विश्व रेडियो दिवस: माथुर के संग्रह में 100 साल से ज्यादा पुराने रेडियो
बीकानेर। बीकानेर के रानीबाजार निवासी दिनेश माथुर ऐसे रेडियो लवर है जिनका पेशन रेडियो कलेक्शन है। एक से बढ़ कर एक रेडियो इनके खजाने में है। रेडियो के शौकीन दिनेश ऐसे ऐसे चैनल ओर रेडियो पर चलने वाले चैनलों की जानकारी रखते है कि जानकर हर कोई हतप्रभ रह जाता है। पूरे विश्व के समाचार वे अलग अलग देशों के रेडियो चैनलों पर सुनवा देते है। माथुर के संग्रह में 100 साल से ज्यादा पुराने रेडियो भी है।


इन नामचीन कंपनियों के है रेडियो
माथुर के पास नामचीन कंपनियों के रेडियो है। इनमें नेशनल, बुश, टेल्को, मरफ़ी, टेलीफूंकन, पाई, फिलिप्स, सीमेंस, एम्पायर, टेलीरोड, हिसमास्टर वाइस, टेलीमेक, कोशर, जीईसी, जेई, इको, ग्राउंडिंग, चेतक, नेशनल पैनासोनिक, सोनी जैसी विश्व प्रसिद्ध इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पनियों के जर्मन, यूएसए, इंग्लैंड, इंडिया, हॉलैंड, जापान आदि देशों में निर्मित रेडियो शामिल है।
घर के तीन कमरों में रेडियो म्युजियम
माथुर बताते हैं कि रेडियो का बचपन से संग्रह कर रहे है और करीब 465 रेडियो संग्रह में शामिल है जिसमे 100 से ज्यादा वाल्व वाले रेडियो है । घर के 3 कमरे सिर्फ इन रेडियो से ही सजे हैं।
लाखों के ऑफर मिले मगर …
एंटीक चीजों का शौक़ रखने वाले कई हैंडीक्राफ्ट व्यवसायियों ने माथुर को लाखों की ऑफर दे रखी है, लेकिन ये संग्रह आज भी इनके घर पर रखे हैं । घर सुंदर रेडियो म्यूजियम है। आज इस टेक्नोलॉजी व इंटरनेट के युग में जहां रेडियो नैपथ्य में चला गया था वहां एफएम चैनलों की भरमार ने रेडियो को जैसे पुनर्जीवित ही कर दिया है। माथुर के इस अनोखे शौक व रेडियो के प्रति लगाव तथा समर्पण के चलते उनकी अलग पहचान बन गई है ।