा कि कांग्रेस के युवराज संवैधानिक संस्थाओं पर विश्वास नहीं करते, अनेकों अवसरों पर संस्थाओं को सम्मान देने के विपरीत मख़ौल उड़ाने से बाज़ नही आते है। उपाध्यक्ष मधुरिमा सिंह, डॉ सुषमा बिस्सा, बंशीलाल तंवर आदि ने भी लोकसभा के फैसले का स्वागत किया है।