पड़ौसी राज्यों की भांति राजस्थान को भी मिले सस्ती बिजली, नहीं तो उद्योग व्यापार में पिछड़ जाएंगे Like the neighboring states, Rajasthan also got cheap electricity, otherwise the industries will lag behind in trade
बीकानेर। बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, विद्युत सलाहकार एम. एस. फगेडीया, बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल सचिव वीरेंद्र किराडू व दिलीप रंगा ने राजस्थान के औद्योगिक विकास के भविष्य को बचाने हेतु बिजली दरें अन्य राज्यों की तर्ज पर कम करते हुए सस्ती विद्युत दरें लागू किये जाने बाबत पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भिजवाया। पत्र में बताया गया कि वर्तमान में राजस्थान में बिजली की दरों में बहुत अधिक बढ़ोतरी हुई है जबकि इसके विपरीत अनेक पड़ौसी राज्यों गुजरात, दिल्ली, मध्यप्रदेश व हरियाणा में बिजली की दरें काफी सस्ती है जिसके कारण राजस्थान का उद्योग व व्यापार दूसरे राज्यों की तुलना में प्रतिस्पर्द्धा में पिछड़ता जा रहा है। वर्तमान में सारे उद्योग धंधे जहां एक और कोरोना महामारी की चपेट में आकर अपने अस्तित्त्व को बरकरार रखने हेतु संघर्षरत हैं वहीं दूसरी और राज्य सरकार द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं पर दूसरे राज्यों की तुलना में बढ़ी हुई विद्युत दरों का भार डाला जा रहा है और उद्योग धंधों के साथ आम विद्युत उपभोक्ताओं की कमर तोड़ी जा रही है, जबकि राजस्थान सभी राज्यों की तुलना में बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर है। जहां एक ओर राज्य सरकार राज्य में नए नए उद्योगों की स्थापना के लिए नई नई नीतियाँ जारी कर रही है। वहीं दूसरी राज्य सरकार द्वारा विद्युत दरों में बढ़ोतरी को बरकरार रखते हुए देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ एमएसएमई उद्योग को खत्म करने के प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा बिजली दरों में बढ़ोतरी से राजस्थान के कई उद्योग या तो बंद हो गए हैं या पड़ौसी राज्यों की और पलायन करने लगे हैं और जल्द ही राज्य सरकार पड़ौसी राज्यों की तर्ज पर बिजली की दरों को लागू नहीं करती है तो प्रतिस्पर्द्धा में पिछड़ी एमएसएमई इकाइयां राजस्थान से पलायन कर जायेगी और राजस्थान का औद्योगिक विकास शून्य में चला जाएगा।