पर्यटन बिना धुएं का उद्योग, पर्यटकों के लिए बीकानेर बने आकर्षण का केन्द्र-डाॅ कल्ला Tourism Smoke Industry, Bikaner becomes the center of attraction for tourists
– 1 करोड़ की राशि व्यय कर होगा बीकाजी की टेकरी का जीर्णोद्वार
-डाॅ कल्ला ने किया पुनरूद्वार कार्यों का शिलान्यास
बीकानेर, 25 जनवरी। शहर के परकोटे पर स्थित दरवाजे तथा बीकाजी की टेकरी बीकानेर की समृद्ध ऐतिहासिक स्थापत्य विरासत की बानगी है। बीकाजी की टेकरी कौमी एकता के प्रतीक और शहर के स्थापना स्थल की अनुभूति के रूप में पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय होने की संभावना रखता है। इसी भावना के साथ बीकाजी की टेकरी और इन ऐतिहासिक दरवाजांे का जीर्णोद्वार किया जाएगा। पुरातत्व विभाग मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने बताया कि पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग द्वारा बीकाजी की टेकरी के पुनरूद्वार कार्य पर 1 करोड़ और पांच दरवाजों गोगागेट, जस्सूसर गेट, नत्थूसर गेट, शीतला गेट और कोटगेट की मरम्मत व सौन्दर्यकरण कार्य पर 50 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है।
ऊर्जा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं पुरातत्व विभाग मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने सोमवार को बीकानेर के 5 ऐतिहासिक दरवाजों और बीकाजी की टेकरी की मरम्मत व पुनरुद्धार, सौन्दर्यकरण कार्य का शिलान्यास किया। इस अवसर पर डॉ कल्ला ने कहा कि पर्यटन बिना धुएं का उद्योग है जो संस्कृतियों के संवर्धन के साथ आर्थिक विकास का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
डाॅ कल्ला ने कहा कि शहर के विकास के साथ-साथ परकोटे पर स्थित सभी मुख्य दरवाजों को त्रिपोलिया स्वरूप दिया गया। पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के द्वारा अब इन दरवाजों के सौंदर्यकरण का काम शीघ्र ही प्रारम्भ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये दरवाजे अपनी मौलिकता के चलते शहर की पहचान बने, इस दिशा में हमें प्रयास करने होंगे। सौंदर्यकरण कार्य के दौरान सभी दरवाजों पर आकर्षक छतरियां बनें और इनका मूल स्वरूप भी बना रहे, यह सुनिश्चित किया जाएगा। डाॅ कल्ला ने कहा कि विकास के साथ अपनी स्थापत्य विरासत के संधारण की जिम्मेदारी हम सब की है। शहर को स्वच्छ बनाए रखने की अपील करते हुए डॉ कल्ला ने सभी नगर वासियों से कचरापात्र का इस्तेमाल करने की बात कही।
बीकाजी का पैनोरमा बने
पीएचईडी मंत्री ने कहा कि बीकाजी का पैनोरमा बनाए जाने पर भी विचार हो, इस दिशा में पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग अनुसंधान करवाएं और इसकी संभावना तलाश करें। इस अवसर पर पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक प्रकाश शर्मा ने बताया कि परकोटे के पांचों दरवाजों के मूल स्वरूप को सुरक्षित रखते हुए इनकी मरम्मत व सौन्दर्यकरण का काम करवाया जाएगा। बीकाजी की टेकरी के साथ यहां के लोगों की भावनाएं जुड़ी है इसके मद्देनजर इस स्थल का सौन्दर्यकरण इस प्रकार होगा कि इसके मूल स्थापत्य का वैभव लौटाया जा सके और पर्यटकों के बीच यह लोकप्रिय हो। इस विरासत को संधारित करने में जन सहयोग की अपेक्षा रहेगी। इस अवसर पर हीरालाल हर्ष, नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष मकसूद, नंदलाल आचार्य सहित विभिन्न गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
ये होंगे विकास कार्य
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग द्वारा राव बीकाजी की टेकरी के मुख्य स्मारक के दीवारों को पुनर्निर्माण कर मूल स्वरूप में लाने, क्षतिग्रस्त प्लास्टर को ठीक करवाने, संपूर्ण फर्श की प्वाइंटिंग करने, मुख्य स्मारक की संरचना का केमिकल ट्रीटमेंट करने, मुख्य स्मारक के चारों तरफ क्षतिग्रस्त प्लिंथ प्रोटेक्शन, स्मारक परिसर में स्थित कमरों व टांकों की मरम्मत व टूटे प्लास्टर का जीर्णोद्धार करवाते हुए रंग रोगन का काम करवाया जाकर इसे मूल रूप में विकसित किया जाएगा। इस कार्य पर एक करोड़ रुपए की राशि व्यय होगी।
विभाग द्वारा गोगागेट, जस्सूसर गेट, नत्थूसर गेट, शीतला गेट और कोटगेट के जीर्णोद्धार के लिए भी 50 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इस राशि से सभी दरवाजों की छत, दीवारों के मरम्मत और प्लास्टर का काम, क्षतिग्रस्त क्लेरिंग और पत्थर की जाली को बदलने व रंग रोगन के काम करवाए जाएंगे।
क्या है बीकाजी की टेकरी
शहर का स्थापना स्थल जहां पर राव बीकाजी ने बीकानेर की नींव रखी। इसी स्थान पर राव बीकाजी का स्मारक भी बना हुआ है।
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