बीकानेर में इस पहाड़ को हटाने के लिए केंद्र ने मंजूर किए 36 करोड़
बीकानेर । नगर निगम बीकानेर महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित के प्रयास आखिरकार धरातल पर साकार होते नजर आ रहे हैं। शिववैली डंपिंग यार्ड पर जमा 731960 क्यूबिक मीटर कचरे के निस्तारण को अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी चुनौती मानने वाली महापौर ने अंततः विजय प्राप्त कर ली है।
दरअसल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आजादी के 75 वीं वर्षगांठ 15 अगस्त 2022 तक शहरों के बीच स्थित सभी ट्रेचिंग ग्राउंड या डंपिंग यार्ड को हटाने के निर्देश दिए है। ऐसे में बीकानेर के मध्य स्थित शिववैली डंपिंग यार्ड को हटाने के लिए महापौर लगातार 2 सालों से प्रयासरत थी। राज्य सरकार के सभी आला मंत्रियों और अधिकारियों से मिलकर किसी तरह राज्य सरकार के माध्यम से इस डंपिंग यार्ड को हटाने के लिए 36 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भिजवाया गया।
पिछले महीने वाराणसी में हुई ऑल इंडिया मेयर काउंसिल की बैठक में महापौर ने केंद्रीय नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के सामने भी अपनी बात रखी। जिसके बाद महापौर दिल्ली पहुंची और मंत्रालय ने आखिर बीकानेर नगर निगम को 36 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए। गौरतलब है की केंद्र द्वारा स्वीकृत किए गए फंड में जयपुर के बाद सबसे अधिक राशि बीकानेर को ही स्वीकृत की गई है।
शिववैली से डंपिंग यार्ड हट जाने से शहर को एक बड़ी परेशानी से निजात मिलेगी। लिगेसी वेस्ट होने के कारण कई बार आगजनी जैसी दुर्घटनाएं भी हुई है । गंगाशहर और इसके आस पास रहें वाले वाशिंदों को भरी राहत मिलेगी।
महापौर ने केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा की शिववैली में हमारा अग्निशमन केंद्र तैयार हो चुका है। साथ ही डंपिंग यार्ड के पास ही शहर का राम शरद कोठरी वाटिका टाउन लेवल पार्क प्रस्तावित है । हम बस इसी स्वीकृति की प्रतीक्षा में थे कि डंपिंग यार्ड के हटने के बाद पार्क का निर्माण कर निगम स्वामित्व की भूमि पर आवासीय योजना बनाकर नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। मैंने अपने कार्यकाल में इसे सबसे बड़ी चुनौती मानते हुए कार्य किया है। बीकानेर की जनता को प्रदूषण से मुक्त करने और स्वच्छता के क्षेत्र में यह मील का पत्थर साबित होगा। जल्द ही इस प्रक्रिया को पूर्ण कर डंपिंग यार्ड पर स्थित कचरे के निस्तारण हेतु निविदा जारी की जाएगी ।