मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांगों को नजरअंदाज कर रही है सरकार
बीकानेर। अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त मंत्रालय कर्मचारी महासंघ स्वतंत्र के प्रदेश अध्यक्ष मनीष विधानी ने कि जिला अध्यक्ष कांग्रेस यशपाल गहलोत से मुलाकात कर मंत्रालयिक कर्मचारियों का मांग पत्र सौंपा। प्रदेश महामंत्री जितेंद्र गहलोत अवगत कराया कि प्रदेश में मंत्रालयिक संगठनों द्वारा बार-बार सरकार को मुख्य मांगों पर ज्ञापन भिजवाने के पश्चात भी सरकार मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांगों को दरकिनार कर रहे हैं जिस से प्रदेशभर के मंत्रालयिक कर्मचारियों में भारी असंतोष व्याप्त हो गया है
संघ की प्रमुख 6 मांगे हैं
- कनिष्ठ साहयको को विशेष वर्ग दर्जा देकर ग्रेड पे 3600 किया जावे।
- वित्त विभाग राजस्थान सरकार के दिनांक 30.10.2017 के शेड्यूल 5 के तहत हुई वेतन कटौती को निरस्त कर सातवें वेतनमान का लाभ दिया जावे।
- प्रदेश के मंत्रालय कर्मचारियों के हित में पृथक से निदेशालय का गठन कर प्रदेश के समस्त विभागों में स्टेट के आधार पर मंत्रालयिक के उच्च पदों में सर्जन किया जावे।
- सभी विभागों के नवनियुक्त मंत्रालयिक कर्मचारियों/ कनिष्ठ साहयको की परिवेदना निस्तारण कर, गृह जिलों में पदस्थापित किया जावे।
- सभी विभागों के राजकीय कार्यालयों में मंत्रालयिक कर्मचारियों के अतिरिक्त अन्य संवर्ग जैसे शिक्षक, इंजीनियर, कर्मचारियों की प्रति नियुक्तियां निरस्त कर , उन्हें उनके मूल पदस्थापन स्थान पर भेजा जावे, शिक्षा विभाग के कार्यालयों में कार्यरत शिक्षकों ,का पदस्थापन तत्काल प्रभाव से विद्यालय में किया जावे , उनके स्थान पर मंत्रालयिक कर्मचारियों के पदों में बढ़ोतरी की जावे।
- पुरानी पेंशन योजना लागू हो
उक्त मांगों को जिला अध्यक्ष कांग्रेस यशपाल गहलोत ने मुख्यमंत्री के सामने रखने का आश्वासन दिया। ज्ञापन देते वक्त, संभाग अध्यक्ष रसपाल सिंह , प्रदेश महामंत्री जितेंद्र गहलोत, प्रदेश परामर्शक लक्ष्मी नारायण बाबा , तरुण मोदी आदि शामिल रहे