बस दो घंटे की छूट से सुधर जाएगा बाजार, Market will improve with just two hours discount
– शाम ढलने के बाद गजक पापड़ी कारोबार में परवान चढ़ने का क्रम टूटा
बीकानेर। बीकानेर में सीजनल प्रोडक्ट गजक पापड़ी का कारोबार शाम ढलने के बाद ही परवान चढ़ता है। कोरोना काल में यह ट्रेंड टूट गया है। इसकी वजह है अब शहर में शाम सात बजते ही कर्फ्यू लग जाता है। इस समय पुलिस की गाड़ियों का गूंजता सायरन दुकानदारों को चिंता में डाल देता हैं क्योंकि यही समय ग्राहकी का पीक टाइम होता है और इसी समय पर दुकानें बंद करने का फरमान बेहद कष्टदायक लगता है। कारोबारियों ने बताया कि प्रशासन उन्हें शाम को महज दो घंटे की छूट और दे दें तो बाजार में सुधार आ जाएगा। बता दें कि गजक पापड़ी कारोबार के लिए मकर संक्रांति का बेसब्री से इंतजार रहता है और इसके बाद यह कारोबार सामान्य स्थिति में आ जाता है। एक गजक कारोबारी ने बताया कि पिछले साल तक इन दिनों में हर रोज 15 हजार रूपए की बिक्री होती थीं, लेकिन इस बार कर्फ्यू के चलते मात्र 1500 रूपए की बिक्री हो रही है। लाॅकडाउन के चलते इस बार प्रवासियों के नहीं आने से भी गजक पापड़ी का कारोबार प्रभावित हुआ है। कारोबारियों का कहना है कि नियमित बाजार खुला रहे तो ही कोरोनाकाल से पहले की स्थिति में आएगा अन्यथा कम से कम दो साल इंतजार करना पड़ेगा।
सर्वाधिक पसंदीदा जायका
बाजार में पर्व व तेज सर्दी के साथ गजक पापड़ी सहित इनके समकक्ष उत्पादों की बिक्री बढ़ जाती है। इनमें देशी घी से बनी मूंगफली टिक्की सर्वाधिक पसंद की जा रही है। वहीं बच्चों में बंगाल की मुड़ी से बनी स्पेशल राइस रोल पहली पसंद बनी हुई है। इसके अलावा गुड़ की समोसा गजक, गुलाब रेवड़ी व इलायची रेवड़ी भी पसंद की जा रही है। वहीं खस्ता गजक व रोल गजक ग्राहकों की सदाबहार पसंद बनी हुई है।
ये हैं भाव (रू/किलो)
मूंगफली गजक 160
खस्ता गजक 280
रोल गजक 320
तिल पापड़ी 240
तिल लड्डू 240
डण्डा गजक 240
गुलाब रेवड़ी 160
पंजाबी गांठिया 240
मूंगफली गजक देशी घी 240
जावत्री गजक 320
मूंगफली टिक्की 280
समोसा गजक 320
गुलाब रेवड़ी लड्डू 200
तिल पापड़ी लड्डू 280
कारोबारियों ने यूं बयां किया अपना दर्द
भुजिया बाजार स्थित फर्म नेमचंद रामलाल (नेमजी माली) के प्रमुख भैंरू तंवर कहते है कि इस बार गजक पापड़ी का बाजार बहुत सुस्त है। करीब 30 से 40 प्रतिशत ही बाजार है। प्रशासन को मकर संक्रांति के मद्देनजर रात को 7 बजे के बाद कम से कम एक सप्ताह तक दो घंटे की छूट तो देनी ही चाहिए। ताकि बाजार में कुछ सुधार आ जाए। भैंरू कहते है कि इन दिनों गजक पापड़ी आदि उत्पादों की सर्वाधिक बिक्री होती है, लेकिन लोगों की सेविंग खत्म होने से ग्राहकी टूटी है। इस बार लाॅकडाउन के चलते प्रवासी राजस्थानी आए ही नहीं। इसलिए बीकानेर से बाहर की ग्राहकी की डिमांड ज्यादा बढ़ी है और बाहर माल भी ठीक जा रहा है। बाहर की ग्राहकी 20 से 25 फीसदी बढ़ गई है।
जोशीवाड़ा स्थित जोशी मिश्री भंडार के प्रमुख रविन्द्र जोशी का कहना है कि लोकडाउन के कारण सीजनल ग्राहकी प्रभावित हुई है। अभी दो दिन से ही ग्राहकी शुरू हुई है। कोरोना महामारी के कारण इस बार शादियां कम होने व कई घरों में डेथ होने से लेनदेन का काम कम हुआ है इससे ग्राहकी टूट गई। इस बार होम डिलेवरी का ट्रेंड बढ़ा है। हमने पहली बार होम डिलेवरी शुरू की है। ये ऑर्डर व्यापारी नहीं प्रवासी राजस्थानी ग्राहक दे रहे हैं और डिजिटल माध्यम से पेमेंट कर रहे हैं। इसमें पार्सल वालों का अच्छा सहयोग रहा। उन्होंने पार्सल पर 50 फीसदी छूट भी दे दी इससे भी होम डिलेवरी बढ़ गई। जोशी कहते है कि कोरोनाकाल से पहले की स्थिति में आने में अगले सीजन का इंतजार करना पड़ेगा।
दाऊजी मंदिर रोड स्थित श्रीकरणी भुजिया भंडार के प्रमुख राजेश व्यास कहते है कि ग्राहक शाम को ऑफिस, डिनर आदि से फ्री होकर आते हैं और फिर गजक पापड़ी की खरीद करते हैं, लेकिन शाम को कफ्र्यू ने इस ट्रेंड को तोड़ दिया है। इस वजह से इस बार हमने घेवर फीणी का उत्पादन नहीं किया। गजक उत्पादों में पहली बार कदम रखा, लेकिन कर्फ्यू ने चिंता में डाल दिया है। घेवर, फीणी, गजक और पापड़ी रात 11-12 बजे तक बिकते हैं, लेकिन इस बार ये सब खत्म हो गया है।
जस्सूसर गेट के बाहर स्थित भगवती ज्यूस सेंटर के प्रमुख जेठमल रामावत कि आज की तारीख में गजक पापड़ी का मार्केट बेहद मंदा है। पिछले साल से 60 फीसदी कमजोर है बाजार। कोरोना व कर्फ्यू इसकी बड़ी वजह है। अब तो चार दिन का सीजन है। इसके बाद उम्मीद नहीं है।
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