…नहीं तो भविष्य में चुकानी पड़ेगी भारी कीमत
– ईसीबी में “‘ग्रीन टेक्नोलॉजी एवं सस्टेनेबिलिटी इंजीनियरिंग’ ” विषयक पांच दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन
– ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन पर नियंत्रण आवश्यक: प्रो. विद्यार्थी, कार्यक्रम में देश के 200 शिक्षकों को मिला प्रशिक्षण
बीकानेर । अभियंत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर के रसायन शास्त्र विभाग द्वारा संचालित अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा प्रायोजित अकादमी योजना के तहत ‘ग्रीन टेक्नोलॉजी एवं सस्टेनेबिलिटी इंजीनियरिंग’ विषय पर चल रहे पांच दिवसीय शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम का बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति विद्यार्थी मुख्य आथित्य में समापन हुआ। प्रो. विद्यार्थी ने बदलती जीवन शैली के कारण बढ़ रहे पारिस्थितिक पर्यावरण संकट के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि घातक औद्योगिक स्टोर का विसर्जन एक बड़ी समस्या है और यदि इनके प्रति हम जागरूक नहीं हुए तो आने वाले भविष्य में हमें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। प्राचार्य जयप्रकाश मामू ने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन पर नियंत्रण को आवश्यक बताते हुए कहा कि पर्यावरण का संरक्षण पाश्चात्य उपभोग केंद्रित ऊर्जा भोगी जीवन शैली के स्थान पर मित भोगी जीवनशैली अपनाने से ही संभव है।
कार्यक्रम संयोजक डॉ प्रवीण पुरोहित ने बताया कि 5 दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 15 विषय विशेषज्ञों द्वारा 200 प्रतिभागियों को विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिया गया। कार्यक्रम के अंत में लिए गए परीक्षा में प्रतिभागियों को एआईसीटीई द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे। अंतिम दिन प्रथम सत्र में डॉक्टर नरेंद्र भोजक ने ग्रीन केमेस्ट्री ग्रीन ऑडिटिंग द्वारा पर्यावरण संरक्षण अपनाए जाने वाले उपायों के बारे में विस्तार से बताया। दूसरे सत्र में आईआईटी जोधपुर की डॉ रितु गुप्ता द्वारा सेंसर के उपयोग द्वारा वायुमंडलीय प्रदूषण के मापन व निवारण हेतु अपनाए जाने वाली विभिन्न उपायों के बारे में विस्तार से बताया। तीसरे व अंतिम सत्र में एमबीएम जोधपुर के प्रोफेसर निखिल रंजन गर्ग ने मशीन लर्निंग द्वारा सस्टेनेबिलिटी नामक विषय पर विस्तृत व्याख्यान दिया। कार्यक्रम के अंत में रजिस्ट्रार मनोज कुड़ी राजेंद्र सिंह शेखावत ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ इंदु भूरिया व रवि अग्रवाल ने किया।