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कृष्ण के बाल सौंदर्य के दर्शन करने कौन गोकुल गाँव पहुंचे जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर

बीकानेर । गोकुल सर्किल स्थित सूरदासाणी पुरोहित बगेची में चल रही भागवत कथा के पांचवे दिन भागवताचार्य मुरली मनोहर व्यास ने कृष्ण की अनेक बाल लीलाओं के प्रसंग सुनाए। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण के बाल सौंदर्य का दर्शन के लिए स्वयं महादेव गोकुल गाँव मे आते हैं। कृष्ण को मारने आई पूतना का भगवान ने वध कर मोक्ष लाभ दिया। महाराज ने बताया कि कर्म करने के साथ साथ हरि स्मरण करना चाहिए। उन्होंने ने बताया कि समस्त संसार का सौंदर्य जहां निवास करे वही वृन्दावन है। कृष्ण गोकुल छोड़ वृन्दावन जाते है। वहां बकासुर का वध करते है। कालिया नाग के आतंक से कृष्ण ने सबको मुक्त किया। फिर उसके पाँच फणों पर नृत्य करने लगते है। भगवान ने अपने अवतार काल में पांचभूतों को पावन कर दिया था। कान्हा की मधुर बांसुरी से गऊ माताएं मंत्रमुग्ध होकर उनके पास आने लगती है। वैष्णव धर्म में मानसिक सेवा के मर्म को महाराज ने स्पष्ट किया।
ब्रह्माजी के मन मे व्याप्त मोह को कृष्ण ने अपने प्रभाव से नष्ट किया। मोरपंख निष्काम का प्रतीक है इसलिए कृष्ण ने उसे सिर मुकुट पर धारण किया। गोपियाँ द्वारा गाए वेणुगीत का पावन वृतांत भी सुनाया।

तब तक सिद्ध नहीं होती उपासना

भागवताचार्य व्यास ने कहा कि मन में वासना रहे तब तक उपासना सिद्ध नहीं होती। कृष्ण ने नंदबाबा को गोवर्धन पर्वत की पूजा का भी महत्व बताया। गोवर्धन पूजा प्रकृति की पूजा है। इस दौरान कथा में भक्त भाव विभोर होकर नाचने लगे। आज कथा प्रसंग अनुसार कृष्ण द्वारा गोवर्धन उठाने की मनमोहक झांकी भी प्रस्तुत की गई। इस भागवत कथा वाचन में कृष्ण लीलाओं को झांकियों के जरिए जीवंत प्रस्तुत करने वाले श्रद्धालु कलाकार प्रभु की भक्ति में डूबे हुए प्रतीत हो रहे थे। कृष्ण लीला के पात्रों का श्रृंगार इतना लुभावना और मनमोहक था जैसे प्रभु साक्षात श्रद्धालुओं के सामने ही खड़ें हैं। कथा कार्यक्रम का संचालन कर रहे शिक्षक प्रदीप व्यास भी अपने को रोक नहीं सके और कृष्ण लीला के एक पात्र की भूमिका में नजर आए। प्रदीप व्यास महाभारत सीरियल के पात्र अर्जुन की भांति नजर आ रहे थे।

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