देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिए राष्ट्रपति व पीएम को लिखा पत्र
बीकानेर। भारतीय जन स्वाभिमान मंच द्वारा भारतवर्ष देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए संगठन ने आज राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री व लोकसभा अध्यक्ष, को जिला कलक्टर बीकानेर के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित कर भारत को अतिशीघ्र हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए संविधान में संशोधन कर आम भारतीय की भावनाओं को पुष्ट करने का निवेदन किया गया।
इस अवसर पर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शीशपाल गिरी गोस्वामी ने कहा कि जब देश ने अंग्रेजों पर विजय प्राप्त की और 1947 में भारत स्वशासित देश बना और उस समय अंग्रेजों की कुटिल नीति वह भारत के लालची राजनेताओं की दुर्भावनाओं के कारण दो समुदाय, दो देश का सिद्धांत परिभाषित हुआ। उसी सिद्धांत के अनुकूल पाकिस्तान नामक एक इस्लामिक आतंकी राष्ट्र बना, वह भारत को तत्कालीन शुद्र विचारधारा के नेताओं के कारण इसे धर्मनिरपेक्ष देश रख दिया गया जबकि 2 राष्ट्र का सिद्धांत, धर्म आधारित था भारत को भी उसी समय हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना था परंतु दूरदर्शी नेताओं की राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण भारत को हिंदू राष्ट्र नहीं बनने दिया।
अब समय है, भारत को अतिशीघ्र हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए
संगठन के उपाध्यक्ष अरविंद ऊभा ने कहा कि भारत की अधिकांश जनता देश को हिंदू राष्ट्र देखना चाहती है जिस प्रकार पूरे विश्व में 56 इस्लामिक देश हैं और 102 ईसाई देश है वह 15 के लगभग बौद्ध देश हैं, इसी प्रकार विश्व का एकमात्र भारत को हिंदू राष्ट्र बना कर हिंदुओं के मान बिंदुओं को सम्मान दिया जाए।
संगठन के मंत्री विष्णु सिंह ने कहा कि देश वह समाज तभी अपना मनोभाव ऊंचा रख सकता है, जब उसके धर्म को राष्ट्र के रूप में सम्मान मिले अन्यथा भारत को देश कहना बेमानी होगा, क्योंकि भारत का खुद का कोई धर्म नहीं है, इसलिए भारत को अति शीघ्र हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए ।
संगठन के संरक्षक सूरजमालसिंह नीमराना ने कहा कि भारत को धर्मनिरपेक्ष राज्य रखकर, एक षड्यंत्र के तहत अल्पसंख्यक मंत्रालय बना दिया गया, अल्पसंख्यकों को अत्याधिक सुविधाएं दी गई, जबकि धर्मनिरपेक्ष देश में अल्पसंख्यक- बहुसंख्यक कुछ होता नहीं है,
परंतु छदम राजनीतिक स्वार्थों के कारण कांग्रेस जैसी भ्रष्ट पार्टियों ने इस देश को हिंदुओं के लिए धर्मनिरपेक्ष रखा, परंतु अन्य समुदायों के लिए उसे धर्म आधारित देश बना दिया।
इसलिए अब देश को हिंदू राष्ट्र बनाना अति आवश्यक हो गया है, यदि सरकारें आमजन की भाव को नहीं समझेगी तो संगठन पूरे भारतवर्ष में अन्य धार्मिक संगठनों के साथ मिलकर कड़ा आंदोलन चलाएगा।
आज के ज्ञापन में संगठन के कोषाध्यक्ष प्रभारी वैद्य सरवन सिंह राठौड़ ने कहा कि आज के इस ज्ञापन में हमने राष्ट्रपति व भारत सरकार से मांग की है कि संस्कृत भाषा को राष्ट्रभाषा कि मान्यता मिले, भारतीय देशी गोवंश को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए, भारतीय संस्कृति की शिक्षा देने के लिए गुरुकुल शिक्षा बोर्ड बने, सनातन धर्म के सभी मंदिरों धार्मिक स्थानों के लिए सनातन संपत्ति बोर्ड बने, और भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जावे।
आज के इस ज्ञापन के पुनीत कार्यक्रम में वंदेमातरम् मंच भारत के विजय कोचर, पार्षद अनूप गहलोत, बेरीसाल सिंह नीमराना, चांदवीर सिह, महेंद्र सिंह लखासर, प्रेम सिंह घुमान्दा, मनोज स्वामी, रणवीर सिंह रावतसर, ओम रामावत, राजेश आचार्य, विशाल सिंह नाथावत, कुशाल सिंह नाथावत, एडवोकेट सुनील आचार्य, अशोक कुमार, बंशीलाल प्रजापत, कन्हैयालाल जी योग गुरु, अमर सिंह राजपुरोहित, दीपक सोनी, सांवरलाल गहलोत, कृष्णा माहेश्वरी, अमित मित्तल, सुशील सुथार, राम जी सोलंकी , भरत सोलंकी, नरेंद्र सिंह राठौड़, राजेंद्र मोदी, मालजी जोशी आदि ने भाग लिया।