BikanerEducationTechnology

डूंगर काॅलेज: इन्फ्रा रेड स्पैक्ट्रोफोटोमीटर से क्राइम इन्वेस्टीगेशन एवं क्रोमेटोग्राफी से दर्शाया दवाईयों के पृथक्करण का परीक्षण

0
(0)

बीकानेर। राजकीय डूंगर महाविद्यालय, बीकानेर के रसायन विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित एक सप्ताह के शिक्षक संवर्द्धन कार्यक्रम का समापन ज्ञान गंगा राज्य समन्वयक डाॅ. विनोद भारद्वाज, संयुक्त निदेशक, काॅलेज शिक्षा राजस्थान जयपुर, डाॅ. आर.सी. मीना एवं प्राचार्य डाॅ. जी.पी. सिंह के सान्धिय में वीडियो कान्फ्रेंस हाॅल रसायन विभाग में संपन्न हुआ। समापन कार्यक्रम में डाॅ. जी.पी. सिंह ने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया कि जी.सी.आर.सी., स्मार्ट साइंस लैब, एस.आई.एल द्वारा दर्शाये गये प्रायोगिक सत्रों के साथ साथ लैब विजिट का नवाचार अत्यन्त उपयोगी साबित हुआ। डूंगर काॅलेज के अन्य विभाग भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करवाएंगे। राज्य समन्वयक डाॅ. विनोद भारद्वाज ने डूंगर महाविद्यालय को श्रेष्ठतम बताते हुए शिक्षक संवर्द्धन के साथ साथ छात्र विकास पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राजकीय महाविद्यालय में पद स्थापित रिसोर्स पर्सन उच्च स्तरीय हैं एवं इनकी प्रतिभा का समुचित उपयोग ज्ञान गंगा के माध्यम से संभव हो रहा हैं। संयुक्त निदेशक डाॅ. आर.सी. मीना ने प्रायोगिक कार्यों की महत्ता पर बल देते हुए नवाचार प्रकोष्ठ एवं डूंगर महाविद्यालय द्वारा किये जा रहें नवाचारों को अनुकरणीय बताया।

IMG 20210123 WA0031

आज के कार्यक्रम का विशेष आकर्षण जी.सी.आर.सी. के डाॅ. एच.एस भंडारी एवं डाॅ. एस.के. वर्मा द्वारा आधुनिकतम उपकरण एफ.टी.आई.आर. (ईनफ्ररा रेड स्पैक्ट्रोफोटो मीटर) पर करके दिखाये गए प्रयोग रहे। डाॅ. भंडारी ने बताया कि इसका उपयोग फिंगर प्रिन्ट लेने के लिए किया जाता है जिससे क्राइम इन्वेस्टीगेशन संभव हो पाता है। साथ ही इसका उपयोग मिलावट पहचान में किया जाता हैं। अंतिम प्रायोगिक सत्र में डाॅ. उमा राठौड़ व डाॅ. राजा राम ने क्रोमेटोग्राफी द्वारा पौधों से यौगिकों जैसे क्लोरोफिल, प्राथमिक व द्वितीयक मेटालेबोलाईट के निष्कर्षण विधि का सजीव प्रदर्शन किया जिसे सभी प्रतिभागियों द्वारा सराहा गया।
इससे पूर्व पांचवें सत्र में गुजरात विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वी.के. जैन ने सुपरामालिक्यूलर कैमिस्ट्री के दवाईयों सहित अनेक विद्याओं में उपयोग को विस्तार से बताया। भोपाल की डाॅ. रूचि दुबे ने शोध कार्याें ने नवाचार एवं प्रयोगों पर रसायनशास्त्र के अनुभवों को साझा किया। जेईसीआरसी जयपुर के डाॅ. संजय के. शर्मा ने रिसर्च एनलिटीकल की तकनीक एवं प्रकाशन के विभिन्न माध्यमों सहित शोध पत्र लेखन व प्रकाशन पर मार्गदर्शन दिया। राजकीय महाविद्यालय अजमेर के डाॅ. मनोज बतरा ने लैब सेफ्टी के नियमों पर चर्चा की। अंतिम सत्र में जयपुर के प्रोफेसर आर.के.गुन्सारिया, अजमेर के डाॅ. शैलेन्द्र राठौड़ एवं सिरोही के आर.के. उपाध्याय ने आमंत्रित सत्र में व्याख्यान दिए। प्रतिभागी रिपोर्ट डाॅ. श्रुति गुप्ता द्वारा प्रस्तुत की गई प्रतिभागियों मे से डाॅ. विनोद कुमार, डाॅ. संजय माथुर, डाॅ. गौरव चावला एवं डाॅ. चन्द्र प्रकाश धारू बाड़मेर ने प्रतिदिन की रिपोर्ट प्रस्तुत की। संयोजन डाॅ. नरेन्द्र भोजक एवं धन्यवाद डाॅ. सुषमा जैन द्वारा व्यक्त किया गया।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

As you found this post useful...

Follow us on social media!

Leave a Reply