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टिशू कल्चर तकनीक से आधे समय में तैयार हो जाते हैं गुलाब, एलोवेरा एवं अनार के पौधे

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टिशू तकनीक से संबंधित व्याख्यान आयोजित

विद्यार्थियों ने किया प्रायोगिक कार्य
बीकानेर, 27 फरवरी। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के पादप प्रौद्योगिकी केन्द्र की ओर से आयोजित पादप उत्तक संवर्धन तकनीक विषयक प्रशिक्षण के तहत शनिवार को विभिन्न व्याख्यान हुए। पादप प्रौद्योगिकी केन्द्र के विभागाध्यक्ष डाॅ. ए. के. शर्मा ने बताया कि नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट जेनेटिक्स रिसोर्सेज, नई दिल्ली के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ. सुभाष चंद्र एवं डाॅ. संध्या गुप्ता ने उत्तक संवर्धन की विभिन्न विधाओं के संबंध में अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने आज के दौर में उत्तक संवर्धन तकनीक की आवश्यकता के बारे में बताया। पादप प्रौद्योगिकी केन्द्र द्वारा राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के तहत यह प्रशिक्षण 23 फरवरी से 1 मार्च तक आयोजित किया जा रहा है। इसमें एमएससी और पीएचडी के विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। प्रशिक्षण के तहत प्रतिदिन चार व्याख्यान होंगे। डाॅ. शर्मा ने बताया कि अब तक पूर्व अनुसंधान निदेशक डाॅ. गोविंद सिंह, आईएबीएम के पूर्व निदेशक डाॅ. वाई सुदर्शन, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के डाॅ. खेतराम, केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान के डाॅ. चेतराम सहित अनेक विशेषज्ञों के व्याख्यान हो चुके हैं। प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों ने शनिवार को प्रायोगिक कार्य भी किया। डाॅ. शर्मा ने बताया कि केन्द्र के इनाॅक्यूलेशन चेम्बर एवं कल्चर रूम में उत्तक संवर्धन विधि द्वारा अधिक से अधिक संख्या में पौधों के संवर्धन कार्य के बारे में जाना। उन्होंने बताया कि केन्द्र द्वारा एलोवेरा, गुलाब एवं अनार के पौधे टिशू कल्चर तकनीक से तैयार किए गए हैं। इस तकनीक द्वारा सामान्य परिस्थितियों की तुलना में आधे समय में पौधे तैयार हो जाते हैं। इस दौरान डाॅ. विकास शर्मा एवं डाॅ विष्णु अग्रवाल ने विभिन्न विषयों के बारे में बताया।
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कुलपति ने इंक्यूबेशन सेंटर प्रभारी से की मुलाकात
बीकानेर, 27 फरवरी। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने शनिवार को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में जोनल टेक्नाॅलोजी मैनेजेमेंट एंड बिजनेस प्लानिंग एंड डवलपमेंट यूनिट की प्रभारी डाॅ. नीरू भूषण से मुलाकात की। उन्होंने भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय की रफ्तार योजना के तहत बनाए गए इस इंक्यूबेशन सेंटर की कार्यप्रणाली के बारे में जाना। विश्वविद्यालय में भी इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के प्रयास हो रहा है। इसके लिए नाबार्ड को प्रस्ताव भिजवाया गया है। जिसके स्वीकृत होने की पूरी संभावना है। उन्होंने बताया कि नाबार्ड द्वारा वर्तमान में हिसार और मदुरै में ऐसे इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं। वहीं रफ्तार योजना के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में इंक्यूबेशन सेंटर बनाए गए हैं। बीकानेर में इंक्यूबेशन सेंटर की आवश्यकता है। इसकी स्थापना से कृषि व्यवसाय प्रबंधन और स्टार्ट अप की संभावनाओं को बल मिलेगा।
सोलर फ्रीज का किया अवलोकन
कुलपति ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा आयोजित किए जा रहे पूसा कृषि विज्ञान मेले में सोलर फ्रीज का अवलोकन किया। उन्होंने बताया कि इसमें 2 टन सब्जियों को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसका तापमान पांच डिग्री रखा गया है, इससे पालक, धनिया की पत्तिया भी नहीं मुरझाती। उन्होंने बताया कि इसकी लागत लगभग छह लाख रुपये है तथा यह किसानों के लिए बेहद लाभदायक सिद्ध हो सकती है। राजस्थान में भी एक-दो किसानों ने इसे अपनाया है। विश्वविद्यालय द्वारा इस तकनीक को अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक डाॅ. देबाप्रिया दत्ता से भी मुलाकात की।
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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
बीकानेर, 27 फरवरी। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की पूर्व संध्या पर गृह विज्ञान महाविद्यालय द्वारा पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस दौरान विद्यार्थियों ने ‘वैज्ञानिक तकनीकां़े की आधुनिक जीवन में उपयोगिता’ विषय पर पोस्टर बनाए। कुसुम ने प्रथम, अंजली सोलंकी ने द्वितीय और अंजली राजपुरोहित ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस दौरान डाॅ. अंजू ठकराल ने ‘विज्ञान और हम’ विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने वैज्ञानिक आविष्कारों के दिनचर्या पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बताया। गृह विज्ञान अधिष्ठाता डाॅ. विमला डुंकवाल ने बताया कि विज्ञान से होने वाले फायदों के प्रति समाज में जागरुकता लाने एवं वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से प्रति वर्ष 28 फरवरी को मनाया जाता है। भारतीय वैज्ञानिक सर सीवी रमन ने इसी दिन रमन प्रभाव की खोज की थी। एनसीसी प्रभारी कीर्ति खत्री ने कार्यक्रम का संचालन किया। डाॅ. प्रसन्नलता आर्य ने आभार जताया। इस दौरान डाॅ. जया पालीवाल, डाॅ. ममता सिंह आदि मौजूद रहे।
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