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एक यूनिट रक्त से बच सकती हैं तीन जिंदगियां

*विश्व रक्तदाता दिवस पर आयोजित होंगे स्वैच्छिक रक्तदान शिविर व कार्यशालाएं*

बीकानेर, 13 जून। विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर मंगलवार को राजकीय एवं निजी ब्लड बैंक पर स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाएगा ताकि रोगियों को बिना रिप्लेसमेंट के रक्त उपलब्ध करवाया जा सके। इसमे विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाएं, महाविद्यालयों, पुलिस, एनसीसी, एनएसएस स्काउट गाइड आदि की भागीदारी करेंगे।

स्वास्थ्य भवन सभागार में रक्तदान, हिमोफीलिया व थैलेसीमिया को लेकर संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। साथ ही रक्त समूह व हिमोग्लोबिन जांच शिविर भी आयोजित किया जाएगा ताकि जरूरत पडने पर संबंधित समूह के रक्त के लिए संबंधित व्यक्ति को प्रोत्साहित कर रक्तदान के लिए बुलाया जा सकेे।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बी एल मीणा ने बताया कि इस बार विश्व रक्तदाता दिवस की थीम ‘‘रक्तदान करना एकजुटता का कार्य है। इस प्रयास में शामिल हों और जीवन बचायें‘‘ रखी गई है। उन्होंने बताया कि शिविर के दौरान जिनका हीमोग्लोबिन कम पाया जाएगा उन्हें आवश्यकतानुसार आयरन फाॅलिक एसिड की गोलियां उपलब्ध करवाई जाएगी। चिकित्सा संस्थानों एवं ब्लड सेंटरों पर निःशुल्क ब्लड ग्रुप जांच की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी तथा रक्तदान शपथ कार्यक्रम आयोजित कर रक्तदाताओं को रक्तदान हेतु प्रोत्साहित गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

*एक यूनिट से बच सकती हैं तीन जिंदगियां*
डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया कि एक यूनिट रक्त से तीन जिन्दगियों को बचाया जा सकता है। रक्तदान से प्राप्त रक्त को 3 भागों प्लाज्मा, रेड ब्लड सेल्स व प्लेटलेट्स में विभाजित कर जरूरतमंद रोगियों की चिकित्सा में उपयोग किया जाता है। कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी उम्र 18 से 50 वर्ष के बीच हो, वजन 50 किलोग्राम या अधिक हो रक्तदान कर सकता है। शरीर में रक्तदान के तत्काल बाद दान किये गये रक्त की प्रतिपूर्ति करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है तथा लगभग 24 से 48 घंटे में दान किये गये रक्त की प्रतिपूर्ति हो जाती है।

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