पुस्तकालय अध्यक्ष भर्ती परीक्षा निरस्त करने की मांग
बीकानेर। स्थानीय व्यास पार्क जस्सोलाई में ल राजस्थान बेरोजगार पुस्तकालय शिक्षक संघर्ष समिति द्वारा बैठक रखी गई। इसमें ऑल राजस्थान बेरोजगार पुस्तकालय शिक्षक संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष कृष्णचन्द पुरोहित के नेतृत्व में समस्त पदाधिकारियों ने विचार व्यक्त किये और जिला कलेक्टर ऑफिस में केन्द्रिय राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल व ऊर्जा एव जनस्वास्थ्य और कला संस्कृति मंत्री डाॅ. बुलाकी दास कल्ला व भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्यप्रकाश आचार्य को ज्ञापन देकर पुस्तकालय अध्यक्ष भर्ती परीक्षा में चयनित फर्जी अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच व परीक्षा को निरस्त करने के लिए मांग की है साथ ही एसओजी द्वारा बैठाई गई जांच निष्पक्ष रूप से हो और पुस्तकालय भर्ती परीक्षा निरस्त करने की मांग की। साथ ही काॅलेज शिक्षा में सहायक पुस्तकालय अध्यक्ष पदों को सृजित करने की मांग की।
जिसमें केन्द्रिय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने आश्वासन दिया कि एसओजी द्वारा निष्पक्ष मांग की जायेगी। साथ ही केबिनेट मंत्री डाॅ. बुलाकी दास कल्ला ने बताया की बेरोजगारों के साथ कुठाराघात नहीं होगा एसओजी जांच के बाद ही निर्णय होगा।
प्रदेश अध्यक्ष कृष्णचन्द पुरोहित ने बुलाकी दास कल्ला को बताया कि कोरोना काल के बीच शनिवार को राजस्थान अधिनस्थ सेवा चयन बोर्ड, जयपुर की ओर से आयोजित पुस्तकालय अध्यक्ष परीक्षा जो कि 11 से 2 बजे तक थी वह परीक्षा से 2 घण्टे पूर्व पेपर आउट हो गया। साथ ही 8 से 10 जिलों में 13 लाख रूपये तक के पेपर बिकने का मामला सामने आया है जिसमें अधिकांश जिलों में भी पेपर 5-5 लाख में बेचा गया है और गिरोह के द्वारा दलालों से वाट्स अप काॅलिग और चेट के माध्यम से बातचित की जा रही है एवं पेपर उपलब्ध करवाये जा रहे है। कुछ फर्जी अभ्यार्थियों ने परीक्षा में हिस्सा लिया है और इस परीक्षा को मजाक बनाकर छोड़ दिया जिससे हम जैसे डिग्री धारी व्यक्तियों द्वारा जो कि पिछले कुछ महिनों से लगातार मेहनत कर रहे है धन का उपयोग कर रहे थे लेकिन इस तरह से पेपर का खरीद फरोख्त होना और फर्जी अभ्यार्थियों का परीक्षा में शामिल होना यह पुस्तकालय अध्यक्ष अभ्यर्थियों के साथ कुठाराघात है। साथ ही बेरोजगार अभ्यर्थियों के साथ इस कोरोना संकट के समय अशोभनीय कुठाराधात किया गया है, और अधिनस्थ सेवा चयन बोर्ड जयपुर को हटाकर किसी अन्य संस्था द्वारा परीक्षा आयोजित कराएं और मामले की जांच कराएं। साथ ही बेरोजगार पुस्तकालय अध्यक्ष अभ्यर्थियों का मत है कि यूजीसी द्वारा परीक्षा आयोजित कराए और यह परीक्षा ऑनलाइन कराए। साथ ही तीन वर्ष का अनुभव सर्टिफिकेट भी जोडे़ जिससे डिग्रीधारी पुस्तकालय अध्यक्षों का जीवन सरल व सुलभ हो सके और इस तरह से फर्जी अभ्यर्थियों का भ्रष्टाचार बढ़ावा जो हो रहा है वह पूर्णतया से मुक्त होगा। मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, अधिनस्थ सेवा चयन बोर्ड, माध्यमिक शिक्षा निदेशक को जांच करने की मांग की है। साथ ही परीक्षा निरस्त करने की मांग की है।
ऑल राजस्थान बेरोजगार पुस्तकालय शिक्षक संर्घष समिति के दीपक जोशी व शिवशंकर उपाध्याय ने कहा कि सरकार ने 1998 में काॅलेज शिक्षा सहायक पद निकाले उसके बाद आज तक पद नहीं निकाले जबकि प्रथम श्रेणी के पद आज तक विज्ञापित नहीं किये जो कि बेरोजगारों के हितों पर उनकी डिग्री पर कुठाराघात किया है। सरकार को जल्दी ही प्रथम श्रेणी व द्वितीय श्रेणी पुस्तकालय अध्यक्ष, काॅलेज सहायक शिक्षा पदों को विज्ञापित करें जिससे युवाओं का भविष्य उज्जवल हो सकें। साथ ही इतने वर्षों से पद विज्ञापित नहीं किये इसलिए कोरोना संकट के समय अभ्यर्थियों की उम्र सीमा में कम से कम 5 वर्ष अतिरिक्त कर दिया जाये जिससे की अन्य प्रान्तों में आयु सीमा 40 से 45 वर्ष हो रखी है उसी प्रकार राजस्थान में भी आयु सीमा सभी विज्ञापित पदों पर लागू हो। यह भी बोर्ड द्वारा चहेतों तो बैक डोर से प्रवेश करवाना दर्शाता है। यह तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा निरस्त होनी चाहिए।
इनका कहना है-
बजट सत्र 2021-22 हेतु सुझाव मांगे गये थे जिसमें हमारी तरफ से मुख्यमंत्री से निवेदन है कि बजट सत्र 2021-22 में लाईब्रेरियन भर्ती परीक्षा को निरस्त कर पदों की संख्या बढ़ाये और और 2018 की भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों को शामिल करते हुए पद बढ़ायें जिससे युवा बेरोजगारों में कुठाराघात न हो बेरोजगार पुस्तकालय अध्यक्ष को खुशियों की सौगात दे। क्योंकि लाईब्रेरियन ग्रेड तृतीय की भर्ती 2018 लगभग तीन वर्षों से लंबित है जिसकी एसओजी जांच निष्पक्ष हो और लाईब्रेरियन द्वितीय ग्रेड के 500 पद और तृतीय ग्रेड 750 पदों पर ई विज्ञापन जारी करायें।
– कृष्णचन्द पुरोहित, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान बेरोजगार पुस्तकालय शिक्षक संघर्ष समिति