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काॅलेज शिक्षा: ये क्या रातों रात इतने सीनियर टीचर्स को बना दिया जूनियर, शिक्षकों ने किया वरिष्ठता सूचि का विरोध

बीकानेर 11 जनवरी। प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सात जनवरी को जारी काॅलेज शिक्षकों की वरिष्ठता सूचि का विरोध प्रदेश स्तर पर मुखर हो गया है। इसी संदर्भ में काॅलेज शिक्षक संघर्ष समिति के तत्वावधान में रविवार को जयपुर के देराश्री शिक्षक सदन में सैकड़ोें काॅलेज शिक्षकों ने एकत्रित होकर विरोध दर्ज कराया। समिति के संयोजक श्रीधर शर्मा ने बताया कि उच्चाधिकारियों से मिलीभगत के चलते लगभग दो सौ काॅलेज शिक्षकोें को रातों रात कनिष्ठ से वरिष्ठ बना दिया गया एवं योग्य वरिष्ठ शिक्षकों को कनिष्ठ बना दिया गया। डाॅ. शर्मा ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग ने 23 सितम्बर 2020 को एक अन्तरिम सूचि जारी की गयी जिसमें 1994 से 1996 के बीच नियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से ही वरिष्ठ माना गया था। जबकि सात जनवरी को जारी अंतिम वरिष्ठता सूचि में बाद मे नियुक्त लगभग 200 काॅलेज शिक्षकों को वरिष्ठ बना दिया गया। डाॅ. शर्मा ने कहा कि नियमों को ताक पर रख कर बनायी गयी इस सूचित से राजस्थान शिक्षा नियम 1986 (काॅलेज शिक्षा) का पूर्णतया उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि अनुभवी कार्मिकों द्वारा विगत 25 वर्षों से तैयार वरिष्ठता सूचि में भारी फेरबदल किया गया है।
डाॅ. शर्मा ने बताया कि किन्ही विशेष लोगों एवं एक उच्च प्रशासनिक अधिकारी की बहिन को लाभ देने की नीयत से ऐसा कृत्य किया गया है। जिसका प्रदेश स्तर पर काॅलेज शिक्षक विरोध कर रहे हैं। इस कृत्य की शिकायत राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री से भी की गयी है।
समिति सदस्य डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित ने बताया कि इस संबंध में शनिवार को बड़ी संख्या में काॅलेज शिक्षकों ने उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी को ज्ञापन देकर सम्पूर्ण प्रकरण से अवगत कराया। मंत्री भाटी ने वरिष्ठता सूचि में हुई धांधली की शीघ्र जांच कराने एवं अन्याय नहीं होने देने का आश्वासन दिया। शिक्षकों ने शनिवार को ही ऊर्जा मंत्री डाॅ. बी.डी. कल्ला को भी इस संबंध में ज्ञापन देकर काॅलेज शिक्षकों को न्याय दिलवाने की मांग की। डाॅ. कल्ला ने भी शीघ्र ही इस समस्या का समाधान करने की बात की।

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