पाकिस्तान की इकोनोमिक का सहारा बनती चलती-फिरती नमक की ये भारतीय दुकानें These Indian shops of moving salt become Pakistan’s economic support
बीकानेर। पड़ौसी देश पाकिस्तान के आर्थिक हालात बेहद दयनीय है। ऐसे में हिन्दुस्तान में चल रही चलती-फिरती नमक की दुकानें उसकी इकोनोमी का बड़ा सहारा बनकर उभरी हैं। देश में वाघा बाॅर्डर के पार पाकिस्तान के खेवरा, सिंध आदि इलाकों में सैंधे नमक की माइंस हैं। दुनिया में इस नमक का सबसे बड़ा उपभोक्ता हिन्दुस्तान हैं। क्योंकि हिन्दुस्तानी लोग व्रत में इसी नमक का सेवन करते हैं। इसके अलावा दुनिया को आयुर्वेद से परिचित करवाने वाले एक मात्र देश हिन्दुस्तान आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में इसी नमक का इस्तेमाल करता है। इस प्रकार हिन्दुस्तान पाकिस्तान की इकोनोमी का बड़ा सहारा है। राजस्थान के बीकानेर जिले के राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे इस नमक की चलती-फिरती दुकानें देखी जा सकती हैं। जैसलमेर रोड पर ट्रोली में नमक बेचने वाले पंजाब प्रांत के भटिंडा जिले का विश्वास काॅलोनी निवासी मंगतराम कहता हैं कि वाघा बाॅर्डर के पार ट्रकों में भरकर यह सैंधा नमक पंजाब के रोपड़ में आता है। फिर हम ट्राॅलियों में भरकर अहमदाबाद, जोधपुर, बीकानेर आदि स्थानों पर बेचते हैं। बीकानेर में जयपुर रोड, जैसलमेर रोड, नोखा रोड पर ऐसी एक दर्जन के करीब ट्राॅलियों में यह नमक बेचा जा रहा है। इसके अलावा ईरान के रास्ते से लुधियाना में भी सैंधा नमक आता है, लेकिन हम रोपड़ वाला नमक ही बेचते हैं ।
डेढ़ माह में बेच देते हैं 25 क्विंटल नमक
मंगतराम बताता है कि वह बाॅर्डर से रोपड़ में आए नमक को 1700 ₹ प्रति क्विंटल के भाव से खरीदते हैं । इसमें सैंधे नमक को 40 से 60 रूपए प्रति किलो तथा काले नमक को 50 से 80 रूपए प्रति किलो के भाव से बेचते हैं। डेढ़ माह में करीब 20 से 25 क्विंटल नमक बेच देते हैं। मंगतराम बताता है कि हम ईमानदारी से मेहनत करके गुजारा चलाते हैं इसलिए पुलिस हमें कहीं भी तंग नहीं करती।
खास चाट मसाला
मंगतराम बताता है कि उसके पास एक खास चाट मसाला भी तैयार किया हुआ है इसमें अमचूर, हरड़, काली मिर्च, जीरा, कोर तुंबा की जड़ के मिश्रण से चाट मसाला तैयार किया जाता है जो केवल हमारे पास ही है। यह लस्सी छाछ में डालते हैं तो उसका जायका बढ़ जाता है। यह चाट मसाला 30 से ₹50 प्रति किलो के भाव से बिकता है।
पशुओं के लिए भी है फायदेमंद
यहां गजनेर रोड पर श्री गंगानगर निवासी चौधरी राव ने अपनी नमक की चलती-फिरती दुकान लगा रखी है। चौधरी राव बताता है कि इस सेंधा नमक को आमजन के अलावा पशुपालक भी बड़ी संख्या में खरीदते हैं क्योंकि यह नमक जब पशु चाटते हैं तो उसके मुंह में छाले नहीं होते हैं। चौधरी यह भी स्वीकार करता है कि उनके पास जो नमक है वह बाजार भाव से थोड़ा महंगा है, लेकिन क्वालिटी के मामले में बेहतर है इसमें किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं होती है इसलिए यह सेहत के लिए अच्छा माना जाता है और खूब बिकता है।