वर्षा जल संरक्षण का प्रावधान नहीं रखने पर नहीं मिलेगी भवन निर्माण की एनओसी – मेहता
– डिस्ट्रिक्ट एनवायरमेंट मैनेजमेंट प्लान की बैठक में जिला कलेक्टर ने दिए निर्देश
बीकानेर, 10 फरवरी। नियमों के अनुसार वर्षा जल संरक्षण का प्रावधान नहीं रखने की स्थिति में नगर विकास न्यास भवन निर्माण के लिए नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एन ओ सी) जारी नहीं करेगा। जिला कलेक्टर नमित मेहता ने डिस्ट्रिक्ट एनवायरमेंट मैनेजमेंट प्लान के संबंध में आयोजित बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को संरक्षित रखने की दिशा में सभी विभागों को समन्वित रूप से काम करने की आवश्यकता है। मिट्टी, पानी वन का संरक्षण सभी विभागों की प्राथमिक जिम्मेदारी है। इसके मद्देनजर नगर विकास न्यास यह सुनिश्चित करें कि भवन निर्माण के लिए एनओसी जारी करने से पहले नियमानुसार रेन वॉटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान अनिवार्य रूप से करवाया जाए। साथ ही रैंडम रूप से जांच कर देखें कि नियमों की पालना की जा रही है अथवा नहीं।
बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की दें सूचना
मेहता ने कहा कि जिले की समस्त अस्पतालों से निकल रहे बायो मेडिकल वेस्ट को किस प्रकार निस्तारित किया जा रहा है इसके संबंध में विस्तार पूर्वक सूचना उपलब्ध करवाई जाए। पीएचईडी द्वारा जल स्त्रोतों को संरक्षित रखने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की भी सूचना उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने जिला परिषद सीईओ कोे वाटर शेड, सोलर प्लांट आदि की सूचना देने के भी निर्देश दिए।
मेहता ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट इन्वायरमेंट मैनेजमेंट प्लान के तहत एनजीटी की गाइडलाइन के अनुपालना करते हुए एक विस्तृत पर्यावरण संरक्षण रणनीति तैयार की जाएगी जिसके तहत ठोस वेस्ट मैनेजमेंट, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, ई वेस्ट मैनेजमेंट सहित पानी की गुणवत्ता के प्रबंधन पर काम किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि इस प्लान के तहत इंडस्ट्री से निकलने वाले दूषित पानी के प्रबंधन पर भी एक एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। साथ ही वायु तथा ध्वनि की गुणवत्ता संरक्षित रखने के लिए भी रणनीति बनाई जाएगी। जिले में विभिन्न इकाईयों और घरों द्वारा निकलने वाले विभिन्न प्रदूषण घटकों से जुड़े प्राथमिक डाटा के आधार पर आगे की रणनीति, संसाधन इत्यादि जुटाए जाएंगे। रणनीति के तहत पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित करने की दिशा में और पर्यावरणीय संतुलन को संधारित करने के लिए काम किया जा रहा है। सभी मुख्य विभागों को शामिल करते हुए विभिन्न स्टेकहोल्डर्स का भी सहयोग लिया गया है।
जिले के लिए तैयार किए गए वेस्ट मैनेजमेंट प्लान के तहत नगर निगम और नोखा, श्रीडूंगरगढ़ और देशनोक नगर पालिका द्वारा प्रतिदिन एकत्र होने वाले गीले और सूखे कचरे और उनके निस्तारण की जानकारी जुटाई गई है। मेहता ने बताया कि वर्तमान में सभी नगर पालिका और नगर निगम में शत प्रतिशत डोर टू डोर कचरा संग्रहण किया जा रहा है। बायो वस्ट जनरेट करने वाले 193 संस्थान चिन्हित किए गए हैं। बैठक में डिस्ट्रिक्ट एनवायरमेंट मैनेजमेंट प्लान के संभाग स्तरीय नोडल आॅफिसर प्रो. अनिल कुमार छंगाणी, विभागाध्यक्ष पर्यावरण विज्ञान विभाग महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय ने कहा कि एनजीटी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों पर सभी विभाग बकाया रही सूचनाएं एक सप्ताह में डिस्ट्रिक्ट एनवायरमेंट कमेटी को उपलब्ध कवराई जाए जिससे प्लान बनाकर राज्य सरकार को भिजवाया जा सके। बैठक में डिस्ट्रिक एनवायरमेंट प्लान के तहत जिले के विभिन्न प्रदूषकों के निस्तारण व्यवस्थित उपचार पश्चात ही प्रदूषित जल के निकासी की व्यवस्था पर, अस्पतालों की मेडिकल वेस्ट पर, पेयजल की क्वालिटी पर, भूजल विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों के दोहन व खनन आदि से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा की गई।
ये हुए बैठक में शामिल
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) अरूण प्रकाश शर्मा, आयुक्त नगर निगम ए.एच. गौरी, जिला परिषद के सीईओ ओमप्रकाश, डी.वाई.सी.एफ के वीरेन्द्र सिंह जोरा, भू-जल विभाग के पन्नालाल गहलोत, महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र मंजू नैण गोदारा, आरएसपीसीबी के दारासिंह, डाॅ. इन्दिरा प्रभाकर, अधीक्षण अभियंता नगर विकास न्यास संजय माथुर, रीको के सुशील, खनिज विभाग के आर.एस. बत्रा सहित पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, भूजल विभाग जलदाय विभाग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।