राष्ट्रीय विज्ञान दिवस अवसर पर सीएसआईआर-सीरी द्वारा ‘विज्ञान – गाँव की ओर’ कार्यक्रम का शुभारंभ
जिला कलक्टर यू डी खान ने कार्यशाला व प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया
पिलानी। विज्ञान को गाँवों व ग्रामीण जनमानस तक पहेुँचाने के उद्देश्य से सीएसआईआर-सीरी संस्थान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ‘विज्ञान – गाँव की ओर’ अभियान का शुभारंभ भी किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर झुंझुनूँ के जिला कलेक्टर यू डी खान मुख्य अतिथि थे तथा झुंझुनूं की जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने की। इस अवसर पर आयोजित कार्यशाला में कार्यक्रम के उद्देश्यों व लक्ष्यों से अवगत कराने के लिए एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया जिसमें झुंझुनूँ जिले के प्रधान और पिलानी पंचायत के सभी सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी शामिल हुए।
मुख्य अतिथि उमरदीन खान, जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट ने विज्ञान – गाॅँँव की ओर कार्यक्रम की संकल्पना के लिए निदेशक, सीएसआईआर-सीरी की सराहना की। वर्तमान समय में गाँवों व शहरों में बढ़ती असमानता पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसका प्रमुख कारण वहाँ पर्याप्त निवेश न होना है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कौशल विकास के ऐसे शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यक्रम इस असमानता को दूर करने में सहायक होंगे। अपने संबोधन में उन्होंने कोविड के विरुद्ध संघर्ष में सभी जनप्रतिनिधियों के सहयोग की सराहना की और अभी भी पर्याप्त सावधानी बरतने की सलाह दी। मुख्य अतिथि ने कोविड वैक्सीन लगवाने का आग्रह करते हुए कहा कि इसमें किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं है। उन्होंने बताया कि मैंने भी यह टीका सबसे पहले लगवाया है और आप सभी लोग भी बढ़ चढ़ कर यह टीकाकरण करवाएं। अंत में उन्होंने स्वयं को यहाँ आमंत्रित करने के लिए आभार व्यक्त किया और सभी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की बधाई दी।
विशिष्ट अतिथि हर्षिनी कुल्हरी ने भी विज्ञान को गाँवों से जोड़ने की इस अनूठी पहल के लिए सीरी निदेशक डॉ पंचारिया और उनकी टीम की सराहना की। उन्होंने भी अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान का किताबों से बाहर निकल कर ग्रामीण जनजीवन तक पहुँचना आवश्यक है। उन्होंने जनप्रतिनिधि होने के नाते इस प्रयास में संस्थान का हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।
डॉ पी सी पंचारिया ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि किसी भी राष्ट्र की समृद्धि उसकी विज्ञान और प्रौद्योगिकी की समृद्धि पर आधारित होती है। सीएसआईआर ने भी अपनी 38 राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशालाओं के माध्यम से देश के विज्ञान और उद्योग जगत को समृद्ध करने के साथ-साथ जनसामान्य के जीवन को भी सुविधा संपन्न बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिलानी स्थित राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला (CSIR-CEERI) ने अपने अनेक अनुसंधानों और वैज्ञानिक क्रियाकलापों से देश के उद्योगों और जनमानस को लाभान्वित किया है। अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों के प्रति भी सीरी पूर्णतया सजग है।
उन्होंने सर सी वी रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज की प्रेरणा का जिक्र करते हुए कहा कि नवाचार के लिए जिज्ञासा, चिंतन व मनन अत्यंत आवश्यक हें। और इसी के बाद क्रियान्वयन का क्रम आता है। उन्होंने बताया कि अपनी सामाजिक जिम्मेदारी समझते हुए इस कार्यक्रम के अंतर्गत सीएसआईआर-सीरी ने ग्रामीण क्षेत्रों के जरूरतमंद लोगों को तकनीकी जानकारी प्रदान करने के माध्यम से सहयोग करने का निर्णय लिया है। उन्होने इस अवसर पर आगामी कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों से जुड़े कार्यक्रमों के बारे में भी अवगत कराया। उससे पूर्व उन्होंने अतिथियों व सभी प्रतिभागी प्रधानों, सरपंचों व ग्राम विकास अधिकारियों का औपचारिक स्वागत किया और संस्थान में पधारने के लिए धन्यवाद दिया।
संस्थान के इंजीनियरी सेवाएं प्रभाग के प्रभारी एस के मित्तल, वरिष्ठ अधीक्षण अभियंता ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत सीएसआईआर-सीरी में झुंझुनूँ जिले के संबंधित सरपंच/ग्राम प्रधान द्वारा नामित कक्षा 10 और उससे अधिक के छात्र-छात्राएँ व अन्य बेरोजगार व्यक्तियों को दो सप्ताह का तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा। एयरकंडीश्नर व फ्रिज, मोटर वाहन, बिजली और मोटर वाइंडिंग ट्रेड्स में यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षार्थियों के लिए यह प्रशिक्षण पूर्णतया निशुल्क होगा जिसमें प्रशिक्षार्थियों को संस्थान के इंजीनियरों एवं प्रशिक्षित कार्मिकों द्वारा उपर्युक्त विषयों पर उपयोगी जानकारी दी जाएगी जिससे वे विषय की सामान्य जानकारी प्राप्त कर सकें और स्वरोजगार के लिए प्रेरित हो सकें।
इससे पूर्व दीप प्रज्वलित कर अतिथियों द्वारा कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। कार्यशाला के शुभारंभ के उपरांत अतिथियों ने प्रशिक्षण कक्षा स्थल पर प्रशिक्षण का औपचारिक उद्घाटन किया और संबंधित अधिकारियों से प्रशिक्षण के संबंध में जानकारी प्राप्त की। अतिथियों ने संस्थान के विज्ञान संग्रहालय का भी परिदर्शन किया और संस्थान की शोध गतिविधियों एवं उपलब्धियों की प्रशंसा की।
निदेशक, सीएसआईआर-सीरी ने शॉल व स्मृति चिह्न भेंट कर अतिथियों का सम्मान किया। कार्यक्रम के अंत में संस्थान में कौशल विकास कार्यक्रम के प्रमुख डॉ अभिजीत कर्माकर, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इससे पूर्व कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी श्री रमेश बौरा ने अतिथियों का स्वागत किया तथा विज्ञान दिवस आयोजन की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए संस्थान द्वारा ग्रामीण समाज के उत्थान का प्रयास करने के उद्देश्य से आरंभ किया जा रहा है जिसके अंतर्गत युवाओं व बेरोजगारों में सामान्य ज्ञान-विज्ञान का प्रसार किया जाएगा और उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा। कार्य्रकम का समापन राष्ट्र गान के साथ हुआ।