कोरोना ने गुलाल कारोबार को डूबाया
– 30 से 50 फीसदी टूटी सेल
✍राजेश रतन व्यास ✍
बीकानेर। बीकानेर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते जिला प्रशासन ने 28 व 29 मार्च को सार्वजनिक आयोजन पर रोक लगा दी है। इसका असर रंग गुलाल की बिक्री पर पड़ा है। इसके साथ कोरोना के भय ने भी गुलाल कारोबार की कमर तोड़ दी है। कारोबारियों का कहना है कि पिछले साल जिले में एक करोड़ की गुलाल उड़ी थी, लेकिन इस बार 70 लाख से नीचे ही सेल रहेगी। यानी पिछले साल के मुकाबले इस साल 30 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है। इतना ही नहीं पिचकारी एवं मुखौटों की सेल तो 50 प्रतिशत तक गिर गई है। क्योंकि बीती होली का माल भी पूरा बिका नहीं था। कारोबारियों का कहना है कि इस बार नया कस्टमर तो कोई नहीं आ रहा है जो हर साल के नियमित कस्टमर है वे ही आ रहे हैं। गुलाल की बिक्री में आई कमी को लेकर कारोबारियों ने बताया कि इस बार गांवों में कोरोना की वजह से हुई मौतों के कारण गम का माहौल है। वहीं अभी भी कोरोना के केस आ रहे हैं। इस वजह से गांव की सेल बुरी तरह से टूट गई है। बीकानेर का इक्का दुक्का कारोबारी ऐसा है जो यह कहता है कि शत प्रतिशत माल बेच देंगे शेष की हालत पतली हो रही है। कारोबारियों का कहना है इस बार नया आइटम कुछ भी लान्च नहीं किया क्योंकि पुराने को बेचने में ही झाग आ रहे हैं।
आधे से भी कम रह गई रंगोली कलर की सेल
कारोबारियों ने द इंडियन डेली को बताया कि गणगौर पूजन में काम आने वाली रंगोली गुलाल की सेल तो आधे से भी कम रह गई है। क्योंकि पिछले साल लाॅकडाउन लग गया था तब रंगोली वाली गुलाल दुकानदारों के पास स्टाॅक में ही रह गई, बिकी नहीं। इसलिए औसतन 50 बैग रंगोली गुलाल ले जाने वाले दुकानदार इस बार महज 20 के करीब बैग ही ले जा रहे हैं।
उधार से बचे रहे हैं कारोबारी
बीकानेर के बाजार में 60 फीसदी काउंटर उधार वाले हैं। मगर इस बार कारोबारियों को उधार देने से डर लग रहा है। क्योंकि अभी तक पिछली होली का पेमेंट भी नहीं आया। कारोबारियों ने बताया कि कहीं इस बार लाॅकडाउन लगा तो रिकवरी करने में और भी देरी हो जाएगी। इसलिए उधार से बच रहे हैं।
इनका कहना है-
इस बार बाजार में ग्राहक का मूड बदला हुआ है। बीकानेर में रंग गुलाल के 200 के करीब काउंटर है। हालात यह है कि बड़े काउंटर वाले भी बहुत कम माल उठा रहे हैं। जो एक साथ 100 बैग ले जाते थे वे दस दस करके टूकड़ों में ले जा रहे हैं। छोटे दुकानदार को जब हम 20 की जगह 22 बैग दे देते थें तो वह कुछ नहीं बोलता था, लेकिन इस बार हमारा ग्राहक डरा हुआ है वह आॅर्डर से एक बैग भी ऊपर नहीं ले रहा है। सरकार से उम्मीद करते हैं कि होली खेलने पर पाबंदी न लगाए वरना यह कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो जाएगा।
– विपुल नाहटा, श्री रंगराज कुटिर उद्योग, बी सेठिया गली
मुख्यतः तीन दिन ही ग्राहकी रहती है। अभी तक तो काउंटर ही नहीं लगाया। कोरोना का डर व प्रशासन की पाबंदी के चलते कदम उठाया नहीं। इस बार केवल गुलाल की ही खरीद की है। क्योंकि 50 फीसदी ग्राहकी की ही उम्मीद है।
– सुरेन्द्र कुमार उपाध्याय, सुरेन्द्र एंड कम्पनी, नत्थूसर गेट
हमारे पास पिछला माल भी पड़ा है। नया भी खरीद रहे हैं और इसे बेच भी देंगे। सरकार ने खेलने पर रोक लगा रखी है दुकान खोलने व गुलाल बेचने पर रोक थोड़ी लगा रखी है। लोग डिमांड भी कर रहे हैं। घरों में तो खेलेंगे ही। फिर कोई समस्या नहीं है।
– शिवशंकर, भीमसेन फ्लोर मिल, सोनारों का मोहल्ला