खोखले साबित हो रहे हैं सरकार के ये नारे, पानी की बर्बादी रोकने के सारे प्रयास हारे
बीकानेर। बीकानेर में पानी की बर्बादी रोकने के तमाम प्रयास निरर्थक साबित हो रहे हैं। इसमें सरकारी नारे व योजनाएं भी खोखली साबित हो रही हैं। राष्ट्रीय जल जीवन मिशन, ‘पानी बचाओ, बिजली बचाओ’ जैसे नारों के विज्ञापनों पर लाखों रूपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन इन विज्ञापनों को प्रचारित करने वाली सरकार भी जागरूक नहीं है तो आम जनता कैसे जागरूक होगी।
हालांकि यहां पानी की बर्बादी रोकने में जनता तो जागरूक हैं, लेकिन सरकार के विभाग इस मामले में खरे नहीं उतर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बीकानेर की मुरलीधर व्यास कॉलोनी में सामने आया है। यहां की मुख्य सड़क पर अमृत पिछले एक माह से सड़कों पर बेकार बह रहा है। इस बारे में कई बार जलदाय अधिकारियों को सूचित किया। इतना ही नहीं जागरूक नागरिकों ने विभाग में जाकर शिकायत भी दर्ज करवाई, लेकिन उन शिकायतों पर कोई उचित कार्रवाई नही हुई।


पानी की यह बर्बादी एक दिन नहीं, दो दिन नहीं बल्कि पूरे एक माह से हो रही है। हैरत की बात तो यह है कि विभाग की जानकारी में आने के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। बीकानेर पश्चिम विधानसभा के बी ब्लॉक के अध्यक्ष के जितेंद्र जोशी ने बताया कि काॅलोनी में पानी की टँकी के पास दो जगह साहित्यिक आकदमी के पास ट्रांसफार्मर के नीचे मौसम विभाग रोड पर दो जगह अमृत व्यर्थ ही बह रहा है। यह अमृत पिछले 1 माह से बह रहा है। जोशी ने बताया कि मुख्य अभियंता व अधिशासी अभियंता को कई बार फोन पर सूचित किया, लेकिन उन पर हमारी शिकायतों का कोई असर नही हुआ। आखिरकार आज जलदाय मंत्री डाॅ बी डी कल्ला को जोशी ने ज्ञापन के जरिए अवगत कि काॅलोनी में हो रही जल की बर्बादी रोकने के लिए अधिकारियों को बाध्य करे कि पानी लीकेज की शिकायतों का शीघ्र निस्तारण करें।
अब देखना है कि मंत्री कल्ला स्वयं इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं और सरकारी अधिकारी उनके निर्देशों की पालना में कितनी तत्परता दिखाते हैं। बता दें कि पानी की यह बर्बादी केवल मुरलीधर व्यास काॅलोनी में ही नहीं बल्कि पूरे शहर में सैंकड़ों गली मोहल्लों में देखने को मिल जाएगी।